प्रकितिक बस्तु और तंत्र का प्रयोग


प्रकितिक बस्तु और तंत्र का प्रयोग

 सियार सिंगी और हत्था जोड़ी का प्रयोग



    1. सियार सिंगी और हत्था जोड़ी को एकसाथ में  घर में पूजा की स्थान में रखके पूजा करने  से धन का आगमन धन का बचत होता हे  मां लक्ष्मी का आगमन होता हे और व्यक्ति की इच्छाये धीरे धीरे अपने आप पूरी होने लगती है। मान सम्मान भी बडने लगता हे

    2. सियार सिंघी एवं हत्था जोड़ी व्यापार या नौकरी में आपका कैश ड्रेयर में या ऑफिस में किसीभी स्थान पे चांदी के डब्बा मे भरके हर सुबह शाम को धूप दीप देने से बहुत जल्दी तरक्की करने लगता हे ,

    3. कई बार ईर्ष्या के कारण कुछ लोग तंत्र मंत्र काला जादू का प्रयोग करा के दुकान को बांध देता हे, जिससे दूकान में ग्राहक नहीं आते ,दुकान के कर्मचारी काम छोड़के  भाग जाते हे।दुकान की बिक्री बंध हो जाते हे . ऐसे में सियार सिंघी के साथ हत्था जोड़ी को लेकर पूजा स्थान में रखके शुभै शाम पूजा करने से दुकान फिरसे चलने लगता हे।

    साथमे दुर्गा माता की ईस मंत्र कि जप करने से सबसे अच्छा रिजल्ट मिलता है।

    ॐ एईम हरीम क्लीम चामुंडाए विच्चे।

    4. सियार सिंगी और हत्था जोड़ी एक साथ राख कर जिस बेक्ति पूजा करते हे उसका कभीभी किसी चीज का कमी मेहसूस नही होता हे

    5. सियार सिंगी और हत्था जोड़ी घरमे रखने से आपका घरका वस्तु दोष भी धीरे धीरे ठीक होने लगता हे।आपका पारिवारिक शत्रु  अधिक मात्रा में हे तो वो भी कम होने लगता हे।

    6. सियार सिंगी और हत्था जोड़ी

    साथ रखा जाए तो यह ये बहुत ताकत बर बन जाते हे। इसे चामुंडा मंत्र से हर रोज पूजा करने से सिद्ध हो जाते हे।आपका हर बिगरा हुए काम बनने लगता हे।

    परिवार में अगर कलह क्लेश रहेता हे वो भी धीरे धीरे खत्म होके पारिवारिक सुख शांति  बनने लगता हे।

    7.जिसका कुंडली में अशुभ जोग,अकाल मृत्यु जोग, काल सर्प जोग होता हे वो हमेशा अपने पास शियार सिंगी पास में रखे और मा दुर्गा की मंत्र :

    ॐ एईम ह्रिम क्रीम चामुंडाय बिच्चे ।हमेशा जप करे आपका दुष्ट ग्रह बाधा कट जायेगा ।

    8. आपका घर परिवार को किसीने तंत्र मंत्र काला जादू करके परेशन कर रहा है तो आप घरौमे सियार सिंगी और हत्था जोड़ी एक साथ लेकर पूजा के स्थान में लाल सिंदूर ,गोरचन, कुम कुम देकर पूजा कर सकते हे पूजा में मा काली या दुर्गा माता की मंत्र जप कर सकते हे।आपका घरका सारा परेशानी दूर हो जाएगा।

    9.आपका दुश्मन आपसे बहुत प्रभाव शाली हे आप उनसे डरते हे ।हमेशा आपको लगता हे आपसे कुछ करना दे हमेशा एक डर मेहसूस होता हे या आपको किसीभी अनजाने डर हमेशा सताते हे आप किसीको बोल भी नहीं पाते हे ।आप सियार सिंगी और हत्था जोड़ी एक साथ राख लीजिए पास में याद रहे ये पहले सिद्ध होना चाहिए।

    10. यदि आप लगातार किसीभी गंभीर बीमारी से परेशान हे बहुत इलाज करने के बाद में भी बीमारी ठीक हो नही रहा है इसी हाल में आप रवि पुस्स्य नक्षत्र में सियार सिंगी और हत्था जोड़ी घरमे स्थापन कर लीजिए और हर रोज तोडा तोडा सिंदूर उसके ऊपर चडाये आप बहुत जल्दी आरोग्य होने लगेगें।


    काला सिंदूर का प्रयोग

     



    जीवन की प्रत्येक क्रिया तन्त्रोक्त क्रिया है।किसी भी वनस्पति के साथ कोई तंत्र करने पर वनस्पति तंत्र कहा जाता है।वैसे ही  यह प्रकृति,यह तारा मण्डल,मनुष्य का संबंध,चरित्र,विचार,भावनाये सब कुछ तो तंत्र से ही चल रहा है;जिसे हम जीवन तंत्र कहेते है। जीवन मे कोई घटना आपको सूचना देकर नहीं आति । है,क्योकी  सामान्य व्यक्ति मे इतना अधिक सामर्थ्य नहीं होता है की  वह काल की  गति को पहचान सके,भविष्य का उसको ज्ञान हो,समय चक्र उसके अधीन हो ये बाते संभव ही नहीं,इसलिये हमे तंत्र की शक्ति को समझना आवश्यक है।



    सिद्ध काला सिंदूर 



    सिद्ध काला सिंदूर तंत्र जगत की बहुत ही दुर्लभतम वस्तु मानी जाती है । 

    तांत्रिकों एवं कला जादू करने वालो के लिए ये उसी प्रकार है ।जैसे अंधेरे में व्यक्ति को अचानक सूर्य प्रकाश मील जाय।  काली और त्रिपुर सुंदरी , एवं बाबा  भैरव महाराज के मंत्रों के अनुष्ठान में कला सिंदूर  तांत्रिकों की सबसे महत्वपूर्ण वस्तु है।64 योगिनियो की सिद्धि या उनका यंत्र बनाने के लिए मुख्य रूप से  चाहिए ।सिद्ध। काला सिंदूर।।

    अत्याधिक दुर्लभ होने के कारण यह आसानी से प्राप्त नही होता । गुरु कृपा ही केवलं यही पंक्ति यहां पर याद आती है क्योंकि बिना गुरु कृपा ये प्राप्त नही हो सकता । रावण कृत उड्डीश तंत्र के अनुसार शुद्ध कला सिंदूर पूरी पृथ्वी पर केवल 1600 किलो है । इसे प्राप्त करना अत्यंत दुर्लभ है । दस महाविद्या की किसी भी साधनाओ में अगर सिद्ध काले सिंदूर का उपयोग केवल तिलक के रूप में किया जाए तो यह ईष्ट को आकर्षण करने का कार्य करता है ।मता महा काली के एवं भैरव बाबा कि पूजन एवं सिद्धि में भी यह कला तिलक सहायक है। एवं सिद्धि की प्राप्ति में 100% सहायक होता है।  इससे  यह  सिद्ध कला सिंदूर  तंत्र विद्या और काला जादू के लिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। सिद्ध कला सिंदूर की इतनी मान्यता है कि अगर इसका तिलक करके कोई भी व्यक्ति अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए माँ भगवती काली को आवाहन करे तो व्यक्ति किसी भी कार्य से जाए उसमे सफलता प्राप्त होती है।।कोई अपना प्रीय बिछड़ गया हो उसे वापस प्राप्त करना हो उसके किसी भी कपड़े या उसके बाल युक्ति से प्राप्त कर  उसपर सिद्ध कला सिंदूर लगाए एवम निम्न मंत्र का जाप करे आप का प्रीय आपको आपके घर पर आकर मिलेगा ।किन्तु ये सिंदूर इतना दुर्लभ है कि इसका मन्त्र भी हर किसी को नही दिया जा सकता ।

    तंत्र का क्षेत्र अत्यंत दुर्लभ है ।64 योगिनी मंदिर मुरैना के पास पाया गया है ये पूरातत्व विभाग के अंतर्गत आता है इस क्षेत्र के आसपास क़ई  शिलालेख एवं  कई तांत्रिक मंत्र पाए गए हैं जिससे स्पष्ट है ।जिसमे कला सिंदूर के विषय में इतना दुर्लभ शिला लेख है कि इस काला सिंदूर को स्वर्ण में बदला जा सकता है।।।।64 योगिनी  मंदिर के आसपास इसका महत्वपूर्ण आधार है। ऐसा माना जाता है कि अधिकांश कौल तांत्रिक की उत्पत्ति यही  हुई है। सामान्य धारणा यह है कि कोई भी व्यक्ति तब तक पूर्ण तांत्रिक नहीं बन सकता जब तक कि वह 64 योगिनी  के सामने साधना करके माथा न टेके। 

    अकसर यह सोचा जाता है कि तंत्र विद्या और काली शक्तियों का समय गुजर चुका है। लेकिन 64 योगिनी तंत्र  आज भी यह जीवन शैली का हिस्सा है।। शक्ति तांत्रिक ऐसे समय में एकांतवास से बाहर आते हैं और अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करते हैं। इस दौरान वे लोगों को वरदान अर्पित करने के साथ-साथ जरूरतमंदों की मदद भी करते हैं।वैसे तो 64योगिनी मंदिर अत्यंत प्राचीन  मंदिर में दिया जाने वाला प्रसाद भी दूसरें शक्तिपीठों से बिल्कुल ही अलग है। इस मंदिर में प्रसाद के रूप कभी कभार ये कला सिंदूर किसी सिद्ध तांत्रिक के द्वारा किसी बिरले को ही प्राप्त होता है।।। सिद्ध कला सिन्दूर  कभी कभार ही   दिया जाता है । कहा जाता है कि जब योगिनियां सिद्ध होती है । तो सफेद रंग का कपडा हर योगिनी के सामने बिछा  दिया जाता है ।।   तब वह वस्त्र 3 दिन के बाद  रज से काले रंग का   होता है। इस कपड़ें को  कला वस्त्र  कहते है। इस वस्त्र से ये कला सिंदूर प्राप्त कर लिया जाता है । यह एक अत्यंत गोपनीय प्रयोग  है। इसे ही भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। सिद्ध कला  सिन्दूर पाउडर के रूप। में जो की 64 योगिनियो के मंदिर से प्राप्त होता है ।

    सिद्ध कला सिन्दूर से वशीकरण सम्भव है और मै यहा आज मेरे आजमाये हुये प्रयोग दे रहा हूँ। 

    1-किसी भी अष्टमी के दिन शुभ समय पर सिद्ध कला  सिन्दूर पर "त्रीं" (Treem) बीज मंत्र का 30-40 मिनट तक जाप करे और सिन्दूर को संम्भाल कर रखें। जब भी किसी महत्वपूर्ण कार्य पर जाना हो तो स्वयं सिन्दूर का तिलक करके जाये तो सभी कार्यो मे सफलता प्राप्त किया जा सकता है। 

    2-अगर किसी साधना मे सफलता ना मिल रहा हो तो सिद्ध कला  सिन्दूर (स्याही) से भोजपत्र पर महुआ (पेड़) के कलम से  अगर नही मिले तो अनार के पेड़ की लकड़ी जिसे दाढ़ीम की लकड़ी भी कहा जाता है।।जिस मंत्र को सिद्ध करना हो वह लिखे। उसका साधारण पुजन करते हुए उसको देखते हुए मंत्र का जाप करे तो मंत्र जागृति होता हैं। इस तरह से किसी भी विशेष मंत्र को सिद्ध किया जा सकता है। 

    3-मन मे कोइ मनोकामना हो जो पुर्ण नहीं हो रहा हो तो किसी नये लाल वस्त्र पर एक सुपारी रखे जो भैरव का रुप माना जायेगा और उसका किसी अमावस्या के रात्री मे पुजन करके "ॐ भं भैरवाय मम अमुक कामना शिघ्र सिद्धये ह्रीं फट" मंत्र का जाप 324 बार करके सिद्ध कला सिन्दूर का सुपारी को तिलक लगायें । यह क्रिया होने के बाद सुपारी को उसी लाल कपड़े मे बांधकर उसी रात से सर के निचे रखकर सो जाये। जब तक आपका मनोकामना पुर्ण ना हो तब तक सुपारी को सर के निचे रखकर ही सोना है और मनोकामना पुर्ण होने के बाद सुपारी को लाल वस्त्र के साथ बहते हुए जल मे प्रवाहित कर देना है। इस प्रयोग से मनोवांछित पाया जा सकता है,फसा हुआ धन वापस मिल सकता है,शादी जुड़ सकता है.....इस प्रकार से बहोत सारा मनोकामना पुर्ण किया जा सकता हैं। 


    4-जिवन मे धन का अभाव हो और अच्छा पैसा कमाने के बाद घर मे पैसा टिकता ना हो तो पिले रंग के वस्त्र मे सिद्ध कला सिंदूर   के साथ नागकेसर को बांधकर तिजोरी मे रखे तो इस प्रकार के समस्या का समाधान हो सकता है। 

    5-अब महत्वपूर्ण प्रयोग जो शायद कुछ लोगो के लिये विशेष है। यह प्रयोग वशीकरण हेतु है,जब दो प्यार करने वालो के जिवन मे किसी कारण से मनमुटाव आजाये और दोनो का रिश्ता टुट जाये तो यह साधनात्मक प्रयोग जो खोये हुए प्यार को वापस जिवन मे प्राप्त किया जा सकता है। यह एक तान्त्रिक प्रयोग होते हुए भी आसान सा प्रयोग है,इससे हम जिसे चाहते है उसको प्राप्त कर सकते है। 




    तांत्रिक वशीकरण प्रयोग:-




    सिद्ध काले सिन्दूर को गुलाब जल में  मीला कर स्याही बनाये शुक्ल पक्ष के शनिवार को अगर पुष्य नक्षत्र हो तो बहुत उपयोगी होगा किसी भी चौराहे से मिट्टी लेकर आये उस मिट्टी की पुतली बनाये उस पुतली पर काले सिंदूर से आँख नाक कान बनाये एवं साध्य स्त्री का नाम लिखे उसके बाद काले सिंदूर की स्याही से 1 घेरा बनाये उस घेरे में पुतली को रखे । उपरोक्त मन्त्र की 10 माला जापे प्रबल वशीकरण होगा ।

    उत्तर दिशा मे मुख करके  यह एक गोपनिय प्रयोग है।

    मंत्र:।।

    ।।जंगल की योगिनी पाताल में नाग उठ गए मेरे वीर लाओ मेरे पास जहाँ जहाँ जाए मेरे सहाई तहां तहां आव कजभरी नजभरी अन्तासो अगरी तक नफे तक एक फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा मेरे गुरु का वचन साँचा जो न जाये वीर गुरु गोरखनाथ की दुहाई।।

    अब आप लोग समझ ही गये होगे की सिद्ध कला  सिन्दूर को मोहिनी भी कहा जाता है। मैंने यहा मंत्र को  आपके सामने रखा।

    तांत्रिक ग्रंथो के अनुसार सिद्ध काले सिंदूर का  1 टीका किसी बच्चे को रोज  लगा दिया जाए तो नजर दोष दूर हो जाता है।।कोई मकान नया बना हो तो मकान पर कही भी सिद्ध काले सिंन्दूर का एक टीका एकाक्षी नारियल के साथ किसी मटके में रख कर घर के मुख्य द्वार पर लटका दे कभी भी घर बनाने में विलंब नही होगा।अगर केवल सिद्ध काले सिंदूर का एक टीका भी रोज लगा लिया जाए तो 9 ग्रहों के दुष्ट  परिणामो से 100% मुक्ति मिलती है ।. किंतु ये समझ लीजिए कि कला सिंदूर ओरिजनल होना चाहिए।।।

    शुद्ध एवं सिद्ध।।।

    मुख्य रूप से काला सिंदूर एक अत्यंत दुर्लभ वस्तु है जो सिद्ध होने के बाद आप को रंक से राजा  बना सकती है इसके अलावा धरती में से  स्वर्ण की खोज एवं अत्याधिक उच्च तांत्रिक क्रियाओं के लिए इस सिद्ध काले सिंदूर का प्रयोग किया जाता है सभी लिखना सम्भव नही है ।।



    पारा विज्ञान या पारद शास्त्र 





    पारे को लेकर सारी दुनिया में एक आजाना रहस्य छुपा हुए हे बहुत लोगों को इसके बरेमे पता हे और बहुत लोगोंको इसका पता नही हे।हिंदू पुराण शास्त्र में इसका बहुत उल्लेख मिलता हे शुद्ध पारा से रोगी का इलाज भी होता हे जो अमृत के समान काम करता हे दूसरी तरफ अशुद्ध पारा सबसे खतर नाक विष या जहर का तरा काम करते हे ।इसका जहर इतना गुप्त रूप से शरीर पर कब्जा करती हे जो डॉक्टर लोग इसका इलाज कर नही पता हे ठिकसे ।बीमारी तो पता चल जायेगा बीमार आदमी से लिकिन अगर उसको पता नही क्यों या किसलिये हो रही हे तो वो पागल की तरा हो जायेगा।पुराना जमाने में लोग शत्रु के ऊपर प्रयोग करते थे ,खाने के साथ या जैसे पान ,कही खाने का चीज या पीने का चीज में मिलाके खिला दे रहा था जो पता नही चलेगा।जो धीरे धीरे बीमार हो जाता था और एक दिन मृत्यु को प्राप्त कर जाता था।किसीको पता भी नही चलता हे किस लिए मरा हे।

    तंत्र शास्त्र में इसका गुप्त प्रयोग हे जो तांत्रिक लोग किसीसे दुश्मनी निकल नेके लिए जब तांत्रिक को लगता है कही तंत्र मंत्र शत्रु के ऊपर प्रभाव नही हो रही हे ,ऐसा स्थिति में पारा को खिला दे रहा था। आजके जमाने में भी बहुत लोग इसका दुरुपोयोग करता हे।

    बाहर देशों में पारद पर प्रतिबंध लगाए गेया हे।स्रिफ भारत देश में इसका उपयोग हो रहा हे।हिंदू शास्त्र में पारद से बना शिव लिंग पारद गुटिका ,पारद यंत्र पूजन करने का रीति हे।आयुर्वेद शास्त्र में पारद एक बहुत बड़ा हिस्सा लेके बैठा हे।पारद को अगर आयुर वेद से निकल देंगे तो आयुर्वेद शास्त्र खाली पर जायेगा। ऋग्वेद में पारा से होने बाला बहुत  मेडिसिन के बारे में बताए हे ।और भी बहुत पंडित और शास्त्री लोग इस पारद शास्त्र को शोध और उपयोग करके नैया रूप दिया हे ।जैसे नागार्जुन ,संकरा चार्ज और भी बहुत पंडित और तांत्रिक ओ ने इसका ऊपर किताबे लिखा हे जैसे रस शास्त्र,रस विज्ञान,पारद विज्ञान और भी बहुत किताब है। उसमे पारा से सोना या चांदी बनाना ,रोग से मुक्ति पाना दीर्घ आयु की प्राप्ति करना सब ग्रंथ में लिखा हुए हे।

    पारद तीन तरा की होती हे

    १.Elemental or metallic mercury

    २. inorganic Mercury

    ३.organic mercury

    इस पारा असुद्धि रूप से इंसान की शरीर पर विषक्रिया जैसे प्रभाव बि डालता है।

    सबसे ज्यादा बच्चे के शरीर पर प्रभाव दिखाते हे।बच्चे के शरीर के nervous system और पाचन तंत्र को नुकसान करती हे।metalic Mercury बहुती खतरनाक प्रभाव डालता है।पारा होने वाले बच्चे की मां की गर्भ को  स्थाई रूप से नुकसान करती हे। एक बार बच्चे की खून में आजाते हे तो बच्चे की शरीर की सारे सिस्टम को बिगड़ देता हे। थोरी मात्रा में भी पारा अगर नैया जन्म होने बाला बच्चे की शरीर पर अति हे तो बच्चे की शरीर और मस्तिष्क के ऊपर प्रभाव डालते हे।

    शुद्ध पारा एक तरल धातु हे जो लगभग ५० C पर रंग हीन गंध हीन बास्फ में परिवर्तित होता हे

    मनुस्य के शरीर पर जाने के लिए बहुत रास्ते हे हालाकि ये मिट्टी पत्थर और चट्टानों में पाया जाता हे ।मनुष्य के शरीर पर जाने का सबसे आसान तरीका कोयला से चलने बाला कही प्लांट या फेक्ट्री ।जलने बाला कोयला के धोया में पारा मिक्स हो जाते हे और ये हमारी बताबरन में या आस पास की जल की धारा में बैठ जाते हे।फिर धीरे धीरे फूड सर्कल में जलीय जीव आहार करते हे इसके बाद जलीय जीव को मनुष्य आहार करते हे ऐसे चले आते हे शरीर पर ।दूसरी तरफ जिन लोग सोने की काम करते हे उनके संस्पर्स से भी शरीर पर आजाते हे।पारा शरीर पर कभी कभी सीधा असर नही करता हे अधिकतर ये slow position जैसा काम करता हे शरीर में। आजके समय में पारा या उसका कही compound कही chamical prossesing में उपोयोग लाए जा रहे हे। अगर इनसे निकल ने बाला waste material सही तरीका से disposal नही करते हे तो बताबरण सीधा असर पड़ता है।



    पारा से होने बाला कुछ बीमारियां




    पारा आमतौर में जब तक मनुष्य का शरीर में प्रवेश नेहिं करता तब तब तक किसीको नुकसान नुकसान नही पहुंचाता है।अल्प मात्रा में पारा अगर शरीर में चला आते तो शरीर में स्वस्थ पर सीधा असर पड़ती है। 

    पारा का प्रभाव शरीर में brain,heart, kidney,lungh or immunity system को पूरी तरा से खराब कर देता हे।

    इससे शरीर में अंधा पन,शरीर में कम्पन होना,कमजोरी मेहसूस करना, आत्मविश्वास की कमी महसूस होना,घबराहट होना , यादस्त में कमी होना, मांस पेशियों में दर्द होना,सिर दर्द,स्किन में इंफेक्शन होना,बाल झड़ जाना,अधिक मात्रा में गुस्सा होना,शरीर पर सेक्स का कमी,नींद न आना,आंखों में खुजली होना,शरीर के अंग में सुन्ना पर जाना, पैरालाइसिस हो जाना,खाने का इच्छा धीरे धीरे कम होना, प्रेसाब में इंफेक्शन होना,शरीर के मांस पेशियां में कम्पन होना,नींद न आना ,कभी कभी नींद आयेगा तो नींद में खुदको जगा हुई मेहसूस करेगी लिकिन उठ नही पायेगी,ऐसा स्थिति में खुदको मेहसूस होगा कही बुरी शक्ति शरीर पर कब्जा कर रही हे,बहुत खराब और बुरी सपना भी आयेगा,नींद लग तेई शरीर गरम हो जायेगा और नींद टूट जायेगा,शरीर पर बहुत मात्रा में घबरा हट होगा, और बहुत तरा की बीमारी का सामना करना पड़ सकते हे।ये सब बीमारी में डॉक्टर लोग ठोकसे इसका इलाज कर नही पायेगा जब तक पता न चल पाया ये किस्से हो रहा हे ।पारा ऐसा हे किसका शरीर में चला जाए तो मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट में जादतर इसका रिपोर्ट नॉर्मल ही आता हे ।और लोग जगा जागा पर भटक ताये इसीलिए कही किसीने मेरे ऊपर बड़ा बाला काला जादू  कर दिया हे, लिकिन इसका इलाज हो नही पता हे,आप जितना भी तांत्रिक ,ओझा ,कविराज दिखाएंगे 

    जब तक पता नही चलेगा क्यों हो रही हे तब तक आपको पागल की तरा घूमना पड़ेगा,पारा शरीर पर आके तो रह नही पाता हे कही से ना कही से शरीर से निकल जायेगा लिकिन ऊपर में दिया हुई सारे बीमारी को बना के चला जायेगा।ये सब आपके साथ या आपके परिवार सदस्य किसके साथ भी हो सकते हे।अगर आपको लगराहा हे ऐसा कुछ दिक्कतें हो रही हे आप हमसे निशुल्क संपर्क कर सकते हे।




    पारा का गलत उपयोग कोन करता हे




    अजके समोय में पारा अगर किसी काम काज करते हुए शरीर में चला आया तो आपको पता चल जायेगा लेकिन कही दुश्मन या शत्रु या आपका मित्र आपका अहित चाने बाला चुपके से खाने के चीजों में मिलाके खिला देता हे ।जिसका परिणाम बहुत भयानक होता हे आपको पता नही चल पाएगा केया हो रहा हे आपके साथ।ऐसा बीमारी जिंदेगी में अप कभी सोचा नेहीं होगा या देखा नेही होगा ।इसका इलाज कर नही पायेंगे तो आप पागल होके घूम भी सकते हे शरीर पर ऐसा हरकत होगा किसीको बताने से कही यकीन नही करेगा ।लेकिन ये सब पारा खिलाने से होता हे ।पुराने जमाने में भी इसका प्रयोग हो रहा था शत्रु को मरने के लिए और अभी भी इसका प्रयोग होता हे।जिसको कैमिकल के बारे में जानकारी होता हे वोही इसका दुरुपोयोग करता हे। आज कल कुछ तांत्रिक ओझा ओ ने भी इसका प्रयोग करते हे।किसीको जैसे मीठा पान,खीरी का मलाई,मीठा, शराब और भी बहुत चीजों में मिलाबत करके किसको खिला देता हे ।जिसको पता नही चलता हे वो धीरे धीरे बीमार होके एक दिन मृत्यु को प्राप्त कर लेता हे।किसके साथ अगर ऐसा कुछ हुई हे तो कमेंट करके जरूर बताना।



    Post a Comment

    0 Comments
    * Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.