Pashu pakshi tantra || पशु पक्षी तंत्र

Pashu pakshi tantra || पशु पक्षी तंत्र


पशु पक्षी तंत्र (pashu pakshi tantra me upoyog)



    तंत्र एक ऐसा विषय है जिसमें मानव खोपड़ी से लेकर पेड़-पौधों तक और तरंगों से लेकर पशु-पक्षियों तक सबका सफलता के साथ प्रयोग किया गया है। जीव हत्या पाप ही नहीं जघन्य अपराध भी है, तभी तंत्र में ताँत्रिक इस अपराध से दूर रहता हुओं केवल पशु-पक्षी, पेड़ पौधे के कुछ अंश ही प्रयोग में लाता है । 

    तंत्र में पशु-पक्षियों का उपयोग एक वृहद्‌ विषय है । यहाँ कुछ पंक्तियों में इस विज्ञान को समझा देना कदापिं सम्भव नहीं है, फिर भी मैं कुछ पशु-पक्षियों का तंत्र में सफलता पूर्वक उपयोग किस प्रकार किया जा सकता है इसका वर्णन कर रहा हु।

    पक्षियों के माध्यम से आप भी अपनी अनेक जटिल समस्याएँ सुलझा सकते हैं । 



    सिंह उपयोग तंत्र में करे :



    इसके दाँत का यंत्र बनाकर बच्चे के गले में डालने से उसके दाँत आसानी से निकलते हैं और जो भी व्यक्ति इसका यंत्र गले में रखेगा उसको दाँत की पीड़ा नहीं होगी । इसके मस्तक का चर्म जो व्यक्ति पास रखता है उससे देखने से सभी भयभीत रहता हे। 



    बाघ उपयोग तंत्र में करे :



    इसका मस्तक यदि कबूतरखाने में रखा जाये तो वहाँ बिल्ली नहीं आते हे।



    हाती उपयोग तंत्र में करे :



    इंसके कान का मैल कोई खा ले तो सात दिन तक निद्रा नही आयेगा।इसका दांत लबोच में धारण करने से तंत्र मंत्र बाधा नही होता हे।

    की लीद ९ माशा लेकर चाँदी के काबोच में भरकर इस' गले में डाल दें तो नजर नहीं लगती हे।

    इसकी लीद का यंत्र बनाकर जो अरत अपने पास रखे तो  उसको गर्भ नहीं रहता है । 



    घोड़ा उपयोग तंत्र में करे :




    इसके पूछ का बाल कमरे के दरवाजे में में लटका दिया जाय तो भीतर मच्छर नहीं आते है।काले घोड़ा की नाल शनिवार को प्राप्त करके किसी शनिवार को शनि मंदिर लेकर पूजा और प्राण प्रतिष्ठा करके घरमो दरवाजे के बाहर या अंदर लगाने से सर्व बाधा समाप्त होता हे,साथ ही शनि के कू दृष्टि नही पड़ता है।तंत्र मंत्र का असर भी नही पड़ता हे घरमे।किसी बेक्ति को हमेशा कही भूत प्रेत बाधा लगता हे या कही देवी देवता बाधा हे जो उसके शरीर से नेही जाता है तो घोड़े की मूत्र तोडा सा पिलाने से सब दूर हो जाते हे। किसी जगा में अगर गाड़ा हुए खजाना हे जो आपके हात नही लग रहा हे तब उस जगा पर घोड़े की मूत्र छीरक देने से खजाना बही पर रह जायेगा ।

    जो व्यक्ति रात को दाँत किटकिटाता हो उसके सिरहानें रख दिया जाए तो उसका दाँत पीसना छूट जाएगा

    अश्वनी नक्षत्र में इसके खुर की धूंनी प्रेत बाधा वाले व्यक्ति को दी जाये तो प्रेत बाधा दूर होती है । 



    खच्चर उपयोग तंत्र में करे :



    इसके. दाँत को जो कोई अपनी जेब में रखे तो उसकी जेब कभी खाली नहीं होगी । 

    इसके मस्तिष्क का माँस जहाँ पर जलाया: जायेगा उस स्थान पर जो भी काम किया जाएगा वह कभी सफल नहीं होगा । 




    कुत्ता उपयोग तंत्र में करे :



    यदि छोटे बच्चे के गले में इसके दाँत का यंत्र बनाकय डालें तो उसके दाँत आसानी से निकलेंगे । काले कुत्ता की नाखून पुष्य नक्षत्र के दिन काट कर कबोच में धारण करने से शनि राहु केतु बाधा समाप्त होता हे साथ ही नजर बाधा भी नही लगता है।कुत्ते को खाना खिलाने से शत्रु बाधा समाप्त होता हे।

    इसके मूत्र में मिट्टी गोली बनाए उसको शुखाकर  ज्वर वाले के गले में बंधे तो ज्वर दूर हो जाते हे।



    गधा उपयोग तंत्र में करे :



    इसके खुर को पानी में घोलकर मृगी के रोगी के पिलाये जाते हे तो मृगी रोग ठीक हो जाते हे।

    रबीबार को जहा लेटे उस जगा की घुल बिना बोले ब बिना किसी के टोके ले आए।गुग्गुल की धूनी देकर जिसका मस्तक पर गिराया या घर में गार दे तो उस घर में कलह हो जाते हे।

    इसके दाहिने पैर के नाखून की अंगूठी दाहिने हाथ की अंगुली में पहन ने से मिर्गी रोग शान्त हो जाते हे।



    ऊट उपयोग तंत्र में करे :



    मूत्र के रोगी की जंघा पर इसके बाल बांध दे तो मूत्र अधिक नही आयेगी।जो बच्चा रात को बिस्तर में प्रेसाब करते हे उसके दाएं जंघा पर इसके बाल बांध देने से रात्रि को मूत्र नही करेगा।



    बिल्ली उपयोग तंत्र में करे :



    बिल्ली की जेर लेकर यदि कही अपनी तिजोरी में रख दे तो धन सन्तान की वृद्धि होता हे।

    इसके मल का धूया भूत प्रेत ग्रस्त बेक्ति को दिया जाय तो प्रेत बाधा समाप्त हो जाते हे।

    यदि किसी स्त्री को ब्लीडिंग हो गई तो काली बिल्ली की तिल्ली का यंत्र बनाकर बंधा जाय तो उसकी ब्लीडिंग बंध हो जाते हे।

    यदि इसका डाय आंखो को अंगूठी में जड़ाकर रखे तो उस पर मंत्र तंत्र यंत्र का कही असर नही पड़ेगा।

    गिदर:इसका दाएं आंख को यंत्र में डालकर अपने पास रखे तो बल बढ़ता हे।



    मृग उपयोग तंत्र में करे : 



    इसके बाय आंख को यंत्र में डालकर पहन ने से सबको आकर्षित करने का क्षमता हो जाते हे।

    जिस समोय दो मृग आपस में लड़ाई करते हे उसी समय उसके जो क्षुण निकल ता है । उस खून को पास में रख देना हे ।अगर किसीसे किसका लड़ाई करना हे दोनो बेक्ति खिला देने से आपस में  बिद्देशन हो जाते हे।मृग की नावि पर कस्तूरी होता हे ये देवता लोग का प्रिय हे।ये कस्तूरी खाने से बूडाप में जोबन शक्ति आजायेगा।कस्तूरी वशीकरण में सबसे ज्यादा उपयोग करते हे।



    बन्दर उपयोग तंत्र में करे  :



    इसके हड्डी को धूप देकर अपने घर में गार देता हे तो सारी बाधा विघ्न काट जाते हे।इसका मस्तक की हड्डी कावोच में धारण करने से भूत,प्रेत तंत्र मंत्र बाधा समाप्त हो जाते हे .



    गाय उपयोग तंत्र में करे :



    गाय की शृंग की छिलके स्वेत गुंचा के साथ मिलाकर पीस कर जिसके माथा में लगा दिया जाते हे वो वशीभूत हो जाते हे। गाय की पूछ अगर कही काबोच में धारण करते हे तो बहुत सारे बीमारी से रक्षा होती हे।गाय को खाना खिलाने से बृहस्पती ग्रह अगर किसी का खराब हे तो जल्दी से ठीक हो जाते हे।गाय की सारा शरीर पर ३३ करोड़ देवता का बास होता हे।



    मोर उपयोग तंत्र में करे :



    इसके मस्तक की कलंगी जो अपने पास रखता है लोग उसे सम्मान करती हे।इसके हड्डी पास में रखने से साप पास में नही आता हे।मोर का पंख से नवग्रह दोष भी काट जाते हे।इसका पंख घरमे रखने से किसी नेगेटिव एनर्जी नही आता हे।किसीको आगर नजर लगा हे तो इसका पंख का उतारा करके जला देने से नजर बाधा समाप्त हो जाते हे।



    कोबा उपयोग तंत्र में करे :




    दो मित्र में के बीच में अगर शत्रु करनी हो तो कोवा पंख और उल्लू की आंख का धुआं दिया जाय तो आपस में लड़ाई झगड़ हो जाते हे। कोबा को खाना खिलाने से शत्रु बाधा कर्ज बाधा,ऊपरी बाधा,शनि दोष समाप्त होता हे।



    चमगादड़ उपयोग तंत्र में करे : 



    इसके मस्तिष्क का यंत्र बनाकर कई पास में रखे तो बल की वृद्धि होता है और उसकी सांसारिक इच्छाएं बढ़ता है।चमगादड़ का हड्डी कावोच में धारण करने से तंत्र मंत्र से रक्षा होता हे।



    कबूतर उपयोग तंत्र में करे :



    इसके डान आंख का यंत्र बनाकर या अंगूठी जड़कर अपने पास रखा जाय तो सब लोग उसे देखने से बसोभूत होता हे।



    हुदहुद उपयोग तंत्र में करे : 



    इसके नाखून में अपने नाखून मिलाके शुक्ल पक्ष में शुक्रवार को जिस स्त्री को खिलाया जाय बह वशीभूत हो जाते हे।बाज:इसके चोंच लेकर इसके चमरे पर शत्रु का नाम लिखकर जंगल में गाड़ दिया जाय तो शत्रु का नाश हो जाते हे।



    मेडक उपयोग तंत्र में करे :



    सोई हुई स्त्री के पास इसके जिह्वा रख दी जाए तो अपनी मनकी सारी बात बोल देता हे।




    उल्लु उपयोग तंत्र में करे :




    इसका मांस जिसको खिलाया जाय वह परेशान रहेगा ।इसकी हड्डी को जलाकर जिसके सिर में वह राख डाल दी जाय वह आवारा फिरता रहेगा । उसका उच्चाटन हो जाता है । इसकी जिहबा  को दूध में थोड़ी सी केशर के साथ मिला कर जिस किसी को रविवार को प्रातः पिला दी जाय तो वह व्यक्ति मृत्यु को प्राप्त करेगा मारण हो जाते हे

    इसकी विष्ठा सुपारी के साथ किसी को खिला दी जाय तो उसकी बुद्धि श्रष्ट हों जायेगी । उल्लू का दिल. जिस किसी स्त्री के सीने पर रख दोगे वह मन का सारा भेद स्वयं ही बतला देगी । उल्लू का पंख वशीकरण के काम आता हैं । उल्लू की पीठ की हड्डी, केसर, करतुरी, कुमकुम, चंदन सबकों मिलाकर तिलक करने से सर्वेजन वशीकरण संभव है। रविवार के दिन उल्लू का मांस सुखाकर - जिसको भी खिलाया जायेगा वह वशीभूत होगा । उल्लू की विष्ठा सुखाकर जिसको भी रविवार के दिन खिला दोगे वह वशीभुत होगा ।

     


    उपयोग तंत्र में करे शृगाल :



    तंत्र में शृगाल का बहुत मह्त्ब हे शृगाल के माथे पर मुक्ता होते हे धारण करने से आर्थिक लाभ होता हे। इससे ही पाया जाते हे सियार श्रृंगी का जोड़ा जो ग्रह बाधा ,दरिद्र नाशक ,तंत्र मंत्र बढ़ा बिनाशक माँ दुर्गा की प्रतिरूप में पूजित हे। 



    खरगोश उपयोग तंत्र में करे : 



    इसके दांत को यंत्र में भरकर अपने पास रखने से स्मरण शक्ति का वृद्धि होता हे।काली बिल्ली का रक्त ओर खरगोश की रक्त को मिलाकर किसी स्त्री के ऊपर डाल दिया जाय तो उसका वसीकरण हो जाते हे।इसके बाल को किसिभी स्त्री अपनी योनि में रखे तो उसकी पीरियड बंध हो जाते हे।



    साँप उपयोग तंत्र में करे :



    साँप की केंचुल कमर में बाँध देने से तीसरे दिन आने वाला ज्वर दूर होता है । स्त्री के नितम्बों पर सांप की केंचुल बाँध देने से प्रसव सुख पूर्वक होता है । बवासीर के मस्सों पर साँप की केंचुल वाँघ देने से  बबसीर के रोग में आराम सिलता है । साँप के दाँत ताबीज में. डालकर पहिनाने से सुख पुर्वक प्रसव होता है । साप की कँचुल को कपड़े में भरकर पेडू के ऊपर बाँघने से संग्रहणी रोग में लाभ होता है। साप की दांत, नेवले के बाल, शमशान   की राख मिलाकर धरती में गाढ़ दें जो भी उस पर से निकलेगा, उसका विद्वेषण हो जायेगा । 

    साँप की केंचुल और नेवले के बाल मिलाकर जहाँ भी जलाओगे वहाँ कलह शुरू हों जायेगा । 

    साँप की हड्डी का चूण जिस पर भी डाल दोगे वह बीमार हो जायेगा । 

    साप जहापे अक्तृत होके खेलते हे और एक दूसरे से मिलन करते हे उसी समोय किसी नैया वस्त्र बिछाकर देने अगर उसके ऊपर मल टैग करते हे तो इस वस्त्र को घरमे रखने से धन सम्पत्ति बढ़ता है।इस प्रकार आप साँप का. प्रयोग अपनी समस्याअ में कर सकते हैं ।



    कच्छप उपयोग तंत्र में करे  :



    इसके मस्तक के चूर्ण जिसको खिलाया जाय उसके लिंग छोटा हो जाते हे।इसके हड्डी जिस घरपे रखा जाय उहपे कही दुष्ट शक्ति प्रवेश कर नही पता हे।कच्छप की अंगूठी चांदी का या तांबे का धारण करने से अर्थ का आगमन होता हे।



    बारह उपयोग तंत्र में करे :



    इसके दाने और दांत जो धारण करते हे सर्व तंत्र मंत्र ऊपरी बाधा शत्रु बाधा से रक्षा होता हे।किसी के ऊपर अगर बुरी शक्ति का साया है तो इसका मांस खाने से काट जाते हे।



    बकरी उपयोग तंत्र में करे : 



    काला बकरी की दारी और उसके बधने बाला राशि लेकर यंत्र में धारण करने से तंत्र मंत्र बाधा से रक्षा होता हे।इसका दूध पीने से बहुत सारे बीमारी भाग जाते है।काले बकरी का नहाने के पानी लाकर घर या जहापे वास्तु खराप हो बही पे लेकर छीरक देने से वास्तु ठीक हो जाते हे।जिसका भी टीवी रोग हे पुरुष बाला बकरा लाकर उसके पास में रखने से टीवी रोग जल्दी ठीक हो जाते हे।

    काले चीटिया ये शनि के प्रतीक हे किसी घर पर अगर काले चीटिया भर जाते हे तो कुछ शुभ संकेत लेकर आते हे।लाल चीटिया जहापे भर जाते हे बही पे कुछ आशुभ संकेत लेकर आते हे ये राहु का प्रतीक माना जाते हे।



    छिपकली  उपयोग तंत्र में करे :



    छिपकली का तंत्र में बहुत प्रयोग हे, शकुन शास्त्र में ये शरीर पर गिरने से शगुन अपशगुन माना जाता है,इसके लेज में जहर होता हे।

    सजारू: सजारु तंत्र में बहुत प्रयोग हे मारण कर्म बिद्देशन, उच्चाटन आदि काम में सजारू के काटा का प्रयोग होता हे




    बन्दर उपयोग तंत्र में करे : 



    बड़ा बाला बंदर को हड्डी अपने पास रखने से बाधा विघ्न और आने बाला बिपत्ती टल जाते हे।जंगली लंगूर की हड्डी ताबीज में रखकर धारण करने से सबके जनप्रिय हो जाते हे।बन्दर की हड्डी,घोड़े की हड्डी और काले बिल्ली का हड्डी को मिलाकर इंसान की खोपड़ी में भरकर जिसके घर में गार दिया जाय तो उसके घरौमे भूत प्रेत आदि का बास हो जाते हे और घर में हमेशा कलह दुर्घटन होते रहते हे।




    बिशेस बाते जानकारी 



    यहाँ में स्पष्ट बता देना चाहता. हूं, पशु-पक्षी जहाँ: आकाश और धरती की शोभा हैं वहाँ हमें अनेक लाभ परोक्ष रूप में भी देते हैं । इन्हें तांत्रिक से स्वार्थ या अल्प लाभ के लिए मारना, कष्ट देना अक्षम्य पाप है इस पाप का फल आपको भोगना पड़ेगा ।किसी मनुष्य होकर मनुष्य को कष्ट देना जितना पाप हे उससे कही गुना अधिक पाप इस पशु पक्षी को कष्ट देना । आप इनसे तांत्रिक लाभ अवश्य उठायें । लेकिन इनकी स्वाभाविक मृत्यु के बाद इससे पहले. कदापि . नहीं, अन्यथा धरती और प्राकृति की सुन्दरता उजाड़ने की जिम्मेदारी आपकी होंगे।

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