काक चरित्र काक के बारेमे जानिये
यदि कौआ रात के पहले घंटे में पूर्व या पश्चिम से पुकारे हालाँकि, दोस्ती लाभ, धन लाभ, विवाह निकट है और गुप्त बिबादो में सफल होता है। उत्तर-पूर्व कोने से कौवे की आवाज सुनाई दे तो अग्नि हादसों में खतरा होता है। उत्तर-पश्चिम कोने से कौवे की आवाज सुनाई दे तो लाभ होता है
सफलता प्राप्त होती है। यदि दक्षिण से कौवे की पुकार सुनाई दे तो दुर्भाग्य का योग बनता है। दक्षिण-पश्चिम दिशा से पुकारना – मित्रता प्राप्त हो.
यदि दक्षिण-पूर्व से कौवे की आवाज सुनाई दे तो यह अपशकुन का संकेत देता है जल्द ही बीमार होने बाला हे।
2. रात के दूसरे पहर में पूरब से कौवे का डाक को सुनें—अगले दिन घर में किसी मेहमान के आने का संकेत देता है। यदि दक्षिण-पूर्व से कौवे की पुकार सुनाई देती है - शत्रुता को इंगित करता है दक्षिण दिशा से सुनाई देने पर - घर में मेहमान और रिश्तेदार इकट्ठा होते हैं दक्षिण-पश्चिम कोने से पुकारना शुभ होता है। सुनने वाला रोगी है उत्तर दिशा से कौआ पुकारे तो सुनने वाले को सफलता और विजय प्राप्त होती है उत्तर-पूर्व दिशा से पुकारें तो - घर में चोरी की संभावना।
3.यदि रात्रि के तीसरे पहर में उत्तर दिशा से कौवे की आवाज सुनाई दे तो - शुभ अवश्य जानना चाहिए। उत्तर-पूर्व से कौवे की पुकार सुनाई दे तो रोग निवारण और आपदा मुक्त।
यदि काक की पुकार उत्तर-पश्चिम से सुनाई देती है - श्रोता सुस्तता लाभ होता है और उसका सुख प्राप्त होता है। पूरब से कौए की आवाज सुनाई दे तो बड़ा आतंक बढ़ता हे। यदि दक्षिण-पूर्व से कौवा सुनाई दे - बुराई की शुरुआत होना शुरू हो जाते हे। दक्षिण दिशा से कौए की आवाज सुनाई दे तो शत्रु बढ़ जाता है। अगर दक्षिण-पश्चिम कोने से पुकार सुनाई दे--बीमारी और भारी बारिश का लक्षण जान लीजिए ।यदि पश्चिम से कौवा सुनाई दे तो शत्रुता बढ़ती है लेकिन खुशियों की शुरुआत करता है।
4. अगर आप रात के चौथे घंटे कौवे की पुकार सुनते हैं - पैसा मिलेगा।अगर पूर्व-दक्षिण-दोस्ती लाभ कहा जाए। यदि दक्षिण की ओर बुलाया जाए अत्यधिक भय। दक्षिण-पश्चिम में बुलाने से —घर में चोरी की संभावना।अगर पश्चिम में बुलाया जाए - प्रेम सम्बन्ध होना। उत्तर-पश्चिम को बुलाना - सुखद यात्रा होना।उत्तर से काक चिल्लाने से - दोस्ती का वृद्धि होता है। नॉर्थ-ईस्ट को बुलाने से से किसी चीज का मिलने का जोग होता है।
यदि कौआ सूखी लकड़ी पर बैठ कर चौथी घड़ी में पुकारे, तब सर्वत्र विजय होती है। उस समय ऊपर से कौवा पुकारे तो विशेष लाभ होता है। यदि काम पर जाते समय कौआ पूरब से पुकारे एक छोटा सा लाभ होता है, इसमें कोई संदेह नहीं है।
प्रात:काल चिल्लाने से परिणाम
1. अगर सुबह कौवे की पुकार पहले सुनाई दे - तो जल्द ही धन की प्राप्ति
2. यदि भोर को पश्चिम में कौवे की आवाज सुनाई दे, तो सुनने वाला कोई महिलाओं द्वारा लाभान्वित होता है।
3. यदि प्रात:काल दक्षिण दिशा से कौवे की पुकार सुनाई दे, परन्तु सुनने वाला अच्छी खबर प्राप्त करते हे।
4. यदि आप सुबह के दक्षिणी कोने से कौवे की पुकार सुनते हैं - श्रोता का राजदंड और बुरी खबर प्राप्त करें।
5. यदि पूर्व-पश्चिम कोने से सुबह-सुबह एक कौवा सुनाई देता है - सुनने वाला शत्रु का नाश होता है।
6. यदि प्रातःकाल में दो कौवे अगल-बगल बैठे हुए कुछ खाते हुए दिखाई दें - तो
निम्नलिखित कविता बोलो ---
दूसरी तरफ कौआ इस तरफ बैठो अच्छा होगा तो दूर में बैठो।अगर नही हे तो उड़के चलो
यह कहते हुए कौआ दूर चला जाता है, तो यह निश्चित रूप से अच्छी खबर है घर में मुनाफ़ा है, या कोई खास रिश्तेदार इकट्ठा होता है। यदि नहीं, तो एक कौआ उड़ जाएगा।
1. रास्ते में एक यात्री का सामना कुछ काक से होता है और काक इधर उधर होता है तो यात्रा में उसके लिए खतरा होता है। के मामले में यात्रा का स्थगन करना चाहिए।
2. यात्री कौवे की पुकार सुनता है, लेकिन कौवा देख नहीं पता ही, तब यात्री की यात्रा शुभ होती है।
3. जब यात्री किसी स्थान की यात्रा के लिए बैठता है, तो उस समय कौआ यात्री के घर की ओर मुख करके पुकारे तो यात्री
किसी व्यक्ति को यात्रा में किसी अनजान व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होता है।
4. अगर घर से बाहर निकलते समय यात्रा के लिए तैयार हो और काक सुखा हुई शाखा पर बैठ जाए तो यात्रा में खतरा होता है। ऐसे मामलों में यात्रा स्थगित कर दी जाती है रखा जाना चाहिए।
1. उड़ते समय यदि कौआ सिर को छू ले तो इसका अर्थ है विनाश या मृत्यु की भविष्यवाणी करता है।
2. यदि कौआ किसी स्त्री के सिर पर बैठ जाए तो उसका पति शीघ्र ही या पुत्र खोने की संभावना है।
3. अगर यह किसी की कमर या कंधे को छू ले तो खतरे के बादल दूर हो जाते हैं।
4. कौवे को कौवे के संभाग देखने पर - अकाल मृत्यु हो जाती है। विभिन्न प्रकार के कौवा ध्वनियों के परिणाम
1. कौआ 'केया केया' पुकारता रहे तो देश के लिए दुर्भाग्य को दर्शाता है। इस तरह के आह्वान में देश के एक महान व्यक्ति की मृत्यु होता है।
2. कौआ 'क्लीन क्लीन' कहे तो जल्द ही कोई रिश्तेदार का मृत्यु का संगबाद मिलता हे।
3. अगर कौआ 'क्रू-क्रू' कहता है, तो सुनने वाला हर जगह लाभ सूचित होता है।
4. कौआ 'क्रेन-क्रेन' कहे तो सुनने वाला सुंदर स्त्री से मिलने का योग मिलता हे। जल्द ही महिला से मिलें। इसके विपरीत, यदि वह स्त्री होगा तो - उसका रूप उसकी मुलाकात एक अच्छे युवक से हुई।
5. कौआ 'कॉल-कॉल' की आवाज से पुकारे तो देश का भला होगा। देश का द्रब्यो की कीमतें गिरती हैं और लोग खुश होते हैं।
6. कौआ 'क्रोडन-क्रोडन' की आवाज करे तो देश में बुराई होते हे, नतीजतन, देश में आसन्न गृहयुद्ध का संकेत है।
7. यदि कौवा 'कुई कुई' की ध्वनि से उसे चिल्लाते दे, तो सुनने वाला अर्थ नष्ट हो जाता है, उसका परिणामतः श्रोता को कष्ट होता है।
8. कौवे की पुकार 'कोन कोन' शब्दों में सुनाई दे तो सुनने वाला
पारिवारिक दुर्भाग्य की शुरुआत करता है। उसके परिवार में किसी की मृत्यु हो जाती है।
9. कौआ 'कि कि' रबी को पुकारता रहे तो अशुभ होता है महाअघटन घटित होता हे।
1. यदि यात्रा के दौरान कौआ यात्री के सिर पर शौच करता है, तो तब उसका संवाद मिलते हे उसके बंश में वृद्धि होता है।
2. यदि घर में कोई व्यक्ति रोगी है चलते-चलते वह एक कौवे को पानी पीते हुए देखता है रोग से शीघ्र छुटकारा पता हे।
3. रेस, लॉटरी, जुआ, सट्टा या कोई अन्य प्रतिस्पर्धी गतिविधि यात्रा के दौरान कौआ 'का-का' कहकर उपर उड़ जाए तो जाता है, लेकिन किसी काम में सफल नहीं होता।
4. यदि यात्रा के दौरान कौवा किसी ऊँचे स्थान से नीचे आ रहा हो हालांकि, यह देखा जा सकता है कि जिस काम के लिए यात्रा की जाती है वह पूरा नहीं होता है। यह यात्रा को स्थगित करना कर्तव्य है।
5. अगर यात्रा के दौरान कौआ मांस के टुकड़े या कोई अन्य कचरा खाता है यह ऊँचे स्थानों से नीच स्थानों की ओर आता है, इसे देखने से यात्री का कार्य सिद्ध नहीं होता है।
तरह-तरह की बुराईयां होती हैं।
6. यदि रोगी के बिस्तर पर कौआ उड़ता है, तो मांस के टुकड़े और लाल कपड़े का एक टुकड़ा लाकर फेंक देता है, तो उस रोगी को ठीक करना बहुत मुश्किल होता है।
7. यात्रा के दौरान यदि कौआ किसी ऊंचे स्थान से मांस का टुकड़ा अपने मुंह में ले लेता है
नीचे उतरता है, लेकिन रास्ते में यात्री का एक्सीडेंट हो जाता है।
8. यात्रा के दौरान यदि कौआ पूर्व की ओर मुंह में स्वादिष्ट फल या स्वादिष्ट भोजन लेकर हो
पश्चिम से उड़ता है, या उत्तर से दक्षिण की ओर उड़ता है, हालांकि
यात्री का कार्य सिद्धि निश्चित है।
9. यदि एक छड़ी को जमीन में गाड़ दिया जाए और एक मरा हुआ कौवा उस पर लटका दिया जाए, तो
कोई पक्षी उस भूमि की फसल को नष्ट नहीं कर सकता।
10. अगर घर की छत या दीवार पर कुछ कौवे इधर उधर होते हैं, तो गृहस्थ अशुभ होता है। यदि किसी स्थान की यात्रा के दौरान, यात्रा में ऐसा दिखाई देता है अच्छे परिणाम संभव नहीं हैं।
11. घर की छत पर या छप्पर पर कई कौवे के पंख बिखेरना यदि स्थिति में देखा जाए तो गृहस्थ का स्वास्थ्य खराब होता हे, घर में चोरी या डकैती होती है।
12. अगर कई कौवे चुपचाप एक साथ घोंसले की ओर उड़ते हैं हालांकि यह देखा जा सकता है कि जल्द ही बारिश होने की संभावना होता है।
13. यदि कौआ घोड़े की सवारी करते हुए किसी ऊंचे स्थान पर बैठ जाए तो वह 'का-का' कहेगा। पंखों के शोर और फड़फड़ाहट के साथ, घोड़ों पर पंख गिरा देता हे तब सोचना चाहिए घोड़ा और सवार दोनों ही बदकिस्मत हैं।
14. अगर कोई विवाहित महिला घर की छत पर सुबह जल्दी उठती है या देखते हे मे एक मरा हुआ कौआ है, तब उसे बिधाबा होने का योग होता है ।
ऐसा करके इसके विपरीत यदि कोई पुरुष यह देखता है तो उसकी पत्नी की मृत्यु हो जाती है। कौवा चिल्लाने से मनसून आदि का निर्धारण
1. दिन के मध्य में यदि कौआ अपना मुख आकाश की ओर उठाकर चिल्लाते हे, तो उस साल अच्छी बारिश की संभावना कम है। फलस्वरूप देश में अकाल पड़ जाता है।
2. रविवार के दिन कुएं में मरा हुआ कौआ मिले तो देश में अशुभ होता हैऔर अकाल, महामारी आदि संकेत देता हे।
3. दिन के अंत में कुछ कौवे के बाशा के और उड़ने का समय का का में चिल्लाते हे और सुनने में 'का का' लगता है, तब बारिश होने की संभावना होते है।
4. दिन के अंत में कई कौवे चुपचाप एक साथ घूमते हैंओर उड़ता है, लेकिन पता होना चाहिए कि मानसून जल्द ही आएगा।
5. सुबह कौवे अपना मुँह आसमान की ओर उठाते हैं और जोर-जोर से पुकारते हैं अगर है तो उस साल बारिश ना होने की संभावना है।
6. यदि कौआ अपना सिर उठाकर सूर्यास्त के समय पुकारता है, तो वह है
साल में अच्छी बारिश होती है, फसलें अच्छी होती हैं और लोग खुश होते हैं।
1. यदि दोपहर के समय कौआ किसी युवक या महिला के सिर के ऊपर से गुजर जाए सिलसिला यूँ ही उड़ता रहता है, पर उन नौजवानों के साधी में पकी खबर अति हे हालांकि यह टूट भी जाता है।
2. अविवाहित युवक के सिर पर कौआ बैठा हो तो बस युवक की जल्द ही शादी होगी। जब कौआ किसी युवती के सिर पर बैठ कर ऐसे पुकारता है वह लड़की भी जल्द ही शादी कर लेगी।
3. शाम के समय यदि कोई युवक सिर के ऊपर से उड़े तो कौवे के चिल्लाते हे तो उस युवक की मनोकामना शीघ्र ही पूर्ण हो जाती हे।
दूसरा अध्याय
1. रोजगार प्राप्ति के लिए—गुरुवार की दोपहर को कौवा पकड़ा
पिंजरे में रखना। उसे नियमानुसार खाना-पीना देना चाहिए। रविवार को कौवा चीनी पानी और नमक मिलाकर खाना देना हे। दोपहर में दूध और चीनी के साथ चावल खाना देना हे शाम के समय नारियल पानी और नमक मिलाकर भोजन करना चाहिए। संदेश पाउडर को गेहूं के आटे में मिलाकर सोमवार की सुबह खाना देना हे। फिर काक से थोड़ा खून किसी स्याही में इसे मिलाओ।
नौकरियों के लिए आवेदन करते समय उस स्याही से कौवा पंख वाला पेन द्वारा आवेदन लिखें अगर आप इस तरह से अप्लाई करते हैं तो आपको नौकरी जरूर मिलेगी। इसमें तो कोई शक ही नहीं है।
वशीकरण करने का सिद्द प्रयोग-
यह क्रिया प्रेम में बहुत सफल होती है। एक लड़की जिसकी आप तलाश कर रहे हैं, लेकिन उसे आपकी परवाह नहीं है नहीं दे रहा है आपसे मिलना भी नहीं चाते है।
ऐसे में मंगलवार की रात बारह बजे के बाद कौवे के घोंसले से एक कौआ निकल कर लेके आओ इसे लेंके चाकू से काट लें। कौवे का हृदय छोड़कर सारा शरीर जमीन में गाड़ दें ऐसी जगह कि जिस युवती को आप चाहते हैं
वह यात्रा करता है और उस स्थान को छूता है।
फिर से कौवे का दिल एक लोहे के मज्जा में काली स्याही से भर लो या फिर मदुली को काले धागे से बांधकर दाहिने हाथ में पकड़ लें।फिर शनिवार की रात 12:00 बजे के बाद एक सुनसान कमरे में एक काली चादर
बैठ जाओ एक ही समय में धूप और घी के दीपक जलाएं। फिर मनमे प्रेमी के नाम का 20,000 (बीस हजार) बार जाप करें। जाप से पहले निचला मंत्र
108 बार जाप करें। जपमंत्र- ॐ ह्रीं ह्रीं कामनाये स्वाहा।"
इस मंत्र का जाप करने के बाद प्रेमी के नाम का जाप करें। इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप कुछ ही दिनों में आपका प्रेमी आपके अधीन हो जाएगा।
कार्य में सफलता करने का सिद्द प्रयोग -
गुरुवार दोपहर के समय में एक कौवे को पकड़ो और उस कौवे को पिंजरे में बंद कर दो। उसे उसकी उचित भोजन और पानी दिया जाना चाहिए। इस प्रकार शनिवार तक कौआ पिंजरे में रखो और खाना-पीना दो। इसे शनिवार की रात तक ऐसे ही रखना चाहिए।
रविवार की सुबह उठकर सबसे पहले चीनी का पानी और दोपहर के समय चावल चावल, दूध और चीनी मिलाकर खिलाए। शाम को बाजरे और थोडी तीखा तरकारी और सब्जी खाने देना चाहिए
इस प्रकार चार दिन तक रखने और खिलाने के बाद, इस प्रक्रिया से आपके काम में सफलता मिलेगी। काम के लिए कही जाना है, पहले उस कमरे में दाहिना पैर उठाएं। सफलता के बाद, कौवे को चोर देना चाहिए।
काम में प्रमोशन करने का सिद्द प्रयोग -
सुबह उठकर घर की छत पर या घर मेंकौवे को पिसे हुए चावल खिलाएं। चावल को इस तरह फैलाना चाहिए जैसे हड़बड़ा हट में कुछ कौवे खाने लगे। 7 दिन यानी एक सप्ताह खाने के लिए दो एक साथ फड़फड़ाते हुए कुछ कौवे से गिरने वाले सारे पंख पेट के हल्के सफेद पंखों को ध्यान से उठाएं
दे देंगे इस तरह आप 7 दिनों तक पंख जमा कर लेंगे। फिर शहद के साथ पंख दोनों को मिलाकर रोल करें। नौकरी में पदोन्नति के लिए आवेदन
करना, या किसी के पास जाना, दाहिने हाथ में काला कर या काला धागा इस पंख को बांधने से नौकरी में पदोन्नति होती है।
परीक्षा में सफलता करने का सिद्द प्रयोग-
कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सूर्यास्त फिर एक कौवा लेकर उसके गले में काले धागे से रस्सी बांध दें रस्सी बांधने से पहले सात गांठ बांध लें। फिर कौवे को पिंजर इसे बंद रखें। पानी में शहद मिलाकर प्रतिदिन कौवे को खिलाएं। दो रात तक ऐसे ही रखने के बाद तीसरे दिन सूर्यास्त के बाद कौए को पिंजरे से मुक्त कर दो।
रस्सी को उसके गले से बाहर निकालें और कौवे को छोड़ दें। वह कमीज़ यदि आप दाहिना हाथ बांधकर परीक्षण करते हैं, तो आपको निश्चित रूप से सफलता मिलेगी।प्रत्येक परीक्षण के लिए एक अलग कौवे की आवश्यकता होती है और वही नियमों का पालन करना चाहिए।
मुकदमों में जीत करने का सिद्द प्रयोग -
डकैती, हत्या, राजहनी, रेप, आदियदि आपके खिलाफ कोई गंभीर मामला लंबित है तो वह मामला फिर से अगर यह आपके खिलाफ जाता है, तो हर मंगलवार को शाम 4-5 बजे के आसपास कौवे को घी, चीनी और आटे की रोटी खिलाएं। कोर्ट जाने के दिन उस दिन किसी कौवे की पीठ से एक लंबा पंख उठाक इसे अपनी जेब में रखो।आपके विरुद्ध में साक्षी देने बाल जो मार्ग से जाता है उस रास्ते में काक को मारकर उसके हृतपिंड को निकल कर गार दो। कोर्ट जाने के बाद काक की पंख को जेब में रख लेना
अपने खिलाफ गबाई देने बाला की जेब में पंख था रख दे। स्वयं उसके लिए यदि संभव न हो तो किसी और से करवा लें कर सकते है जब तक फैसला नहीं आता, यह विश्वास और भक्ति के साथ र यदि आप काम कर सकते हैं, तो दुश्मन आपके खिलाफ लाया गया मुकदमा वापस ले लेग इसे ले लो, और यदि नहीं, तो फैसला आपके पक्ष में होगा।
खजाना लाभ करने का सिद्द प्रयोग-
मृत रिश्तेदारों या माता-पिता का कोई खजाना यदि संदेह है और यह नहीं जानते कि वह कहाँ है - निम्नलिखित प्रक्रिय करना नतीजतन, आप इसे सपनों के माध्यम से जान पाएंग पहले एक कौवे को पकड़कर पिंजरे में डाल दो। कौए को दो दिन तक चावल और शहद खिलाए मिश्रित पानी पिलाई। तीन दिन के दिन काक की सर करके एक डिब्बी में भर देना हे।
भरने को छह सप्ताह के लिए एक अंधेरे कमरे में छोड़ दें। शरीर को मिट्टी में दफन कर देना छह सप्ताह के बाद सिर को लाल कपड़े के टुकड़े में लपेट क तेरहे पड़ मिट्टी पर गार देना चाहिए । इस दिन से छह सप्ताह तक हर दि उस स्थान पर धूप और घी का दीपक लगाएं। इस प्रक्रिया से खजाना कहाँ है आप सपनों के माध्यम से जान सकते हैं।
किसीकी मन की बात जानना
किसी व्यक्ति विशेष के मन को जानना मन अशांत रहता है, पर पता नहीं चलता, ऐसे में निम्न क्रियाविध लागू करें, तभी आप दूसरों के मन की बात जान सकते हैं मंगलवार को दो घंटे के भीतर कौवा पकड़ा जाना चाहिए। फिर कौवा कौए को शहद और गुलाब जल से भरे पिंजरे में बारह दिन तक रखना चाह मिलाकर खाने खाने देना हे बारह दिनों तक इस प्रकार खिलाने के बाद तेरह दिन दिन और रात ग्यारह बजे बारह बजे तक काक को मार डालो, और उसका दिल निकाल दो। दिल को बाहर निकालो और शरीर को एक गहरे में दबा दो दिल को जार में बंद करके धूप में रख देना, ताकि
सुख जाता है इस तरह चौदह दिनों तक धूप में रख देना हे और शुखाना हे।डिब्बी को खुलकर शुखना पड़ेगा पंद्रहवें दिन, हृतपिंद और मृगनावी और कस्तूरी डालकर मिला लें। एक हफ्ते तक रोजाना दो से तीन मिनट के लिए अच्छी तरह हिलाके रख दे। अब आप जिसका मन जानना चाहते हैं, उसकी बातें या उसका नाम और चेहरा याद रहे, रात के बारह बजे से एक बजे के बीच हृतपिण्ड खोलो बिस्तर पर लेट जाएं और आधे घंटे तक उस को देखें। फिर दिल तकिये के नीचे रख कर लेट जाएं। आपका स्वप्न में व्यक्ति के मन को जान सकते हैं।
दीर्घायु के लिए काक की सिद्ध प्रयोग
एकादशी तिथि पर दिन-रात निर्जला व्रत दीर्घायु के लि बारहवें दिन से मैं शुद्ध मन से ठीक बारह बजे वृक्ष पर बैठे हुए कौवे को पकड़ना चाहिए। कौवे को पकड़ो और उसके सिर पर रक्त चंदन छिड़को। चंदन लगाएं और कौए को पिंजरे में डाल दें, पिंजरे के चारों ओर लाल कपड़ा डाल दे पर द दोपहर में चावल, करी आदि सादा भोजन दे। तीन दिन तक ऐसे ही रखने के बाद एक रति सोने की और एक रत्ती चाँदी की एक साथ इसे मिलाकर दस पूरियां बना लें। प्रतिदिन भोजन के समय कौआ एक-एक पूरिया खिलाए परन्तु सोना-चान्दी पचता नहीं, वे मल, मल समेत निकलेंगे एक-एक करके अंदर से सामान इकट्ठा करें जब इस प्रकार दस दिन में दस पूरियां खिला दें तो कौए को छोड़ दें। फिर कौवे की मल से एक कावोच बना ले एक जार में गुलाब के फूलों के रस और साफ पानी से अच्छी तरह धो लें जामुन के पेड़ पर एक छेद करें और उसमें पैड डालें और मुंह को अच्छी तरह बंद कर दे।इसके बाद मादुली को निकल कर एक मिट्टी के लटा के भर दो और उसकी मू बंध कर दो।फिर काठ की अग्नि में उसको डाल दो । फिर आग ठंडा होने पड़ उस कावोच हात में धारण करने चिरंजीवी बन जाते हे।
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