gupta shatru badha |
गुप्त शत्रु बाधा तंत्र मंत्र बाधा से बचने का उपाय
आप आगर शत्रु से परेशान हो गेया ,शत्रु आपके पीठ पीछे बार कर रहे हे चुप चुपके आपको कुछ एहसास हो रहा हे ,जैसे आपका पारिवारिक अशांति बिना कारण में ,आपका तरक्की पहले हो रहा था अभी नही हो रहा हे,आपको सोते वक्त डरा हुए मेहसूस होना ,सपने में गंदे चीज को देखना, आपना शरीर पर बिना कारण में दर्द होना ,शरीर में उपयुक्त आहार होने के बाद भी हात पैर शुन्नाटा पड़ जाना।शरीर हिल जाना अचानक शरीर भाईब्रेट होना कुछ समय के लिए।और भी बहुत सारे सिंबल हे शत्रु आपका ऊपर धीरे धीरे बार कर सकते हे फिर किसी एक दिन जोर से तकलीफ आना ये सब किए कराया काला जादू ,तंत्र मंत्र से होता हे । अाजके जमाने में ईस आधुनिक जुग में बहुत लोग यकीन नही करता है और बहुत लोग तो प्रेस्टीज के बजाय से किसीको अपना तकलीफ भी नही बताते ,जाके मेडिकल में पैसा बर्बाद करते हे लिकिन कही फायदा भी नही होता हे ।एक सच्ची घटना हे मेरे दोस्त समीर उनका बाप ७ सालो से पैरालाइसिस में भोग रहा था ,बहुत बड़ा से बड़ा मेडिकल जाकर भी ठीक हो नही पाया था ,दिन रात बिस्तर में पड़ा हुए थे ।जीने के उम्मीद भी छोड़ दिए थे परिवार बालो ने, फिर एक दिन उनके घरोमे एक भिखारी आई बात चीतो के बाद समीर के बाबा जाके देखा और बोलने लगा इनका ऊपर काला जादू हुई हे इनको किसीने कुछ खिला पिला दिया हे इनको कही अच्छा तांतिक या गुनीन पास ले जाओ ये ठीक हो जायेगा यकीन मानिए नेक्स्ट दिन ही एक पास के गांव में एक बाबा के पास लेकर गई और उसने कुछ जड़ी बूटी पाउडर पानी में मिक्स करके दिया पीने की लिए और बोल दिया था और भी दो दिन पिलाने से ठीक हो जायेगा ।३-४ दिन के बाद से वो खुदसे चलने लगा था , आज तो बिलकुल ठीक हो गेया ।ये मेरे आंखों के सामने हुई घटना हे ।काला जादू करके किसीको बीमार ,पागल कुच भी कर सकते हे।इसी लिए बोल रहा हु आप लोग भी खाने पीने का ध्यान दीजिए । अधिक बिस्वास करने बाला आदमी ही जलन से कुछ कर देता हे और हम लोगोको पता भी नही चलता हे।
आज में आप लोगो को हनुमान जी का एक रक्षा कवोच दूंगा इसिको हर दिन शुभे ७ बार पाठ या रात्रि में सोने के पहले ७ बार करके शोना हे ,आपको बजरंग बली हनुमान सदा आपको रक्षा करेगा और शत्रु से भी बचाएगा।
मंत्र: ओम जेते हनुमान राम दूत चलो , बेग चलो,लोहे का गदा बज्र का लंगोट पान का बीरा,तेल सिंदूर की हाहाकर पवन पुत्र का लांच चक्र हस्त,कुबेर किलू,मरा मशान किलू,भैरव किलू, अक्ष किलु, वक्ष कीलू मेरेपे करे घाव छाती फट फट मर जाय,देव चले पृथ्वी चले सारे बारे जात की बातको किलु, मेघ को किलू न कोरी नाग को किलु एही एही आगच्छ आगच्छ शत्रु मुख बंधन किलू ,सर्व मुख बंधनाम किलू, काकड़ी कामनी मुख किलू,गृह बंधन किलु कुरु कुरु स्वाहा।।
गुप्त शत्रु से बचने दूसरा प्रयोग
मंत्र एक प्रयोग अनेक ये हनुमान जी का एक साबर मंत्र हे इसे पाठ करते ही अनेक प्रकार बाधा विपत्ति सब टल जाती है ।किसके ऊपर तंत्र बाधा ,मंत्र बाधा,काला जादू बाधा घर परिवार में हमेशा कलह रहना,अकाल मृत्यु जोग ,दुष्ट ग्रह बाधा,पितृ पुरुष बाधा ,कुंडली में कही प्रकार के दोष,काल सर्प जोग,राहु चांडाल जोग,किसीभी प्रकार के दोष कुंडली में हे तो इस मंत्र से आप को राहत मिलेगा ,आपका घर्मे अनजाने में किसीभी प्रकार की वस्तु दोष लग गई तो भी इस मंत्र से दोष समाप्त हो जायेगा। ईस मंत्र को किसीभी अच्छे दिन से जप शुरू कर सकते हे इसीमें कुछ विधि विधान नही हे ।आप सिर्फ एक बजरंग बली हनुमान जीका चित्र या मूर्ति लेकर आईये किसीभी दुकान से ।इसको लाने से पहले सिर्फ एक काम करना होगा किसीभी हनुमान मंदिर में शनि बार या मंगल बरको जाके पंडित को बोलना हे फोटो या मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा कर देने के लिए हो सकते हे तो हनुमान चालीसा का पाठ आप कर सकते हे । पूजा करके आप फोटो या मूर्ति को घर लेकर चला आईये इसके बाद पूजा स्थान में एक चौकी में बजरंग बली का जो कपड़ा होता हे उसी कलर की एक कपड़ा बिछा कर रख सकते हे। ईस मंत्र को हर दिन शुभे नहाने के बाद या रात्रि को 10 बजे की बाद जप कर सकते हे ।आपके पास अगर रुद्रक्ष माला हे तो भी चलेगा नही तो हात में भी जप काउंट कर सकते हे ।हर दिन एक माला करके जप कर सकते हे।
अभी इसका प्रयोग के बारे में बताता हु आपका घर में अगर नेगेटिव कुछ चीजे हे तो इसके लिए आप मार्केट से सफेद सरसो लोबंग और गुगल लेकर आयेंगे सबको एक साथ मिला लेना हे ईस मंत्र को 108 बार पड़कर धुना में अभिमंतित कर देना मतलब आपको मंत्र पड़कर 3 फुक मार देना हे आपका धुना रेडी हो गेया हर शाम को ईस धुना को जलाने से सारे नेगेटिव एनार्जी दूर हो जायेगा ।
अगर किसका ऊपर भूत प्रेत का साया हे तो इस मंत्र को 21 बार पढ़ते हुए पीले या सफेद सरसो को उसका ऊपर मारना हे भूत प्रेत भाग जायेगा ।इस मंत्र को गोरचन ,केसर और कुम कुम से अनार के डाल से भोज पत्र के ऊपर लिख कर गला या हाटमे लाल धागा से धारण करने से ऊपरी बाधा भूत प्रेत जादू टोना कुछ भी पास नही आयेगा।
ईस मंत्र को पढ़ते हुए शनिवार को पीपल वृक्ष को पानी देने से ग्रह बाधा समाप्त हो जाते हे।
इस मंत्र को नियमित पाठ करने से अकाल मृत्यु जोग भी टल जाते हे। ईस मंत्र पाठ कर पानी में अभिमंतीत करके पानी को घरोमें चिडक नेसे वस्तु दोष निवारण होते हे।किसी को अगर काम नही मिल रहा है या तो इसके लिए शनिवार के दिन एक मुट्ठी चावल ,एक ठो सिंदूर एक सुपारी लेकर मंदिर जाना और हनुमान जी से पार्थना करना अपना काम के लिए फिर मंदिर में किसी एक कोने में पहले चावल रखना फिर ऊपर सिंदूर डालना फिर उसके बाद सुपारी को हात में मुट्ठी करके मन ही मन अपना नखरी पाने के लिए बोलकर सिंदूर के ऊपर सुपारी रख लेना और मंत्र 108 बार पाठ कर घर चला आना ।आपका काम कुछ दिनों में लग जायेगा और जादा किसी चीज के बारे में जान ने के लिए मुझ से फ्री में संपर्क कर सकते हे।
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गुप्त शत्रु से बचने तीसरा प्रयोग
माता महाकाली की एक मंत्र से आप बहुत सारी काम कर सकते हे ।मंत्र को किसिवि ग्रहण काल में १०७ बार पड़कर सिद्ध कर लेना हे इस मंत्र से आप बड़े से बड़े तंत्र बाधा मंत्र बाधा , शमशान बाधा ,मरघट बाधा ,गुप्त शत्रु से अगर परेशान हे वो भी काट जायेगी,किसी शत्रु अगर जन बुज के आपको परिषण कर रही हे तो मंत्र में उस शत्रु के नाम लेकर पड़ने से शत्रु समाप्त हो जायेगा।किसके ऊपर अगर भूत प्रेत साया हे तब इस मंत्र को ७ बार पाठ करके पानी में अभिमंत्रित करके पीला देने से वो भी भाग जायेगा।
किसका वस्तु में कही दुश्मन कुछ खराब करके रख दिया तो ७ कूया या ७ नल के पानी या ७ झील के पानी इसमें से कही भी एक होने से चलेगा और साथ में धोबी घाट की पानी एकत्रित करके मंत्र २१ बार पड़कर पानी अभिमंत्रित करके घरोमे छीरक देने से वास्तु में कुछ रहेगा तो बो भी काट जायेगा।इस मंत्र को गोरचन और कुम कुम से भोज पत्र पर लिख कर गले में या हात में धारण करने से नजर दोष,भूत ,प्रेत बाधा समाप्त हो जाते हे।
मंत्र:
ॐ काली काली महाकाली ब्रह्मा की बेटी इंद्र की शाली।
दोनो हात बजाबे ताली।
हाकिनी डाकिनी को भस्म करे,अल्ला बिस्मिल्लाह को भस्म करे, न नाथ चौराशी सिद्ध को भस्म करे, न नरसिंह सोलार सिंधु को भस्म करे, बाबन वीर चौसत जोगिनी को भस्म करे,अस्सी माशान नब्बे भैरो को भस्म करे,चले काली का खंडा, दुष्ट राक्षस को कोरे तबाह,जादू जंतर ,मंत्र,तंत्र फूक करे स्वाहा।चले मंत्र फुरे बाचा,देखा काली कोलकाता बली तेरी ईलम चोट का तमाशा।।
गुप्त शत्रु से बचने चौथा प्रयोग
gupta shatru badha nivaran
हनुमान जंजीरा प्रयोग से तंत्र बाधा निबरण
हनुमान जंजीरा एक ऐसा दिव्य चमट कारी मंत्र हे ईस मंत्र को एक बारसिद्धकर लेने के बाद हर दिन शुभे और शमको ३ पाठ करने सेई हनुमान सदेब आपका रक्षा करेगा । ईस मंत्र हर दिन पाठ करने से शरीर पड़ रक्षा घेरा बन जाते हे इस बजाय से आपका ऊपर किसीभी नकारात्मक चीजो का प्रभाव नही पड़ेगा । आगर आपका शत्रु कही बल बान या तांत्रिक भी हो ना क्यू आप आगर सच्चे मार्ग में हे हनुमान जी आपका सदेव रक्षा करेगा। ईस मंत्र को ३ बार पाठ कर छाती के ऊपर ३ फूक मारने से शरीर बंध हो जाते हे फिर आप निर्भय होके किसीभी स्थान जा सकते हे चाहे बो समशान भी हो ना क्यू किसीने आपका तोडा सा हिला नेहि पायेगा।हनुमान जंजीरा सिद्ध करने के लिये किसीभी मंगल बारको हनुमान मंदिर जाके हनुमान जिको भोग ,फूल,माला इत्यादि अर्पण करने के बाद १ माला राम नाम जप करने के बाद हनुमान चालीसा का ३ या ७ बार पाठ करने के बाद हनुमान जंजीरा को १०८ बार पड़कर कंठस्थ करने से ये सिद्ध हो जायेगा ।
मंत्र:ॐ हनुमान पहलवान पहलवान, बरस बारह का जबान,
हाथ में लड्डू मुख में पान, खेल खेल गढ़ लंका के चौगान,
अंजनी का पूत, राम का दूत, छिन में कीलौ नौ खंड का भूत, जाग जाग हड़मान हुँकाला, ताती लोहा लंकाला, शीश जटा डग डेरू उमर गाजे, वज्र की कोठड़ी ब्रज का ताला
आगे अर्जुन पीछे भीम, चोर नार चंपे ने सींण, अजरा झरे भरया भरे, ई घट पिंड की रक्षा राजा रामचंद्र जी लक्ष्मण कुँवर हड़मान करें।।
गुप्त शत्रु से बचने पांचमा बजरंग बाण का प्रयोग
बजरंग बाण का प्रयोग विधि को आज बताऊंगा , किसीभी संकट काल में जैसे तंत्र मंत्र बाधा,भूत प्रेत मरा मशानी बाधा में हनुमान चालीसा का जैसे प्रयोग होता हे बैसे आपका आगर घोर शत्रु बाधा ,गुप्त शत्रु बाधा ,कही जान बूझ कर किसी तांत्रिक के द्वारा तंत्र मंत्र करबा रहा हे आपका ऊपर या परिवार के ऊपर हर दिन, आप उसिका कुछ कर नेहि पा रहा हे ऐसा स्तिथि में बजरंग बाण का प्रयोग करना हे ।आज बजरंग बाण का प्रयोग विधि के बारे में बताऊंगा ।बज रंग बाण को प्रयोग करने के लिऐ किसीभी शनिवार या मंगल बार से आरम्भ कर सकते हे।आपका घरके पूजा स्थान में ईस प्रयोग को कर सकते हे।किसीभी दुकान से हनुमान जीका एक मूर्ति नेही तो एक फोटो लेकर आयेंगे , घरोमे अगर फोटो या मूर्ति पहले से हे तो लनेके जरूरत नेही हे। साथ में पूजा में देने के लिए भोग (लड्डु, लबंग ,मीठा पान),फूल ,हनुमान सिंदूर ,चमेली तेल नेही तो सरसो का तेल का दिया(बड़ा अखंड दीपक) , आगर बाती या गुगल,लोबान का धूप, आसन लाल रंग की या कुश के आसन लेकर आयेंगे।आप हर दिन रात ११बजे के बाद से पूजा आरम्भ करना हे ।२१दिनो तक आपको ब्रह्म चार्ज पालन करना हे,निरामिष भोजन करना हे।
पूजा में बैठ कर प्रथम गणेश महाराज को प्रणाम करके उनसे प्रार्थना करेंगे में ईस बजरंग बाण का पाठ करने जा रहा हु आपना तकलीफ के लिए कृपया मुझे आशीर्वाद दीजिए में निरबिग्न में २१दिनो तक बजरंग बाण पाठ करने में सफल हूंगा।इसके बाद अपना गुरु मंत्र स्मरण करेंगे(गुरु मंत्र ना होने से ॐ नम:शिवाय का जप कर सकते हे १०८बार)फिर राम नाम का एक माला जप करने के बाद हनुमान जिसे अापना दुःख बताके दुःख दूर करने के लिए २१दिन का संकल्प लेंगे बजरंग बाण पाठ करने के लिऐ ।हात में जल लेके, संकल्प में बोलेंगे मेरा नाम ये मेरा पिता का नाम ये में अपना शत्रु बाधा(शत्रु का नाम होगा तो नाम लेंगे)या अपना परिवार के ऊपर शत्रु बाधा से मुक्ति पाने के लिऐ में २१दिनो तक हर दिन २१बार करके बजरंग बाण पाठ करने के लिए जा रहा हु और इस बज रंग बाण को शत्रु के ऊपर चला रहा हु आप मुझे कृपा प्रदान कीजिये, फिर जल को नीचे छोर देंगे ।जो दिया अपने लिया हे उसको जलाके रखना हे २१ दिनो तक ये दिया ना बुझे ,दिया की मू हनुमान जीका फोटो के तरफ ,आप पूर्व दिशा के और मु करके बैठेंगे फोटो पूर्व दिशा में रहेगा उसके मुख पश्चिम दिशा में रहेगा।फिर हनुमान जिको लड्डु , मीठा पान और ७ लौंग भोग चरा देंगे और फूल धूप सिंदूर अर्पित कर देंगे।पूजा खतम होने के बाद ,हर दिन शुभे भोग को किसी बच्चे लोगोको बाट देंगे।२१दिनो तक हर दिन भोग ,फूल चड़ाना हे हनुमान जिको।
२१दिन बजरंग बाण पाठ करने आपका शत्रु शांत हो जायेंगे१००प्रतिशद और बजरंग बाण भी आपका सिद्ध हो जायेगा। आप दिया को बोझा सकते हे नेही तो धीरे धीरे बूझ जायेगा फिर उसको पानी में लेकर फेक देना हे।आप आपका सुरक्षा और परिवार के सुरक्षा के लिऐ सोने के पहले १ बार बजरंग बाण पाठ करके सोना हे इससे बजरंग बली का सुरक्षा घेरा बन जायेगा आपके ऊपर आपका परिवार के ऊपर।
बजरंग बाण:
दोहा :
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
चौपाई :
जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥
जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥
जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥
जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥
अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥
लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥
अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥
जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥
जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥
ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥
जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥
बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥
भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥
इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥
सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥
जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥
बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥
जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥
जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥
चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥
उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥
ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥
अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥
यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥
पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥
यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥
धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥
दोहा :
उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान।
बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान।।
आपलोगोंका अगर गुप्त शत्रु या तंत्र मंत्र बाधा से परीशान हे तो कमेंट करके जरूर बताना |
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