बशीकरन मंत्र और विधि | vashikaran mantra or bidhi

बशीकरन मंत्र और विधि | vashikaran mantra or bidhi

वशीकरण करने का सहज उपाय



    आज  बशिकरन करने के कुछ उपाय और मंत्र बताऊंगा जो आप लोग अपना जीवन में अच्छा काम के लिए इसका उपयोग कर सकते हे ।वशीकरण 

    वशीकरण का अर्थ होता है, अपने अधीन करना । देवता, राक्षस, राजा, सर्प, स्त्री, घोड़ा, हाथी जैसे प्राणियों का वशीकरण सामयिक भर आवइ्यकता होती है । 

    समंय- वशीकरण वसन्त ऋतु में किया जाता है। दिन के प्रथम भाग (प्रात: काल) में यह ऋतु नित्य वर्तमान रहती हैं । 

    मण्डल--लाल रंग के किसी पदार्थ से त्रिकोण मण्डल बना शहँ बीज से पूजा की जाती है, त्रिकोण में अथवा घड़े में वाणी का पूजन करते हैं। | 

    आसन--आसन के लिए बकरे की चर्म और बैठने में स्वस्ति- कासन उपयुक्त रहता है । 

    वशीकरण के मन्त्रों के अन्त में स्वाहा का प्रयोग होता है। लाल 

    लाल रंग के वस्त्र पहने हुए रक्त कमल पर आसीन देवी का किया जाता है। मृगशिरा, रेवती, चित्रा, विशारखा, कृतिका और मित्र नक्षत्र और मित्र नक्षत्र मे वशीकरण करना श्रेष्ठ फल देता है।




    बशिकरन करने के कुछ उपाय और मंत्र 





    अपामार्ग की जड़ कपिला गाय के दूध में घिसकर तिलक करने से देखने वाला वश में हो जाता है । 

    गौरोचन और सहदेई को जल में घिसकर तिलक करने से स्वे- प्रिय होता है ।

    सफेद गुँजा को विधिवत्‌ लाकर छाँह में सुखावे इसे कपिला गाय के दूध में घिसकर तिलक करे । रवि पुष्य के योग में सफेद आक लाकर उसे छाँह में सुखा लें । कपिला गाय के दूध में घिसकर तिलक लगाये तो देखने वाले वशीभूत हो जाते हैं। 

    गौरोचन, लाल कमल के पत्ते, मालकांगनी, लाल चन्दन इनको पानी में घिसकर तिलक करने से देखन वाले वश में हो जाते हैं । 

    केसर, सोंठ, कृठ, हरताल और मैनसिल में अनामिका अंगुली का रक्त मिलाकर तिलक करने से देखने वाला व्यक्ति वशीभूत हो जाता है । कपूर और गौरोचन का तिलक करने से स्त्रियाँ वशी भूत । चिता की राख,. गौरोचन, केसर, वच और ( ग के कुठ ये सब समान भाग लेकर इनका चूर्ण करे। यह चूर्ण जिस स्त्री के सिर पर डाला जाएगा वह वशीभूत होगी । पति वशीकरण के लिए--'ओं नमो महायक्षिण्ये मम पति वश्यं कुरु कुरु छह मन्त्र का एक लाख जप करें । राज वशीकरण के लिए--“ओं नमो भास्कराय बल्रिलोकात्मने अधिकारिणं मे वश्यं कुरु कुरु स्वाहा” इस मन्त्र का जप करना चाहिए। खाली स्थान पर उस अधिकारी का नाम लिया जाए। यह अनेक बार किया हआ प्रयोग है तथा प्राय: इसके परिणाम अनुकूल प्राप्त हुई हे।




    बशीकरन करने का अचूक विधि



     

    मंत्र बताऊंगा ये मंत्र में अपना स्त्री अगर रूठ जाती है बाते नेहि करते हे तो ये एक धुला या डस्ट को पड़कर अपने स्त्री के ऊपर फेक देने से वो ठीक से बाते करने लगेगी।तीन रास्ते मोड़ की मिट्टी तीन अंगुल में लेके ईस मंत्र को साथ बार पाठ करके एक बार पड़ कर एक बार फूक ऐसा साथ बार पड़ कर साथ फूक मारने के बाद धुला को तोडा सा लगा देना हे।उसको पता नही चलना चाहिये  कुछ टाइम के बाद देखेंगे सारा गुस्सा खत्म हो गई।

    मंत्र:धूल धूल धुलका राजारानी

    मनोरथा मन मोहिनी ।।

    नीलाम तोमाय तीन अंगुले कोरे ।

    मंत्रीलाम महादेबीर बरे।

    झाड़ी लाम धूला निज स्त्रीर अंगे ।

    वशीभूत होये स्त्री आमार कथा शुने ।

    कार आज्ञा कायूरी कामाख्या मायेर आज्ञा ।

    कार आज्ञा हाड़ीर झी चंदीर आज्ञा।

    कही भी किसिका ऊपर कर सकते हे बाप बेटे में मिल नेही हो तो भी कर सकते हे

    मा और बेटे में मिल हमेशा झगड़ा हो रहे ही तब भी इस प्रयोग कर सकते हे।किसीभी ऑफिस या दोकान में कर्मचारि टिक नही रहा हे तब भी इस प्रयोग का उपयोग कर सकते हे ।करना हे पुष्य नक्षत्र   या चंद्र ग्रहण काल में स्वेत अपरा जीता को निमंत्रण देकर उठा ले फिर उसके जड़ को 

    आप जिसको वश में करना हे मंत्र में अमुक जगा पर उसका नाम लेकर १०८ बार जप करना हे फिर एक कड़ परिमाण जड़ को किसीभी खाने के साथ मिलाकर खिला देने से वो हमेशा वश में रह जायेगा  

    मंत्र: ॐ नम: कामाख्या देवी (अमुकंग) मे बश्य मानाय कुरु कुरु स्वाहा: 

    मौना मुनि बीज लेके उसमे  तोडा सा काम सिंदूर मिला कर ईस मंत्र को १०८ बार अभिमंत्रित करके  चांदी के काबोच में धारण करने के बाद जिसको भी वश में करना हे उसिको सिर्फ छुआ कर अपने पास राख ले ।इसी से जिसको छुएंगे वो बशीभूत हो जायेगा


    मंत्र : ॐ ह्रिंग चामुंडे जल जल प्रज्जल प्रज्जल स्वाहा:।।

    ॐ रक्त चामुंडे अमुकंग में वश मानाय स्वाहा: ॐ ह्रिं ह्रों हूं  फट ।अमुक जगा पर जिसको वश में करना हे उसिका नाम होगा।


    ईस मंत्र १००००बार जप करने के बाद भोजपत्र पर कस्तूरी, गोरचन,और कुमकुम से लिख कर चांदी के काबोच में डाल कर  उसीको या उसको छुआ के पास में रखने से बो बशीभूत हो जायेगा। 

    ॐ कामातूरा काममे खला बिला शिनी अमुकं वश्य क्लीम नम:


    मधु में साथ बार पाठ कर फूक मारके किसीको उस मधु को पीला देने से बो बशीभूत हो जायेगा।



    बशिकरन करने के कुछ उपाय और मंत्र 



    1.भूमिकुष्मांड और बट वृक्ष की जड़ एकत्रित करके पानी में घिसकर माथापे तिलक लगाने से त्रिलोक की जीव वशीभूत होता हे।

    2.पुष्य नक्षत्र में पुनन्नवा की जड़ और रुद्रडंडी की जड़ को एक साथ मिलाके धारण करने से सर्व लोक वशीभूत होता हे।

    3. हवा से उड़ा हुए पत्र, मजीठ,अर्जुन वृक्ष और तगर इन सब वस्तु को एक साथ सम परिमाण चूर्ण जिसका अंग में छुआ देगा बह वशीभूत हो जायेगा

    4.चंद्र ग्रहण में स्वेत अपराजिता का जड़ उठाके जिसको भी एक कर परिमाण खाने साथ खिला दिया जाय तो बो जिंदगी भर के लिए वश में हो जाते हे।

    5. उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में पीपल के जड़ को निमंत्रण देकर उठाके हात में धारण करने से घोर शत्रु भी वश में हो जाते हे।

    6. पुष्य नक्षत्र में अपमार्ग की जड़ उठाके बहु में धारण करने से सामने बाला बेक्ति वशीभूत हो जाते हे।

    7.अश्लेषा नक्षत्र में आमलकी का जड़ उठाके हातमे बाधने से सर्वत्र वशीभूत होता हे।

    8. अंकोल फल के तेल के साथ आमलकी चूर्ण मिलाके जिसका अंग में लगा जाते हे बो बसिभूत हो जाते हे।

    9.चिताके राख ,कुरेया, तगर,केशर इन सबको सम परिमाण लेकर पीस डाले यह चूर्ण किसी स्त्री होगा तो उसका मस्तक में और पुरुष होगा तो उसका पेड़ में लगाने से जीवन भर के लिए दाश बनकर रह जाते हे।

    10. अश्विनी नक्षत्र में ढाक की पेड़ की जड़ निमंत्रण देकर लाना हे इसको धारण करने से कही भी वश में हो जाते हे।

    ॐ चिटि चाण्डाली महा चाण्डाली अमुकं॑ मे बश्ब 'मानय स्वाहा ॥ 


    इस मन्त्र को सात दिन तक अविराम जाप करके सिद्ध करले और आवश्यकता के समय निम्न प्रकार प्रयोग करे । 


    यह मन्त्र बेल के कांटे की लेखनी बना ताल पत्र पर लिखे और उक्त ताल पत्न को दूध में पकावे फिर उक्त ताल पत्र को तीन दिन पर्यन्त कीचड़ में गाड़ दे और तीन दिन बीतने पर निकाल कर जिस स्थान पर दुर्गा पूजा महोत्सव होता हो वहाँ के मण्डप द्वार पर गाड़ देने से इच्छित व्यक्ति वश में हो जाता है ।

    ॐ ह्लीं ह्लीं कालि कालि स्वाहा ॥ 


    इस मन्त्र को किसी तिराहे (जहां से तीन दिशाओं को मार्ग जातां हो) पर आसीन हो एक लाख बार जाप करके सिद्ध कर लें फिर जब आपको प्रयोग करना हो तो इच्छित स्त्री पुरुष पर १०८ बार मन्त्र पढ़ कर फूंक मार दें तो कैसा ही हृदय हीन क्यों न हो आपके वश में हो जायेगा । 

    ॐ नमो भास्कराय त्रिलोकात्मने अमुकं महीपर्तिं में बश्य कुरु कुरु स्वाहा॥ 


    इस मन्त्र को केवल १००८ बार जाप करके सिद्धि कर लें और आवश्यकता के समय कर्पूर कुकूंम चन्दन और तुलसी की पत्ती गोदुग्ध में घिसकर उपरोक्त मन्त्र से अभिंमन्त्रिति करके मस्तक पर तिलक धारण करने हृदय हीन पुरुष भी बशीभूत हो जाते हे।

    गाय के गोबर से त्रिकोणा आकर चौका लगाकर उसके तीनों कोनों पर कुंकुम की रेखा खींचे. और बीच में जिसको वश में करना हो उसका नाम लिख सिन्दूर लगाकर एकाग्रता पूर्वक दस हजार बार मन्त्र जाप करकें हवन करे तो सौ किसीभी पुरुष वश में हो जाता है ॥। 


    ॐ काम मालिनी ठ: ठ: स्वाहा ॥ 


    इस मन्त्र को पहले १००८ बार जाप करके सिद्धि कर लें फिर आवश्यकता के समय निम्न प्रयोग करें । । मछली के पित्ते में गोरोचन मिला सात बार मन्त्र पड़ कर मस्तक पर लगाने से पति वश में हो जाता है ।


    ॐ नमो महायक्षिणी मम पतिं वश्य मानय कुरु कुरु स्वाहा ॥ 


    इस मन्त्र को पहले एक हजार बार जाप करके सिद्धि कर लें फिर . जब प्रयोग करना हो तो- 

    (१) बृहस्पतिवार के दिन कदली (banana)का रस सिन्दूर और पीरियड का रक्त मिला सात॑ बार मन्त्र से अभिमन्त्रित कर मस्तक पर लगावें तो पति कैसा निष्ठुर क्यों न हो वशीभूत हो जाता है । 

    (२) अनार के फूल(pomegranate)फल पत्ता छाल और जड़ लेकर सफेद सरसों के साथ पीसकर सात बार मन्त्र से आभिमन्त्रित कर योनि में लेप कर पति समागम करे तो मृत्यु पर्यन्त वश में रहता है ॥। 

    ॐ नमो आदेश गुरु को सिन्दूर कीमया सिन्दूर नाम तेरी पत्ती । कामाख्या सिर पर तेरी उत्पत्ती । सिन्दूर पड़ीअमुकी लगावें बिन्दी हो वश अमुक होके निर्वुद्धी । ॐ महादेव की शक्ति गुरु की भक्ति कामरू कामाख्या माई की दुहाई आदेश हाड़ी दासी चण्डी की, अमुक मन लाव निकार न तो पिता महादेव वाम पाद जाय लगे ॥ 

    इस मस्त्र को पहले दस हजार बार जाप करके सिद्धि कर लें और आवश्यकता के समय सरसों के तेल में मालती के पुष्प डाल दें और जब कुछ दिनों में वह फूल सड़ जायेँ तब॑ १०८ बार मन्त्र पढ़ योनि में लगा पति समागम करे तो पति वश में हो जाता है ॥

    ॐ ह्लीं श्रीं क्रिं थिरि ठः ठ: अमुकं वशं करोति ॥ 


    इस मंत्र को दस हजार बार जाप कर सिद्धि कर लें, आवश्यकता के समंय शुक्ल पक्ष की परेवा को गौरैया चिड़िया का मांस ले इक्कीस बार मंत्र पढ़ थोड़ां सा मांस पान में पति को खिला दे तो पति वश में हो जाता हे।




    वशीकरण करने का टोटका 




    (१) मासिक धर्म से शुद्ध हो चार लौंग युक्ति पूर्वक अपनी योनि में चार दिन तक रखे, चार दिन बाद निकाल कर पीस ले और पति के शीश पर डाल दे अथवा खिला दें तो पति जीवन भर वश में रहताहै।


     (२) सफेद धतूरे के बीज. सफेद सरसों के बीज और लटजीरा (apamarg)के बीज तिल्‍ली के तेल में पीस कर में लेप कर पति समागम करे तो पति सदैव के लिये वश में हो/जाता है ॥ 


    (३ )'रविवार के दिन तुलसी के बीजलेकर.सहदेई के रस मे पीस ले और उसे योनि में लगा पति से समागम करे तो पति वश में होजाता है।


    ४.सफ़ेद  लाजबन्ती का जड़ को निमंत्रण देकर उठा लाये किसीभी शनिबार ,मंगल बार या आमवस्या को फिर 


    ॐ नम :कामाख्या देवी अमुकंग में बस्य मनाय कुरु कुरु स्बाहा। इस मन्त्र को १०८ बार पाठ करे हाथमे लेके और अमृक स्थान पर जिसको बश करना हे उसका नाम लेना हे। एक कर परिमाण जड़ को किसीभी खाने के साथ मिलाके खिला देने से हमेशा के लिए बस में हो जाते हे। 

    ५. धूतरा की जड़ को किसीभी पुष्य नक्षत्र में निमन्त्रण देकर उठा लाये इस जड़ का कुछ हिर्सा आपने पास रखले और कुछ हिस्सा को जिसको बस करना हे उसीका घरके आस पास मिटटी में दबा दे जहासे जाना आना करते हे ऐसा करने उस बेक्ति का बसीकरण हो जाते हे।  

    ६. मौना और मुनि बीज लेकर उसे चंडी के ताबीज में काम सिंदूर और मोना मुनि एकसाथ भरकर जिसको छुआ के हाथ में धारण करने से बशीकरण हो जाते हे। 

    ७. बिना फल बाला गूलर का पौधा को रबिपुष्य नक्ष्त्र या चन्द्र ग्रहण में उठाके जिसको बैश करना हे उसीको तोडा परिमाण पाण के साथ मिलके खिला देने से महा वशीकरण हो जाते हे। 

    ८. किसीभी शब जाते बक्त जब सिक्का फेकते हे उसीमे ताम्बे का पुराना सिक्का एक उठाके राख देना हे फिर दुबारा दूसरा कही शब जात्रा में जाते बक्त तेरह पर तीन रासते की मोड़ पर रख देता हे तब उस सिक्का को रास्ते की एक तरफ से दूसरी तरफ फेकना हे शब् की ऊपर से दूसरी तरफ जाके गिरेगा ध्यान में रखकर उस सिक्का को उठके लाना हे फिर उसको दो आंख की बराबर दो छेद करना हे और उसके निचे एक छेद करनी हे। दो आँख बाला छेद में काळा डोरा से घुसाकर आपने बाजु में बांध ने बराबर लगाने के लिए नाप लेके रख ले फिर जिसको बश में करना हे उसका नाम लेके निचे बाला छेद में एक फुक लगा दे और उसीका शरीर में लगाके बाजु में बांध ले इस क्रिया में तुरन्त बशीकरण हो जाते हे। 

    ९.जिसको बश में करना हे उसका बाये पैर का मीट्टी लेकर किसी ताम्बे की काबोच में भरकर इस मंत्र से १०८ बार अभी मन्त्रित करके खुदके पास रखले या धारण करले उस बेक्ति का बसीकरण हो जाते हे ॐ हीँ चामुण्डे अमुकंग ज्वल ज्वल प्रज्जल प्रज्जल स्बाहा। 

    १०. दो दिया को एकसाथ जलाये और जिसको बश में करना हे उसीका नामपे एक दिया दिया के साइड में मार्कर से उसीका नाम और कही नारी होगा तो उसकी माँ नाम ,पुरुष होगा तो उसका बाप की नाम की निचे लिखदे या लिखे अमुक का पुत्र अमुक या अमुक का पुत्री अमुक फिर दोनों का शिखा एक साथ कर दीजिये फिर मन्त्र को जितना हो सके मन ही मन जप करे और उसीका चेहेरा चिंतन करे ऐसा करने १ से २ दिन के भीतर उस बेक्ति का बशीकरण या आपके तरफ आकर्षण उत्पन्न हो जाते हे। 

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