भूत प्रेत बाधा निवारण(bhut pret badha nivaran upay)
आपने प्राय: सुना होगा कि अमुक व्यक्ति को भूत लग गया है । अमुक को चुड़ैल लग गयी है । तांत्रिक भी औपरे का स्पष्टीकरण करते हुए वतलाता है कि अमुक व्यक्ति को अमुक औपरा था या भूत-प्रेत वाधा थी । वास्तव में वह एक गम्भीर विषय है। यहाँ मैं केवल तांत्रिक प्रयोग प्रस्तुत करूँगा । सर्वप्रथम आप को समझने का प्रयास करें कि आप पर क्या होता है ? भूत-प्रेत या ऊपरी बाधा कई भाँति के होते हैं जिन्हें यक्ष, पितर, भूत, शत्रु, राक्षस, पिशाच, प्रेत, क्षेत्रपाल, शाकिनी, डाकिनी, आदि कहते हैं । यह भिन्न-भिन्न भांति से लोगों को परेशान करते हैं ।
अब मैं इनकी पहचान प्रस्तुत कर रहा हूँ ! इसे पढ़करकोई भी कभी भी कहीं भी इनकी पहचान कर सकता है। जब किसी को यह शिकायत हो तो वह व्यक्ति साधारण लोगों जैसी बातें नहीं करता । यदि वह गुस्से में आए तो कई व्यक्तियों पर भारी पड़ता है । देह से दुर्गन्ध आती है । सदा गंदा रहता है । एकांत चाहता है । वन में भाग जाता है । घूमता-फिरता है कभी-कभी रोने लगता है । इसे बहुत भूख लगती है । कभी-कभी कुछ लोग अकाल मृत्यु से मरते हैं। वह भूत प्रेतादि बनते हैं । भूत-प्रेत: बाधा. ग्रस्त व्यक्ति चीखता- चिल्लाता है, रोती है, भागता है । इसकी देह काँपती है । तीज्र आवाज करते हुए साँस लेता है । . यदि किसी व्यक्ति को इस प्रकार की शिकायत हो तो कच्चे कोयले के सात टुकड़े, एक अण्डा, थोड़ा सा चावल, थोड़ा. सा हलुवा, तथा पीपल की टहनी ले लें ।एक मिट्टी का सकोरा लें उसमें हलुवा डाल दें । इसके ऊपर कोयला रख दें, कोयले के ऊपर कच्चे चावल डाल दें। इस बतेन को रोगी के ऊपर से सात बार घुमा कर उतार लें । इसके बाद पीपल की टहनियाँ रख दें । इसे उठा करके किसी चौराहे पर रख दें । वह अंडा उस सकोरे पर मार कर फोड़ दें और बिना पीछे देखे वापस.घर आ जाएं ।
भूत प्रेत बाधा निवारण मंत्र
बैर बर चुडेल पिशाचनी बैर निवासी । कहु तुझे सुनु सर्वनासी मेंरी मासी।
इस मन्त्र को दीपावली, होली दशहरा या ग्रहण के दिन सिद्ध करना चाहिए । अवश्यकता पड़ने पर मन्त्र पढ़कर रोगी पर फूँक मारे । यह क्रम तब तक करें जब तक कि रोगी चुड़ैल बाधा पूरी तरह मुक्त न हो जाय । भूतादि निवारण मन्त्र--इस मन्त्र को तीन बार पढ़कर . एक मूट्ठी धूल को अभिमस्त्रित कर रोगी को मारने से अथवा दिशाओं में फेंकने से भूत-प्रेत का कोई डर नहीं रहता है । इसे दीपावली, ग्रहण, दशहरा या होली की रात में सिद्ध कर लेना चाहिए ।
कुष्ठ इलाही का बान, कुड्म की पत्ती चिरावत भाग भाग अमूक अंग से, भूत मारूँ धुनवान कृष्णवर पुत आज्ञा कामरू कामाक्षा माई की हाड़ी दास चण्डी की दुहाई ।
मसान भगाने की मंत्र
आजकल भूत-प्रेत आदि को लगना एक साधारण सी बात है। इसके कारण सामान्य व्यक्ति तांत्रिक के चक्कर में पड़ जाता है । आप निम्नःउपाय करें-रविवार को स्नान करके तुलसी के आठ पत्ते, काली मिर्च के आठ दाने तथा सहदेव की जड़ को काले कपड़े में भर लें और इसको ताबीज की तरह काले धागे के द्वारा गले में धारण करें तो तुरन्त लाभ होता है ।
बच को अगर ताबीज में भरकर धारण किया जाय तो भूत प्रेतादी का परिषाणी नही रहती है।इसे जड़कर हातमे पहन ने से स्वच्छ एवं शुद्ध रक्त का निर्माण होता हे। फूस फूस शक्ति शाली हो जाते हे।उच्च रक्त चाप ठीक हो जाते हे।रात्रि को सोते समय तकिया के नीचे रख कर सोने से डर नही लगता है।
स्वेत अर्क की जड़ को रविवार को पुष्य नक्षत्र के दिन उठाके हाथ में या गला में धारण करने से भूत प्रेत ऊपरी बाधा समाप्त हो जाते हे।
पूर्वभाद्रपद नक्षत्र में सिरिश वृक्ष को पर गाछा लेकर हात में बाध ने समस्त ऊपरी बाधा समाप्त हो जाते हे।
खस,चंदन,तगर,लाल चंदन और कूट एक पीस कर लेप करने से भूत उतर जाते है।
मंत्र: ॐ नमो भगवते उड्डामरेेश्वराय कुहुनी कुर्बली स्बाहा।इस मंत्र से झड़ने से भूत उतर जाते है।
लोबान ,घी, हींग,देबदारु,इंद्र बरूनी,गोदंती,सरसो,केश,कुटकी,निम,दोनो कटाई ,बच, चब्य,बनउर,जब,बकरे का बाल तथा मोर की पूछ बछड़ा के मूत्र में पीसकर सुखाबे तथा मिट्टी की परई में अग्नि ज्वाला कर इसका धूप दे तो ग्रहदी एवं डाकिनी शाकिनि और अनेक प्रकार के रोग दुःख दरिद्र ता शत्न हो जाते हे।
गुगुल ,लहसुन,घी, साप की केचुल,बानर की बाल,मोर , मुर्गा एवं कबूतर को बिष्टा एक में मिलाकर धूप देने से बड़ा बड़ा प्रेत शांत हो जाते हे।
काली सरसो तथा काली मिर्च का अंजन भूत उतर देता हे।
एक पात्र में गोरख गुण्डी की जड़ रखे इसके बाद हींग मिश्रित जल चौड़े फिर उस जल को पानी से ग्रह एवं भूत बाधा शांत हो जाते हे।
एक हांडी ले बड़ा बाला और इसके अंदर सुखा अपमार्ग ले ले २०० ग्राम की आसपास और साथ में काला गुंचा १०० ग्राम ले ले साथ ही काली मिर्च हींग को साथ में मिला ले और शुद्ध कर्पूर १०० ग्राम लेकर सब एकत्रित करके जला दे उससे जो धूय निकले गा उसको रोगिके सामने रखे इस धुएं की प्रभाव से घर की या किसके ऊपर कही भूत प्रेत बाधा हो सब उतर जायेगी।
देशी गाय की कांडे के ऊपर हींग, लहशुन,गंधक और राई लेकर जलादे इसका धुएं से भी भूत प्रेत भाग जाते हे।
सरल वृक्ष का गोंद, देबदारू,हींग, मोथा, कटुक,कटुकी,सरसो,निम के पत्ते,मदन फल ,दोनो बृहती,साप की केचुले,बिनोल, यब, बहेड़ा, धान की भूसी , गाई की गिरे हुई शृंग, खुर और बाल,मोरपंख, बिल्ली की मल,बकरी की रोम तथा घृत इन सबको एकत्रित करके गो की बछड़ा के मूत्र के साथ मिलाकर सिद्ध करने से महेश्वर धूप तैयार होता हे।इस धूप की अग्नि देने से सभी प्रकार भूत प्रेत बाधा दूर होता हे।
इंद्र बारूनी का पका फल ,कमल गट्टा,और काली मिर्च को गो मूत्र में पीसकर नास लेने से ब्रह्म राक्षस एवं भूतादी बाधा शांत हो जाते हे।
भूत नाश मंत्र: ॐ नमो भगवते रुद्राय नम: कोशेश्वराय नमो ज्योति: पतंगाय नमो:सिद्धीरूपीरुद्राय जपति स्वाहा।
भुत प्रेत बाधा समाप्त करने का टोटका
१ बकरा, रीछ, सजारू और उल्लका चमडा, रुआ और छाग (बकरा) का मूत्र एकसाथ मिलाकर धूनी देनेसे भूत छोडकर भाग जाता है ।
२ गजपीपलकी जड़, मिर्च,पीपल, सौठ, अंबला और सरसोंको एकसाथ मिलाकर गोह, न्योला, बिल्ली और रीछके पित्तमें भिजोदे । इस औषधिका नास लेनेसे भूत छोड- कर भाग जाता है ।
३ सिरसके बीज, लहसन, सोंठ, सफेद सरसों, .वच, मजीठ, हलदी और कांजी बकरे के मूत्र के साथ पीसकर बत्ती बनावे । इस बत्तीमें बकरेका रुधिर सुखाकर फिर उसका अंजनआंखोंमें आंजे, निश्चयही भूत छोड जायगा ।
भूत बाधा निवारक मन्त्र-इस मन्त्र को १०८ बार पढ़कर अभिमंत्रित किया हुआ तेल प्रेत बाधा ग्रसित व्यक्ति को लगाने से भुत प्रेतादि दुष्ट आत्मा उस प्राणी को छोड़कर चले जाते हैं :--(ॐ नमो: काली कपाली देहि देहि स्वाहा ।) इसके अतिरिक्त निम्न मन्त्र को अधिकाधिक संख्या में जप करने से भूत प्रेत बाधा सदैव के लिये दूर होती है । ॐ नम:भगवते रुद्राय नम: कोशेश्वस्य नमो ज्योति पंगगायनमो रुद्राय नमः सिद्धि स्वाहा ।
नमक, राई, राल, लहसुन, प्याज के सुखे छिलके व सुखी मिर्च अंगारे पर डाल कर उस आग को रोगी के ऊपर सात बार घुमाने से हर प्रकार का नजर का दोष मिटता है ।
मंगलवार या शनिवार के. दिन हनुमान म॒न्दिर में जाकर हसन जी के कंधे पर से सिंदूर लाएं नजर लगे व्यक्ति के माथि पर लगाने से बुरी नजर का प्रभाव कम होता है खाने समय नजर लग जाये तो इमली की तीन छोटी डालियों को लेकर आग में जलाकर नजर लगे व्यक्ति के माथे पर साथ बार घुमा कर पानी में बुझा दे तो और उस पानी को रोगी को पिलाने से नजर दोष दूर होता हे।
भोजन पर नजर लगाने पर भोजन देने के पहले प्रत्येक में एक तोडा तोडा कले के पत्ते पर लेकर उस पर गुलाल छिड़क के चोराये पर रख देने से नजर दोष ठीक हो जाते हे।
नजर लगा बेक्ति को गुलाब के साथ पंखुरी पान में रख कर खिलाने से नजर दोष समाप्त हो जाते हे।
लाल मिर्च अजोवान और पीला सरसो को एकत्रित करके धुआं देने से नजर बाधा समाप्त हो जाते हे।
नजर बाधा उतार नेका मंत्र
ॐ नम: गुरु आदेश तुझया नाचे भूत पले,प्रेत पले खबाबिस पले,सब पले अरिष्ठ पले,मूरिष्ठ पले न पले तो तेरे गुरु गोरख नाथ की बिदमा ही चले।गुरु की संगत मेरी भगत ,चलो मंत्र इश्वरो बाचा।
प्रयोग से पहले मंत्र को किसी दीपावली या ग्रहण के दिन १००८बार जप करके सिद्ध कर लेना हे इसके बाद किसीभी भस्म में साथ बार फूक देके अभी मंत्रीत करके शरीर पर लगाने से नजर उतर जाते हे।
नजर बाधा समाप्त करने का टोटका
राई ,लहसुन,नमक,प्याज के छिलके सुखी लाल मिर्च को एक साथ रख कर ये सबको नजर लगा बेक्ति ऊपर ७ बार उतर कर आग में जला दे ऐसा करने से नजर ऊपरी बाधा समाप्त हो जायेगा।
२.शनिवार या राबीबार को नजर लगा बेक्ति के ऊपर से साथ बार कच्चा दूध को उतार कर काले कुत्ते को खिला दे ऐसा करने से नजर बाधा समाप्त हो जाते हे।
३.नजर लगा बेक्ति के ऊपर तोडा काले उड़द नमक और मिट्टी बराबर मात्रा में लेकर साथ फेरे लगाकर दक्षिण दिशा की ओर फेक दे ऐसा करने से नजर ऊपरी बाधा समाप्त हो जाते हे।
४.अगर नजर लगा बेक्ति का पता चल जाए तो झाड़ू या जूता हात में लेकर २१ बार उतारे और फिर उसे जमीन पर जोर जोर से पटक दे।
५.थोड़ी फिटकरी लेकर ७ बार उतारा करके घर के दक्षिण दिशा के और फेक दे
जादू टोना निवारण सन्त्र :--
इस मन्त्र को ग्रहण दशहरा या दीपावली की रात में. १००८ बार जपकर सिद्ध करने के वाद आवश्यकता पड़ने पर जादू, टोना व टोटका से ग्रसित व्यक्ति को बैठाकर उसके सामने ही एक कपड़ा अरण्डी के हल में भिगोकर जलाते हैं। ३१ बार मंत्र का जाप करते हुए पीड़ित व्यक्ति पर फूक मारते हैं । जिससे भूत-प्रेत का प्रभाव तुरन्त नष्ट होता है ।
ओइम् का कलंक कपाट बज्रपर्वत लंका अलंक पलंका फलक फक्षीक यती की वाचा गुरु का वाक्य सांचा सत्यो ।
भुत प्रेत निवारण दूसरा मंत्र
सफेदा मसान गुरु गोरख की आन।यमदण्ड मसान काल भैरव की आन।सुकिया मसान नोना चामरी की आन।फुलिया मसान गौरे भैरो की आन।हल्दिया मसान ककोड़ा भैरो की आन।पीलिया मसान दिल्ली की योगिनी की आन । कामेदिया मसान कालिका की आन । कोकड़िया मसान राम चंद्र की आन ।सिलसिलिया मसान बीर महम्मद पिर की आन।इस मंत्र पढ़ते हुए २१बार झार फूक करने से मसान दोष समाप्त हो जाते हे।
बिशेष बाते
ऊपर में दिया गया जितना भी प्रयोग हे सब आजमाया हुए प्रयोग हे। आप लोगो को अगर भुत प्रेत बाधा में परिशानी हे तो आप लोग हमसे संपर्क कर सकते हे ईमेल सेबा के माद्यम में निशुल्क।
बिशेष बाते
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