Karja se mukti ke upay | कर्ज से मुक्ति के उपाय


Karja se mukti ke upay | कर्ज से मुक्ति के उपाय


कर्ज बाधा से मुक्ति के उपाय


    आज अपलोगों को ऋण से मुक्ति पाने हेतु कुछ टोटका और उपाय बता रहा हु जो आप लोग जिंदगी में इसको कामपे लगा सकते हे।

    ऋण दल दल की तरह है जिसमें से जितना निकलने की चेष्टा करो फंसते ही जाते हे।जीवन में कभी न कभी कही न कही हर बेक्ति को ऋण लेना पड़ता है,अगर यह ऋण लेकर चुका दे पता हे तो बह बेक्ति भाग्यशाली होते हे अन्यथा कर्ज में डूब जाते हे ।ऋण का पैसा दे नेही पाते हे।

    पहला उपाय १मीटर सफेद कपड़ा लेकर उसके ऊपर  पाच गुलाब के फूल रख ले फिर गायत्री मंत्र को १००८ बार पड़कर गोलाब की फूल को कपड़ा में बंध ले ,फिर इसको लेकर किसीभी नदी में प्रवाहित करदे ।कुछ दिनो में आपको कर्ज से मुक्ति मिल जायेगा।



    दूसरा उपाय 



    किसिभी शमशान से आते वक्त कुछ सिक्के सर के ऊपर से पीछे फेक के चला आय पीछे मोड़ कर न दिखे ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति मिल जायेगा।



    तीसरा उपाय 



    शनिवार या मंगल बार को हिजड़ा को कुछ दान करे और उसीसे १ रुपिया का एक सिक्का ले ले उसको आप अपना जेब में रख ले ,इसी से आपका कर्ज जल्दी मिट जायेगा।



    चौथा उपाय 



    काले उड़द लेकर हर शनिवार को अपना घरके चारो तरफ ७ बार  गुमाके उसको किसीभी नदी में प्रवाहित कर दे ,फिर हनुमान मंदिर जाके हनुमान जिको मीठा पान और लड्डु भोग अर्पण करे ८ बार हनुमान चालीसा पाठ करे और हनुमान जिसे प्रार्थना कीजिए ऋण से मुक्ति पाने के लिए , आप कर्ज से जल्दी मुक्त हो जायेंगे।




    पंचमा उपाय 



    ये जो उपाय दे रहा हु इसको आप किसीभी कामपे लगा सकते हे ।

    ये एक अत्यंत प्रभाव शाली मंत्र  हे। ईस मंत्र को जपने के लिए रात्रि १२ बजे के बाद का समय श्रेष्ठ हे। ईस मंत्र को लगातार ४१ दिन तक नियमित तीन माला करके प्रतिदिन जपने से हर कार्य सफल होते है चाहे आपका कर्ज बाधा,बेपार में बाधा या और कुछ बाधा मीट जाते हे । बहुत जल्दी अधूरा हुए काम सम्पन्न होते हे ।मंत्र में अमुक शब्द जहा ही बही पर काम विशेष का उच्चारण करना हे ।

    मंत्र: ॐ नमो महाशाबरी शक्ति मम अरिष्ठ निबाराय निबाराय अमुक कार्य सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा।



    छटा उपाय 



    शनिवार के दिन आप कहिपे जा रहा हे अचानक आपको काले घोड़ा दिख जाए तो आप कुछ पैसा या और कुछ सामान दान देकर घोड़ा की सामने का दाने पैर से नाल को ले ले ,इसको घर लेकर गंगा जलसे धो ले फिर एक कटोरी में सरसो की तेल डालके उसके अन्दर नाल को डूबा दे ,एक हफ्ता तक उसके सामने ॐ नम:शनिश्चराय नमः

     मंत्र को १०८ बार करके जप करे फिर अगला शनिवार जब आयेगा उसको शनि मंदिर लेकर पूजा करके घर लेकर आये । घरके मुख्य द्वार के सामने( U ) आकार के किसीभी किल से लगवा दे । कुछ दिनो के अंदर आपका कर्ज बाधा समाप्त हो जायेगा।



    साथमा उपाय 


    १०० ग्राम गुड़ ले ले और तोडा खस की जड़ ले ले उसको अपना शरीर के ऊपर ८ बार उतार के किसीभी पीपल पेड़ के नीचे छोर के चला आय ऐसा ३ या ४ हफ्ता करने से कर्ज से मुक्ति मिल जायेगा।



    आठमा उपाय 



    मंगल बार के दिन लाल चंदन ,लाल गुलाब के फूल और रोली ले आय फिर सब कुछ को लाल कपड़ा में बांध कर घरके तिजोरी में रख दे ,ऐसा करने से कर्ज बाधा से जल्दी मुक्त हो जायेंगे इस प्रयोग को ६ महीने के बाद फिरसे दोबारा करेंगे।




    नबमा प्रयोग ।



    काली बिल्ली का जेर को पूजा करके घरके तिजोरी में रखने से कर्ज बाधा से मुक्त हो जायेंगे।



    दश्मा प्रयोग 



    बृहस्पति बारको बाजार से एक दाम में जल कुंभी खरीद कर लेके आये फिर उसे पीले कपड़ा में लपेट कर घरके किसीभी कोने में लटका दे जब तक ये सुख न जाए  इसे रख ले ,जब सुख जायेगा तब परिवर्तन कर ऐसा नैया रख ने से बहुत जल्दी कर्ज मुक्त हो जायेंगे।




    कर्ज मुक्ति उपाय और टोटका



    1. किसी के प्रत्येक शुभ कार्य में बाधा आती हो या विलम्ब होता हो तो रविवार को भैरों जी के मंदिर में सिंदूर का चोला चढ़ा कर "बटुक भैरव स्तोत्र” का एक पाठ कर के गौ, कौओं और काले कुत्तों को उनकी रूचि का पदार्थ खिलाना चाहिए। ऐसा वर्ष में 4-5 बार करने से कार्य बाधाएं नष्ट हो जाएंगी। 

    2. रूके हर कार्यों की सिद्धि के लिए यह प्रयोग बहुत ही लाभदायक है। गणेश चतुर्थी को गणेश जी का ऐसा चित्र घर या दुकान पर लगाएं, जिसमें उनकी सूंड दायीं ओर मुड़ी हुई हो। इसकी आराधना करें। इसके आगे लौंग तथा सुपारी रखें। जब भी कहीं काम पर जाना हो, तों एक लौंग तथा सुपारी को साथ ले कर जाएं, तो काम सिद्ध होगा। लॉग को चूसें तथा सुपारी को वापस ला कर गणेश जी के आगे रख दें तथा जाते हुए कहैं 'जय गणेश काटो कलेश”। 

    3.सरकारी या निजी रोजगार क्षेत्र में परिश्रम के उपरांत भी सफलता नहीं मिल रही हो, तो नियमपूर्वक किये गये विष्णु यज्ञ की विभूति ले कर, अपने पितरों की 'कुशा' की मूर्ति बना कर, गंगाजल से स्नान करायें तथा यज्ञ विभूति लगा कर, कुछ भोग लगा दें और उनसे कार्य की सफलता हेतु कृपा करने की प्रार्थना करें। किसी धार्मिक ग्रंथ का एक अध्याय पढ़ कर, उस कुशा की मूर्ति को पवित्र नदी या सरोवर मैं प्रवाहित कर दें। सफलता अवश्य मिलेगी। सफलता के पश्चात्‌ किसी शुक्ष कार्य में दानादि दें। 

    4. व्यापार, विवाह या किसी भी कार्य के करने में बार-बार असफलता मिल रही हो तो यह टोटका करें- सरसों के तैल में ७ सिके गेहूँ के आटे व पुराने गुड़ से तैयार सात पूये, सात मदार (आक) के पुष्प, सिंदूर, आटे से तैयार सरसों के तैल का रूई की बत्ती से जलता दीपक, पत्तल या अरण्डी के पत्ते पर रखकर शनिवार की रात्रि में किसी चौराहे पर रखें और कहें -"हे मेरे दुर्भाग्य तुझे यहीं छोड़े जा रहा हूँ कृपा करके मेंरा पीछा ना करना।'' समान रखकर पीछे मुड़कर न देखें। 

    5: सिन्दूर लगे हनुमान जी की मूर्ति का सिन्दूर लेकर सीता जी के चरणों में लगाएँ। फिर माता सीता से एक श्वास में अपनी कामना निवेदित कर भक्ति पूर्वक प्रणाम कर वापस आ जाएँ। इस प्रकार कुछ दिन करने पर सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है। 

    6.किसी शनिवार को, यदि उस दिन 'सर्वार्थ सिद्धि योग' हो तो अति उत्तम संध्या काल में अपनी लम्बाई के बराबर लाल रेशमी सूत नाप लें। फिर एक पत्ता बरगद का तोड़ें। उसे स्वच्छ जल से धोकर पॉंछ लें। तब पत्ते पर अपनी कामना रुपी नापा हुआ लाल रेशमी सूत लपेट दें और पत्ते को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। इस प्रयोग से सभी प्रकार की बाधाएँ दूर होती हैं और कामनाओं की पूर्ति होती है।

    7.रविवार पुष्य नक्षत्र में एक कौआ अथवा काला कुत्ता पकड़े। उसके दाएँ पैर का नाखून काटें। इस नाखून को ताबीज में भरकर, धूपदीपादि से पूजन कर धारण करें। इससे आर्थिक बाधा दूर होती है। कौए या काले कुत्ते दोनों में से किसी एक का नाखून लें। दोनों का एक साथ प्रयोग न करें। 

    8. प्रत्येक प्रकार के संकट नियारण के लिये भगवान गणेश की मूर्ति पर कम से कम 21 दिन 'तक थोड़ी-थोड़ी जावित्री चढ़ावे और रात को सोते समय थोड़ी जावित्री खाकर सोवे। यह प्रयोग 2, 42, 64 या 84 दिनों तक करें। 

    9. अक्सर सुनने में आता है कि घर मैं कमाई तो बहुत है, किन्तु पैसा नहीं टिकता, तो यह प्रयोग करें। जब आटा पिसवाने जाते हैं तो उससे पहले थोड़े से गेंहू में ।। पत्ते तुलसी तथा 2 दाने केसर के डाल कर मिला लें तथा अब इसको बाकी गेंहू में मिलीं कर पिसवा लें। यह क्रिया सोमवार और शनिवार को करें। फिर घर मैं धन की कमी नहीं रहेगी। 

    10. आटा पिसते समय उसमें 100 ग्राम काले चने भी पिसने के लियें डाल दिया करें तथा केवल शनिवार को ही आटा पिसवाने का नियम बना लें। 

    11. शनिवार को खाने मैं किसी भी रूप में काला चना अवश्य ले लिया करें। 

    12.अगर पर्याप्त धर्नाजन के पश्चात्‌ भी धन संचय नहीं हो रहा हो, तो काले कुत्ते को प्रत्येक शनिवार को कड़वे तेल (सरसों के तेल) से चुपड़ी रोटी खिलाएँ। 

    13. संध्या समय सोना, पढ़ना और भोजन करना निषिद्ध है। सोने से पूर्व पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए, क्तु गीलें पैर नहीं सोना चाहिए। इससे धन का क्षय होता है। 

    14 .रात्रि में चावल, दही और सत्तू का सेवन करने से लक्ष्मी का निरादर होता है। अत: समृद्धि चाहने वालों को तथा जिन व्यक्तियों को आर्थिक कष्ट रहते हों, उन्हें इनका सेवन रात्रि भोज में नहीं करना चाहिये। 

    15. भोजन सदैव पूर्व या उत्तर की ओर मुख कर के करना चाहिए। संभव हो तो रसोईघर में ही बैठकर भोजन करे इससे राहु शांत होता है। जूते पहने हुए कभी भोजन नहीं करना याहिए। 

    16.सुबह कुल्ला किए बिना पानी या चाय न पीएं। जूठे हाथों से या पैरों से कभी गाँ, ब्राहमण तथा अग्नि का स्पर्श न करें।

    17.घर में देवी-देवताओं पर चढ़ाये गये फूल या हार के सूख जाने पर भी उन्हें घर में रखना अलाभकारी होता है। 

    18. अपने घर में पवित्र नदियों का जल संग्रह कर के रखना चाहिए। इसे घर के ईशान कोण में रखने से अधिक लाभ होता है। 

    19. रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र हो, तब गूलर के वृक्ष की जड़ प्राप्त कर के घर लाएं। इसे धूप, दीप करके धन स्थान पर रख दें। यदि इसे धारण करना चाहैं तो स्वर्ण ताबीज में भर कर धारण कर लैं। जब तक यह ताबीज आपके पास रहेगी, तब तक कोई कमी नहीं आयेगी। घर मैं संतान सुख उत्तम रहेगा। यश की प्राप्ति होती रहेगी। धन संपदा भरपूर होंगे। सुख शांति और संतुष्टि की प्राप्ति होगी। 

    20.देव सखा' आदि 8 'पुत्रबर्ग भगवती लक्ष्मी के कहे गये हैं। इगके गाम के आदि में और अर में 'नम:' लगाकर जप करने से अभीष्ट धन की प्राप्ति होती है। यथा - ॐ देवसखाय नमः, चिकलीताय, आनन्दाय, कर्दमाय, श्रीप्रदाय, जातवेदाय, अनुरागाय, सम्वादाय, विजयाय, बल्ल भाय, मदाय, हर्षाय, बलाय, तेजसे, दमकाय, सलिलाय, गुग्गुलाय, ॐ कुरूणटकाय नमः। 

    21. किसी कार्य की सिद्धि के लिए जाते समय घर से निकलने से पूर्व ही अपने हाथ में रोटी ले लें। मार्ग में जहां भी कौए दिखलाई दें, वहां उस रोटी के टुकड़े कर के डाल दें और आगे बढ़ जाएं। इससे सफलता प्राप्त होती है। 


    22. किसी भी आवश्यक कार्य के लिए घर से निकलते समय घर की देहली के बाहर, पूर्व दिशा की ओर, एक मुट्ठी घुघंची को रख कर अपना कार्य बोलते हुए, उस पर बलपूर्वक पैर रख कर, कार्य हेतु निकल जाएं, तो अवश्य ही कार्य में सफलता मिलती है। 

    23: अगर किसी काम से जाना हो, तो एक नींबू लें। उसपर 4 लौंग गाड़ दें तथा इस मंत्र का जाप करें : 'ॐ श्री हनुमते नम:'। 21 बार जाप करने के बाद उसको साथ ले कर जाएं। काम मैं किसी प्रकार की बाधा नहीं आएगी। 

    24. चुटकी भर हींग अपने ऊपर से वार कर उत्तर दिशा में फेंक दें। प्रात:काल तीन हरी इलायची को दाएँ हाथ में रखकर "श्री श्री“ बोलें, उसे खा लैं, फिर बाहर जाए|। 

    25. जिन व्यक्तियों को लाख प्रयत्न करने पर भी स्वयं का मकान न बन पा रहा हो, वे इस टोटके को अपनाएं। प्रत्येक शुक्रवार को नियम से किसी भूखे को भोजन कराएं और रविवार के

    दिन गाय को गुड़ खिलाएं। ऐसा नियमित करने से अपनी अचल सम्पति बनेगी या पैतृक सम्पति प्राप्त होगी। अगर सम्भव हो तो प्रात:काल स्नान-ध्यान के पश्चात्‌ निम्न मंत्र का जाप करें। ॐ पद्मावती पद्म कुशी बज्रबज्र  पतिब भवंति भवंति।।'' 

    26. यह प्रयोग नवरात्रि के दिनों में अष्टमी तिथि को किया जाता है। इस दिन प्रात:काल उठ कर पूजा स्थल में गंगाजल, कुआां जल, बोरिंग जल में से जो उपलब्ध हो, उसके छींटे लगाएं, फिर एक पाटे के ऊपर दुर्गा जी के चित्र के सामने, पूर्व में मुंह करते हुए उस पर 5 ग्राम सिक्के रखें। साबुत सिक्कों पर रोली, लाल चन्दन एवं एक गुलाब का पुष्प चढ़ाएं। माता से प्रार्थना करें। इन सबको पोटली बांध कर अपने गल्ले, संदूक या अलमारी में रख दें। यह टोटका हर 6 माह बाद पुनः दोहराएं। 

    27. घर में समृद्धि लाने हेतु घर के उत्तरपश्चिम के कोण (वायव्य कोण) में सुन्दर से मिट्टी के बर्तन में कुछ सोने-चांदी के सिक्के, लाल कपड़े में बांध कर रखें। फिर बर्तन को गेहूं या चावल से भर दें। ऐसा करने से घर में धन का अभाव नहीं रहेगा। 

    28.व्यक्ति को ऋण मुक्त कराने में यह टोटका अवश्य सहायता करेगा: मंगलवार को शिव मन्दिर में जा कर शिवलिंग पर मसूर की दाल "ॐ ऋण मुक्तेश्वर महादेवाय नम:'' मंत्र बोलते हुए चढ़ाएं। 

    29.जिन व्यक्तियों को निरन्तर कर्ज घेरे रहते हैं, उन्हैं प्रतिदिन "ऋणमोचक मंगल स्तोत्र” का पाठ करना चाहिये। यह पाठ शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से शुरू करना चाहिये। यदि प्रतिदिन किसी कारण न कर सकें, तो प्रत्येक मंगलवार को अवश्य करना चाहिये। 

    30. सोमवार के दिन एक रूमाल, 5 गुलाब के फूल, 1चांदी का पत्ता, थोड़े से चावल तथा थोड़ा सा गुड़ लें। फिर किसी विष्णु लक्ष्मी जी के मिन्दर में जा कर मूर्त्ति के सामने रूमाल रख कर शेष वस्तुओं को हाथ में लेकर 21 बार गायत्री मंत्र का पाठ करते हुए बारी-बारी इन वस्तुओं को उसमें डालते रहें। फिर इनको इकट्ठा कर के कहें की 'मेरी परेशानियां दूर हो जाएं तथा मेरा कर्जा उतर जाए'। यह क्रिया आगामी 7 सोमवार और करें। कर्जा जल्दी उतर जाएगा तथा परेशानियां भी दूर हो जाएंगी। 

    31. सर्वप्रथम 5 लाल गुलाब के पूर्ण खिले हुए फूल लें। इसके पश्चात्‌ डेढ़ मीटर सफेद कपड़ा ले कर अपने सामने बिछा लें। इन पांचों गुलाब के फुलों को उसमें, गायत्री मंत्र 21 बार पढ़ते हुए बांध दें। अब स्वयं जा कर इन्हें जल में प्रवाहित कर दें। भगवान ने चाहा तो जल्दी ही कर्ज से मुक्ति प्राप्त होगी।

    32. कर्ज-मुक्ति के लिये "गजेन्द्र-मोक्ष'' स्तोत्र का प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व पाठ अमोघ उपाय है। 

    33 घर में स्थायी सुख-समृद्धि हेतु पीपल के वृक्ष की छाया में खड़े रह कर लोहे के बर्तन में जल, चीनी, घी तथा दूध मिला कर पीपल के वृक्ष की जड़ में डालने से घर में लम्बे समय तक सुख-समृद्धि रहती है और लक्ष्मी का वास होता है। 

    34 अगर निरन्तर कर्ज में फैंसते जा रहे हों, तो श्मशान के कुएं का जल लाकर किसी पीपल के वृक्ष पर चढ़ाना चाहिए। यह 6 शनिवार किया जाए, तो आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त होते हैं। 

    35. घर में बार-बार धन हानि हो रही हो तों वीरवार को घर के मुख्य दवार पर गुलाल छिड़क कर गुलाल पर शुद्ध घी का दोमुखी (दो मुख वाला) दीपक जलाना चाहिए। दीपक जलाते समय मन ही मन यह कामना करनी चाहिए की भविष्य में घर में धन हानि का सामना न करना पड़े। जब दीपक शांत हो जाए तो उसे बहते हुए पानी में बहा देना चाहिए। 

    36. काले तिल परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर सात बार उसार कर घर के उत्तर दिशा में फेंक दें, धनहानि बंद होगी। 

    37. घर की आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए घर में सोने का चौरस सिक्का रखें। कुत्ते को दूध दें। अपने कमरे में मोर का पंख रखें। 

    38. अगर आप सुख-समृद्धि चाहते हैं. तो आपको पके हुए मिट्टी के घड़े को लाल रंग से रंगकर, उसके मुख पर मोली बांधकर तथा उसमें जटायुक्त नारियल रखकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर देना चाहिए। 

    39.अखंडित भोज पत्र पर 15 का यंत्र लाल चन्दन की स्याही से मोर के पंख की कलम से बनाएं और उसे सदा अपने पास रखें। 

    40. व्यक्ति जब उन्नति की ओर अग्रसर होता है. तो उसकी उन्नति से ईर्ष्याग्रस्त होकर कुछ उसके अपने ही उसके शत्रु बन जाते हैं और उसे सहयोग देने के स्थान पर वे ही उसकी उन्नति के मार्ग को अवरूद्ध करने लग जाते हैं, ऐसे शत्रुओं से निपटना अत्यधिक कठिन होता है। ऐसी ही परिस्थितियाँ से निपटने के लिए प्रात:काल सात बार हनुमान बाण का पाठ करें तथा हनुमान

    जी को लड्डू का भोग लगाए| और पॉच लॉग पूजा स्थान में देशी कर्पूर के साथ जलाएँ। फिर भस्म से तिलक करके बाहर जाए]। यह प्रयोग आपके जीवन में समस्त शत्रुओं को परास्त करने में सक्षम होगा, वहीं इस यंत्र के माध्यम से आप अपनी मनोकामनाओं की श्री पूर्ति करने में सक्षम होंगे। 

    41. कच्यी धानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें। अनिष्ट दूर होगा और धन भी प्राप्त होगा। 

    42. अगर अचानक धन लाभ की स्थितियाँ बन रही हो, किन्तु लाभ नहीं मिल रहा हो, तो गोपी चन्दन की नौ डलियाँ लेकर केले के वृक्ष पर टॉँग देनी चाहिए। स्मरण रहे यह चन्दन पीले धागे से ही बाँधना है। 

    43. आक्समत धण लाभ के लिये शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार को सफेद कपड़े के झंडे को पीपल के वृक्ष पर लगाना चाहिए। यदि व्यवसाय में आकिस्मक व्यवधान एवं पतन की सम्भावना प्रबल हो रही हो, तो यह प्रयोग बहुत लाभदायक है। 

    44. अगर आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हों, तो मन्दिर में केले के दो पौधे (नर-मादा) लगा दें। 

    45. अगर आप अमावस्या के दिन पीला त्रिकोण आकृति की पताका विष्णु मन्दिर में ऊँचाई वाले स्थान पर इस प्रकार लगाएँ कि वह लहराता हुआ रहे, तो आपका भाग्य शीघ्र ही चमक उठेगा। झंडा लगातार वहाँ लगा रहना चाहिए। यह अनिवार्य शर्त है। 

    46.देवी लक्ष्मी के चित्र के समक्ष नौ बत्तियों का घी का दीपक जलाए]। उसी दिन धन लाभ होगा। 

    47: एक नारियल पर कामिया सिन्दूर, मोली, अक्षत अर्पित कर पूजन करें। फिर हनुमान जीके मन्दिर में चढ़ा आएँ। धन लाभ होगा। 

    48. पीपल के वृक्ष की जड़ में तेल का दीपक जला दें। फिर वापस घर आ जाएँ एवं पीछे मुड़कर न देखें। धन लाभ होगा। 

    49. प्रात:काल पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएँ तथा अपनी सफलता की मनोकामना करें और घर से बाहर शुद्ध केसर से स्वस्तिक बनाकर उस पर पीले पुष्प और अक्षत चढ़ाए|। घर से बाहर निकलते समय दाहिना पाँव पहले बाहर निकालें।

    50. एक हंडिया में सवा किलो हरी साबुत मूंग की दाल, दूसरी में सवा किलो डलिया वाला नमक भर दें। यह दोनों हंडिया घर में कहीं रख दें। यह क्रिया बुधवार को करें। घर में धन आना शुरू हो जाएगा। 

    51.प्रत्येक मंगलवार को । पीपल के पत्ते लें। उनको गंगाजल से अच्छी तरह धोकर लाल 'चन्दन से हर पत्ते पर 7 बार राम लिखें। इसके बाद हनुमान जी के मन्दिर में यढ़ा आएं तथा वहां प्रसाद बाटें और इस मंत्र का जाप जितना कर सकते हो करें। 'जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करो गुरू देव की नांई' 7 मंगलवार लागातार जप करें। प्रयोग गोपनीय रखें। अवश्य लाभ होगा। 

    52. अगर नौकरी में तरक्की चाहते हैं, तो 7 तरह का अनाज चिड़ियों को डालें। 

    53.ऋग्वेद (4/32/20-2) का प्रसिद्ध मण्त्र इस प्रकार है - ॐ भूरिदा भूरि देहिगो, मा दभरं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्‌। आ नो भजस्व राधसि।।' (हे 'लक्ष्मीपते ! आप दानी हैं, साधारण दानदाता ही नहीं बहुत बड़े दानी हैं। आप्तजनों से सुना है कि संसारभर से निराश होकर जो याचक आपसे प्रार्थना करता है उसकी पुकार सुनकर उसे आप आर्थिक कष्टों से मुक्त कर देते हैं - उसकी झोली भर देते हैं। हे भगवान मुझे इस अर्थ संकट से मुक्त कर दो।) 

    54.निम्न मन्त्र को शुभमुहूर्त्त में प्रारम्भ करें। प्रतिदिन नियमपूर्वक 5 माला श्रद्धा से भगवान्‌ श्रीकृष्ण का ध्यान करके, जप करता रहे - "ॐकलीं नन्दादि गोकुलत्राता दाता दारिद्रयभंजन। सर्वमंगलदाता च सर्वकाम प्रदायक: श्रीकृष्णाय नमः ||” 

    55. भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष भरणी नक्षत्र के दिन चार घड़ों में पानी भरकर किसी एकान्त कमरे में रख दें। अगले दिन जिस घड़े का पानी कुछ कम हो उसे अन्न से भरकर प्रतिदिन विधिवत पूजन करते रहें। शेष घड़ों के पानी को घर, आँगन, खेत आदि में छिड़क दें। अन्नपूर्णा देवी सदैव प्रसन्न रहेगीं। 

    56. किसी शुभ कार्य के जाने से पहले - रविवार को पान का पत्ता साथ रखकर जायें। सोमवार को दर्पण मैं अपना चेहरा देखकर जायें। मंगलवार को मिष्ठान खाकर जायें। बुधवार को हरे धनिये के पत्ते खाकर जायें। गुरूवार को सरसों के कुछ दाने मुख में डालकर जायें। शुक्रवार को दही खाकर जायें। शनिवार को अदरक और घी खाकर जाना चाहिये। 

    57. किसी भी शनिवार की शाम को माह की दाल के दाने लें। उसपर थोड़ी सी दही और सिन्दूर 'लगाकर पीपल के वृक्ष के नीचे रख दें और बिना मुड़कर देखे वापिस आ जायें। सात शनिवार करे।



    दारिद्रय नाशक धूमावती साधना



    दारिद्रय नाशक धूमावती साधना जौवन मैं कई बार ऐसे पल आ जाते है की हम निराश हो जाते है,अपनी गरीबी से अपनी तकलीफों से,और इस बात को नहीं नाकारा जा सकता की हर इन्सान को धन की आवश्यकता होती है जीवन के ९९% काम धन के अबाभ मैं अधूरे है यहाँ तक की साधना करने के लिए भी धन लगता है,तो क्यों और कब तक बैठे रहोगे इस गरीबी का रोना लेकर क्यों ना इसे उठा कर फेक दिया जाये जीवन से.मेरे सभी प्यारे भाइयो और बहनों के लिए एक विशेष साधना दे रहा हु जिससे उनके आर्थिक कष्ट माँ की कृपा से समाप्त हो जायेंगे.ये मेरी अनुभूत साधना है आप संपन्न करे और माँ की कृपा के पात्र बने. साधना सामग्री. एक सूपड़ा,स्फटिक या तुलसी माला. विधि: यह साधना धूमावती जयंती से आरम्भ करे,समय रात्रि १० बजे का होगा,आप सफ़ेद वस्त्र धारण कर सफ़ेद आसन पर पूर्व मुख कर बैठ जाये.सामने बजोट पर सूपड़ा रख कर उसमे सफ़ेद वस्त्र बिछा दे फिर उसमे धूमावती यन्त्र स्थापित करे,इसके बाद गाय के कंडे से बनी भस्म यन्त्र पर अर्पण करे घी का दीपक जलाये,पेठे का भोग अर्पण करे,माँ से प्रार्थना करे की में यह साधना अपनी दरिद्रता से मुक्ति के लिए कर रहा हु आप मेरी साधना को सफलता प्रदान करे तथा मेरे सभी कष्टों को दूर कर दे.इसके बाद निम्न मंत्र की एक माला करे ॐ धूम शिवाय नमः इसके बाद धूं धूं धूमावती ठह ठह की २१ माला करे.फिर पुनः एक माला पहले वाले मंत्र की करे.जप के बाद दिल से माँ से प्राथना करे और इस साधना को २१ दिन तक करे.साधना पूरी होने के बाद

    सुपडे को यन्त्र सहित उठाकर माँ से प्रार्थना करे की माँ आप हमारी सभी पापों को क्षमा करे और आज आप हमारे जीवन के सारे दुःख सारी दरिद्रता को आपके इस पवित्र सुपडे में भर के ले जाये है माँ हमारे जीवन में कभी दरिद्रता ना लोटे ऐसी दया करे इसके बाद. सुपडे और यन्त्र को जल में प्रवाहित कर दे या किसी निर्जन स्थान में रख दे.निश्चित माँ की आप पर कृपा बरसेगी और जीवन की दरिद्रता कोसो दूर चली जाएगी.साधना के पहले गुरुदेव पूजन तथा गणपति पूजन करे ये हर बार बताना आवश्यक नहीं है.जय धूमावती.

    गुरु ब्रह्मा गुरुरविष्णु: गुरर्देवो महेश्वरः | गुरु्सक्षात परम ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः 




    गुरुदेव प्रदत ऋण मुक्ति




    गुरुदेव प्रदत ऋण मुक्ति मैं जहां एक बहुत ही सरल अनुभूत साधना प्रयोग दे रहा हु आप निहचिंत हो कर करे बहुत जल्द आप इस अभिशाप से मुक्ति पा लेंगे ! विधि - शुभ दिन जिस दिन रविपुष्य योग हो जा रवि वार हस्त नक्षत्र हो शूकल पक्ष होतो इस साधना को शुरू करे वस्त्र -- लाल रंग की धोतीपहन सकते है ! माला - काले हकीक की ले ! दिशा -दक्षिण ! सामग्री - भैरव यन्त्र जा चित्र और हकीक माला काले रंग की ! मंत्र संख्या - 12 माला 2। दिन करना है ! पहले गुरु पूजन कर आज्ञा लेऔर फिर श्री गणेश जी का पंचौपचार पूजन करे तद पहश्चांत संकल्प ले ! के मैं गुरु स्वामी निखिलेश्वरा नन्द जी का शिष्य अपने जीवन में स्मस्थ ऋण मुक्ति के लिए यहसाधना कर रहा हु है भैरव देव मुझे ऋण मुक्ति दे!जमीन पे थोरा रेत विशा के उस उपर कुक्म से तिकोण बनाए उस में एक प्लेट में स्वास्तिक लिख कर उस पे लालरंग का फूल रखे उस पे भैरव यन्त्र की स्थापना करे उस यन्त्र का या चित्र का पंचौपचार से पूजन करे तेल का दिया लगाए और भोग के लिए गुड रखे जा लड्डू भी रख सकते है! मन को स्थिर रखते हुये मन ही मन ऋण मुक्ति के लिए पार्थना करे और जप शुरूकरे 12 माला जप रोज करे इस प्रकार 21 दिन करे साधना केबाद सामग्री माला यन्त्र और जो पूजन किया है वोह समान जल प्रवाह कर दे साधना के दोरान रवि वार जा मंगल वार को छोटे बच्चो को मीठा भोजनआदि जरूर कराये ! शीघ्र ही कर्ज से मुक्ति मिलेगी और कारोबार मैं प्रगति भी होगी ! जय गुरुदेव !!

    मंत्र: ॐ ऐं क्लिम ह्रिं भ्रम भैरवाय मम ऋणबीमोचनाये महा महा धन प्रदाय कलीम स्वाहा।।

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