Shakun Shastra || शकुन शास्त्र

 

Shakun Shastra || शकुन शास्त्र

नजर बाधा दूर करने का टोटका



    मनुष्य की नजर में बड़ी शक्ति होती हे।कुछ नजरी में तो बड़ा भयानक प्रभाव होते हे ।जब कोई किसी को बुरी नजर या बदनीयती से देखता है तो उसका प्रभाव नेगेटिव होते हे ,मनुष्य के नजर छोड़कर भूत ,प्रेत या ऊपरी हवा नजर लग जाते हे जो सहज में कटता नही ।नजर दोष किसीको भी लग सकते हे बुरे बच्चा जबान।नजर लग जाने पर बच्चे बिना कारण में रोना शुरू करते हे कुछ दिनो मे तबीयत खराब हो जाते हे, किसी बेक्ति विशेष इसका असर अलग अलग तरा की होती हे ।कही बेक्ति सुस्थ सबल था अचानक बीमार पड़ जाना, रातको नींद न आना घबराहट होना,भूत प्रेत को नजर लगने से शरीर पर बुखार आजाना ,तबीयत बिगड़ जाना,डर महसूस होना ,नींद में खराब खराब सपना आना ।आज नजर दोष से मुक्ति पाने के लिए कुछ सरल टोटका बता रहा हु जो आप लोग इसको आजमा सकते हे।

    १.७ लाल मिर्च और तोडा नमक लेकर एक कागज में रख ले इसके  बाद जिसको नजर लगा हे उसीके सर से लेकर पैर तक ७ बार उतारा करके उसको जला दे इससे नजर दोष समाप्त हो जायेगा।

    २. राई,लहाशुन,नमक , प्याज के छिलके सुखी लाल मिर्च को साथ साथ रखकर जिसको नजर लगा हे उसीका सर से पैर तक ७ बार या २१ बार उतारा करके घरके बाहर जला दे इससे बुरी नजर बाधा समाप्त हो जायेगा।

    ३.शनिवार या रविवार को नजर लगा बेक्ति के सिर पर से कच्चा दूध को साथ बार उतारा करके काले कुत्ते को पिला दे। इसमें नजर दोष समाप्त हो जाते हे।

    ४.काला उरद ,नमक और मिट्टी को बरा बर मात्रा में लेकर नजर लगा बेक्ति के ऊपर ७ बार घुमाके दक्षिण दिशा की ओर फेक दे ।नजर बाधा काट जायेगा।

    ५. झाडू या जूता से नजर लगा बेक्ति को २१ बार उतारा करके उसे जमीन में जोर जोर से पटक दे इससे भी नजर उतर जाते हे।

    ६.तोडा सा फिटकरी ले ले ।नजर लगा बेक्ति के ऊपर २१ बार उतारा करके उसे चौराहे पर ले जाकर दक्षिण दिशा में फेक दे ,नजर बाधा समाप्त हो जायेगा।

    ७.एक नींबू ले ले हरा बाला निखूत ,उसको नजर लगा बेक्ति के ऊपर से ७ बार या २१ बार उतारा करके बाहर लेकर चाकू से चार भाग करके चार दिशा में फेक दे । ईससे नजर बाधा समाप्त हो जायेगा

    ८.८कर्पूर की टिकिया ले ले उसको नजर लगा बेक्ति के ऊपर से ८ बार उतारा करके बाहर लेके जला दे ,इससे नजर बाधा उतार जायेगा।

    ९.एक जायफल ले ले उसको नजर लगा बेक्ति के ऊपर ७ बार उतर के जला दे इससे नजर उतर जाते हे।

    १०.एक नारियल ले ले फिर जिसको नजर लगा हुए हे उसिका शरीर पर ७ बार उतारा कर ले ,इस नारियल को लेकर किसीभी चोराया पे जाकर ऊपर से नीचे जोर से पटक दे ,नारियल पूरा टूट जाना चाहिए ,कही न दिखे ये टोटका करते वक्त नेही तो  टोटका का असर कम हो जायेगा।

    ११.नमक और पीला सरसो को सम परिमाण एकत्रित करके नजर लगा बेक्ति ऊपर ७ बार उतारा करके घरके बाहर लेकर जला दे इससे भी नजर बाधा समाप्त हो जायेगा।

    १२.एक कद्दू ले ले फिर नजर लगा बेक्ति के ऊपर ७ बार घुमाके नीचे पटक दे ।नजर बाधा समाप्त हो जायेगा 

    १३. गेंहू के आटा से एक रोटी बना ले ध्यान रहे रोटी के एक साइड में कच्चा और एक साइड में सेका हुए होना चाहिए ।जिसको नजर लगा हुए हे उसिका ऊपर से ७ बार घुमाके काले कुत्ते या भेस को खिला दे इससे नजर बाधा समाप्त हो जायेगा।

    १४.कच्चा सूत ले ले जिस बेक्ति ऊपर नजर लगा हे लंबाई मापले फिर सूत को एक अकट्ठा करके नजर लगा बेक्ति ऊपर ७ बार उतारा करके घरके बाहर में जला दे ,इससे नजर बाधा समाप्त हो जायेगा।

    १५.७मीठा या ७ लड्डू लेकर नजर लगा बेक्ति ऊपर से ७ बार घुमाके कुत्ते को खिला दे इससे भी नजर दोष समाप्त हो जाते हे।



    शरीर पर तिल (black head) रहने का फल


    शरीर पर तिल (black head) रहने का फ






    ज्योतिष शास्त्र में शरीर पर काले तिल या काला बिंदु रहने का अच्छे या बुरे फल को सूचित किया हे , ईस तिल को देख कर आप उसीके बारेमें अच्छे या खराब  के बारेमे बोल सकते हे ।ये काला तिल किसी किसी को जन्म से होते ही और किसी किसी को  कभी कभी समय के चक्र अनुसार उसका फल देने के लिए शरीर के विभिन्न हिस्सा में दिखाई देता हे आज इसका फल के बारेम विस्तारित बताएंगे ।

    ललाट की दाईने हिस्सा में तिल होने से आकस्मित अर्थ लाभ का जोग होता हे।

    आंखे की नीचे तिल रहने से अध्य बसायिर चिन्ह सूचित करता हे।

    नासिका के अंदर तिल रेहने से अर्थ उपार्जन में बाधा प्राप्त होने की संकेत मिलता हे।

    ऊपर या नीच होठ पर तिल रहने से वो एकनिष्ठ प्रेमी हे ।उसको हमेशा प्रेम निवेदन करना पसंद करता हे।

    कंठ में अगर तिल रहता हे तो सादी में बहुत अर्थ मिलने का जोग होता हे।

    छाती के मिडिल हिस्सा में तिल रहने से सुस्थ सबल शरीर समझता हे।

    छाती के दाईने हिस्सा में तिल होना बुद्धि कम होने का संकेत हे।

    पेट की ऊपर तिल होना बहुत खाने बाला और सेल्फिस टाईप का होने का परिचय मिलता हे।

    दिल के पास तिल होना दया हीन होने का परिचय देता हे।

    दाने बहु में तिल होना कठोर मेहनती करने का परिचय मिलता हे।कंठ में तिल होना भगवान के प्रति आस्था और भक्ति के प्रतीक है।ललाट के बाय हिस्सा में तिल होना दुखी और गलत काम करने बाला समझता हे ।बाए कान के पास ललाट में तिल रहने से अधिक खर्च करने बाला, नींदनिय,दुर्नामी सूचित करते हे।नासिका के दान हिस्सा में तिल रहने से आयुबान,अर्थ बान, बेबसाई सूचित करते हे।नासिका के बाए हिस्सा में तिल रहने से गरीबी ,मूर्ख,किसी अपराध से जुड़ा बेक्ति का परिचय मिलता हे।दान पैर में तिल रहने से गेनी और मेधावी का परिचय मिलता हे।कान के अंदर तिल रहने से नसीब बाला होता हे । किसी पुरुष के लिंग में तिल रहने से नारी सेक्स के प्रति आकृष्ठ होता हे और स्त्री के गुप्त अंग में होने से पुरुष के सेक्स ऊपर आकृष्ठ होते हे।

    हात की तालु में अलग अलग जगा पर तिल रहने से अलग अलग फल की प्राप्ति होते हे।

    शुक्र के स्थान पर तिल होने से असत चरित्र बाला ,पर स्त्री या पर पुरुष के साथ गलत कर्म में लिप्त होने का परिचय मिलता हे।

    बृहस्पति के स्थान पर तिल होना धर्म कर्म में बाधा प्राप्ति,गरीबी में दिन काटना समझता हे।

    शनि के स्थान में तिल होना गंभीर बेधी और पिता के साथ मत विरोध होने का समझाता हे।

    रबी के स्थान में तिल होना दुर्नाम ,अपजश सम्मान हानि होने का परिचय मिलता हे।

    बुध के स्थान में तिल होना शिक्षा में बाधा ,पुत्र शोक होना,बुद्धि हानि होना समझाता हे।

    मंगल स्थान में तिल होना मामला ,मुकद्दमा,जेल होना,शत्रु वृद्धि,दुर्घटन होने का संकेत मिलता हे

    अगर आयु रेखा में तिल होता हे तो हमेशा मृत्यु भय होने का संकेत मिलता हे।

    सिर रेखा में तिल होना उन्माद चरित्र और किसीको मारने का संकेत मिलता हे।

    हृदय रेखा में तिल होना निर्दय, निष्ठुर स्वभाव के समझता हे।

    चंद्र स्थान पर तिल होना नीच चरित्र लोग से संबंध रखने बाला या  बाली हे ।






    अंग फड़क नेका संकेत


    अंग फड़क नेका संकेत 


     


    आज अपलोगोको स्पंदन चरित्र या अंग फड़क ना चरित्र के बारे में जान कारी दे रहा हु।स्पंदन चरित्र होता हे हमारे शरीर पर समय समय में कभी कभी हात पैर या बाकी हिस्सा जैसे मस्तक ,आखों ,नाक , होठ ,कान ये सब दिल की धड़कन जैसे कुछ टाइम के या कुछ सेकेंड के लिए कापके उठता हे उसिको अंग फड़क ना या स्पंदन चरित्र बोलते हे।अलग अलग जगा पर फड़क ने से अलग अलग फल की प्राप्ति होने की संकेत मिलता हे।
    १. अगर किसिका मस्तक फड़क ता हे तो उसको राज सम्मान की प्राप्ति होते हे
    २.ललाट के ऊपर फड़क ता हे तो कुछ अच्छे खबर मिलने का जोग बनता हे ।
    ३.शरीर के दाने हिस्सा फड़क ने से सुख लाभ होते हे और बाम भाग फड़क ने लाभ मिलता हे।
    ४.दाने आंखे फड़क ने से मित्र दर्शन और आर्थिक लाभ मिलता हे
    ५.बाम आंखे फड़क ने से अर्थ हानि,शत्रु भय,लड़ाई झगड़ा होने का जोग बनता हे।
    ६.दाने आंखे का नीचे हिस्सा फड़क ने से किसी चीज से कष्ट मिलने बाला हे संकेत मिलता हे और दान आंखे की ऊपर हिस्सा फड़क ने से सुख लाभ का संकेत मिलता हे।
    ७.नाक की दाइने भाग फड़क ने से किसी बीमारी होने की संकेत देता हे और बाम साइड फड़क ने से अशुभ खबर मिलने के संकेत मिलता हे।
    ८.अगर नासिका का सारा हिस्सा फड़क ता हे तो किसी बेधी से कष्ट मिलने बाला हे या मृत्यु जोग का लक्षण है।
    ९. होट फड़क ने से आच्छे खाना या आपको अपोजिट सेक्स से लिपकिस मिलने का संबोबना बनता हे।
    १०.मुख की अंदर अगर फड़क ता हे तो आपको किसीभी चीज से लाभ मिलने का जोग बनता हे।
    ११.बाए कान फड़क ने से शरीर पर दर्द होने का संकेत मिलता हे।
    १२.दान कान फड़क ने से टूटा हुए प्यार बफस मिलता हे,विद्या लाभ होते हे और नया रिश्ते बन के जोग बनता हे।
    १३.अगर किसिका एक साथ दोनो कान फड़क ता हे तो आर्थिक उन्नति का लक्षण है।
    १४.बाए स्कन्द फड़क ने से किसीसे अपमान होने का संकेत मिलता हे।
    १५.दाने स्कन्द फड़क ने से आर्थिक लाभ होते हे।
    १६.दोनो स्कन्द या कध फड़क ने से मृत्यु का संकेत मिलता हे।
    १७. दाईने बाहु फड़क ने से आपको जय लाभ की संकेत मिलता हे।
    १८.बाम बाहु फड़क ने से लड़ाई झगड़ा होने के संकेत मिलता हे।
    १९.बाए पैर फड़क ने से सुख भोग की संकेत मिलता हे।और दाईने पेर फड़क ने से किसी दूर जगह पर जाने के जोग बनता हे।
    २०.अगर किसिका गूह फड़क ता हे तो शत्रु आपको हानि या मारने की जोजना बना रहा हे इसका संकेत मिलता हे।
    २१.किसीका नाभी फड़क ने से खराब दिन आने का संकेत मिलता हे।
    २२.पीठ फड़क ने से कही दर्द बाला बीमारी होने का संकेत मिलता हे।
    २३.छाती फड़क ने से कष्ट मिलने की संकेत मिलता हे।


    पितृ दोष से मुक्ति के उपाय

    पितृ दोष से मुक्ति के उपाय

     


    पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए करें ये उपाय ।

    जब किसी बड़े की मृत्यु हो जाती है तो उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध ,पिंडदान, तर्पण

    ब्राह्मण लोगोका भोजन आदि कार्य किये जाते हैं। लेकिन आम जिंदगी में उठते चलते किसी कारण बस से पितृ दोष लग जाते हे उनकी आत्मा को शांति नहीं मिल पाती जिसकी वजह से घर में पितृदोष की समस्या उत्पन्न होती हैं और घर में कई परेशानियां आने लगती हैं।जब तक पित्र शांत नही होता हे तब तक जिंदगी परेशानी में गुजर ना पड़ती हे।



    पित्र दोष लगने से जैसे कुछ समस्याय आमतर में होता हे 



    1.पितृ दोष के बजाय घरमे हमेशा कलह लगा रेहेता हे

    2. पितृ दोष के बजाय घरमे किसका हमेशा बीमार रहना 

    3. कर्ज में डूबा होना

    4.शत्रु प्रभावी होना 

    5. घरकेे ऊपर शत्रु दारा तंत्र मंत्र या काला जादू प्रयोग होना।

    6. घरके अंदर भूत प्रेत का बास होना।

    7.कही बड़ा एक्सीडेंट होना घरका किसीको ।

    8. घरमे कही शुभ काम न होना

    9.जिनका ऊपर पितृ दोष लगता है रातको सपना ना आना या बहुत आना।

    10.अपना कुल का नाश होना।




    पितृ दोष शांति के उपाय



    इन परेशानियों से राहत पाने के लिए पितृदोष को समाप्त करना जरूरी है। पितृ दोष को शांत करने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय बताये गए हैं, ये सब उपाय को अपनाकर पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाई जा सकती हैं। तो इये जानते हैं उन उपायों के बारे में।

    * सामान्य उपायों में षोडश पिंड दान ,सर्प पूजा ,ब्राह्मण को गौ -दान ,कन्या -दान,कुआं ,बावड़ी ,तालाब आदि बनवाना ,मंदिर प्रांगण में पीपल ,बड़(बरगद) आदि देव वृक्ष लगवाना एवं विष्णु मन्त्रों का जाप आदि करना , घरमे होम आदि करना पूर्वज का नामोपे,प्रेत श्राप को दूर करने के लिए श्रीमद्द्भागवत का पाठ करना चाहिए।

    * पितर आदर सम्मान चाहते है।इसीलिए हमे कबीभी पूर्वज किसीका नामपे गाली देना या कही खराब बात बोलना नही चाहिए।किसी भी शुभ कार्य, मांगलिक कार्य, पूजा पाठ में हमें उनको जरुर याद करना चाहिए। उन्हें पूर्ण सम्मान और श्रद्दा भाव से पूजना चाहिए।

    * नियमित भगवान विष्णु की पूजा करने से भी पितृ दोष से छुटकारा मिलता है। माना जाता है कि मरने के बाद सभी आत्माएं परम-शक्ति यानी भगवान विष्षु में विलीन हो जाती हैं और आत्मा-परमात्मा के इसी मिलन को मुक्ति कहा जाता है। 

    * अगर कोई व्यक्ति पितृदोष से पीड़ित है और उसे अप्रत्याशित बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है तो उसे अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर्म संपन्न करना चाहिए या पिंड दान करना चाहिए। वे भले ही अपने जीवन में कितना ही व्यस्त क्यों ना हो लेकिन उसे सब करना चाहिए ईससे पितृ शांत होता हे।

    * जिसे पित्र दोष लगा हे बो आगर किसी गरीब कन्या के विवाह की जिम्मेदारी लेता है तो उस पर पड़ने वाला पितृ दोष का प्रभाव कम हो जाता है इसके साथ ही उसे भगवान तथा अपने पूर्वजों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। 

    * अमावस्या के दिन स्टील के लोटे में कच्चा दूध, दो लौंग, दो बतासे, डाब, काले तील लेकर संध्या के समय पीपल के पेड़ पर चढ़ा दे फिर एक जनेऊ चढ़ाये। इससे पितृ देव खुश होते है।


    * दों और पुराणों में पितरों की संतुष्टि के लिए मंत्र ,स्तोत्र एवं सूक्तों का वर्णन है जिसके नित्य पठन से किसी भी प्रकार की पितृ बाधा क्यों ना हो ,शांत हो जाती है अगर नित्य पठन संभवना हो , तो कम से कम प्रत्येक माह की अमावस्या और आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या अर्थात पितृपक्ष में अवश्य करना चाहिए। वैसे तो कुंडली में किस प्रकार का पितृ दोष है उस पितृ दोष के प्रकार के हिसाब से पितृदोष शांति करवाना अच्छा होता है।

    * बृहस्पतिवार के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाने और फिर सात बार उसकी परिक्रमा करने से जातक को पितृदोष से राहत मिलती है।

    * अपने भोजन की थाली में से प्रतिदिन गाय और कुत्ते के लिए भोजन अवश्य निकालें और अपने कुलदेवी या देवता की पूजा अवश्य करते रहें। रविवार के दिन विशेषतौर पर गाय को गुड़ खिलाएं और जब स्वयं घर से बाहर निकलें तो गुड़ खाकर ही निकलें। संभव हो तो घर में भागवत का पाठ करवाएं । किसीभी होम या पूजा अनुष्ठान में खुद सहयोग दे इससे भी पितृ शांत होता हे।


    बिशेस बाते 



    शकुन शास्त्र ज्योतिष में एक बड़ा अध्याय हे शकुन शास्त्र में जितना प्रयोग बिधि भबिस्य बानी शकुन अपशगुन सब बिज्ञान सम्मत भी हे इसका पीछे में एक गुप्त कारण अब्स्या रहते हे। सही जाँच करने से इसका पता चल जायेगा। 

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