वशीकरण करने का कुछ विधि और उपाय
१. ईस बशी करण विधि कही लड़का लड़की के ऊपर या लड़की लड़का के ऊपर प्रयोग कर सकते हे।जो जिसके लिए प्रयोग करेगा अगर लड़का किसी लड़की के ऊपर प्रयोग करेगा तो मंत्र में दिया हुए हे अमुकेर घर बाड़ी चार उहापे लड़की अगर अविवाहित होगा तो उसकी पिताजी जी का नाम होगा अगर साधी सुधा हे तो पति नाम होगा ।
इसी तरा किसी लड़का के ऊपर प्रयोग करने से उसके बाप के नाम होगा नेहितो उसका स्त्री का नाम होगा।
इसके लिए शनिवार या मंगल बार को शुवे नहाके किसीभी दुकान से एक दाम में सिंदूर और सरसो का तेल खरीद के लाना हे,इसके बाद किसीभी नदी या तालाब से एक लोटा पानी भरके लाना हे ।लोटा के अंदर सिंदूर और तेल को डाल देना हे।फिर दिया हुए मंत्र ७बार पाठ करना हे ,एक बार पढ़के एक ठो फूक ऐसा साथ बार पढ़के साथ फूक मारके तेल को जिसको वश में करना हे उसके ऊपर तोडा छीडक देना हे और तोडा खुदके ऊपर भी लगा देना हे ऐसा करने से २४ घंटा के भीतर वशीभूत हो जायेगा।
मंत्र: आचल घाट निझल पानी। ताहाते बसीलो १६ शो डाकिनी ,१६शो डाकिनी के करीलाम वश , अमुकेर घर छार बाड़ी छार , आपन मां बापेर काछ छार,आमार दीके दृष्टि कर कार दुहाई मा कालीर दुहाई।
वशीकरण करने दूसरा विधि
जोड़ा बाला बिछूती का पेड़ को प्रथम कहपे हे देखना हे।इसके बाद आपको एक दाम में बाजार से किसीभी दुकान से सरसो का तेल और सिंदूर किसीभी शनिवार या मंगल बार को खरीद के लाना हे। जहापे बिछूटी का पेड़ हे किसीभी अमावस्या के ७ दिन पहले से निमंत्रण देके जगाना हे और तेल और सिंदूर को एक साथ करके दोनो पेड़ को तिलक लगा देना हे।७ दिन के बाद जो अमावस्या होगा उसीदिन रातको पेड़ को एक दम में उखाड़ लाना हे।इसके बाद उसके जड़ से एक ताबीज बनाना हे।ताबीज बनने के बाद जो तेल लेके आया था उसी तेल में डूबा के रखना हे आधा घंटा फिर उस तेल को लेकर जिस लड़की के ऊपर लगा देगा बो बशीभूत हो जायेगा।
इस बशी करण को काटने के लिए ताबीज को पानी के अंदर रख देने से बसीकरण काट जायेगा।
वशीकरण करने का तीसरा विधि
ईस वशीकरण विधि से पानी को पढ़के खुद पानी पी लेने से बशीभूत हो जायेगा।पानी किसी नदी या गंगा का जोयार की पानी होना चाहिए।
मंत्र: ईछाला घाटे निछाला पानी, ताहाते बसिलो १६ शो डाकिनी ताईतो बली तोरे।अमुकेर जान प्राण एने दाओ आमारे, जोदी ना एने दीते पारो एरे चूल झेरे बाध वृक्ष डाले। जोतेर घाट पार जाक तोरे मारो, कार दुहाई भोज राजार दुहाई, कार दुहाई मा कालीर दुहाई, श्रीग्रि लाग श्रीग्री लाग।
वशीकरण करने का चौथा विधि और उपाय
ईस प्रयोग में शगुन जहापे सहवास करते हे उसी स्थान का मिट्टी को सांस को बंध करके उठा लेना हे,फिर मिट्टी में मंत्र को साथ बार पढ़के फुक मरना हे ,एक बार मंत्र पढ़के एक बार फूक ऐसा साथ बार मंत्र पढ़के साथ फूक मारना हे फिर उस मिट्टी को तोडा सा जिसको वश करना हे उसके ऊपर लगा देना हे ।
मंत्र: धुलु धूलू पाच धुलू धूलु जय जय एई धुलु पड़े दिलाम अमुकेर गाय।घर छार दुयार छार पारा प्रतिबेशी छार, शिशु स्बामिर कोल छार , आमारे नीये घर कर,दुहाई भोज राजार दुहाई मा कालीर दुहाई,श्रृग्री लाग श्रृग्रि लाग।
वशीकरण करने का पांचमां विधि और उपाय
लाल गुड़हल की फूल वशिकरण।किसिबी अमावस्या में काली पूजा के गुड़हल के फूल लाना हे,इसके बाद नीचे दिया हुए मंत्र को ७बार पाठ करके एक बार पाठ करके एक फूक ऐसा ७ बार पाठ करके साथ फूक लगा देना हे।फिर उस फुलको जिसके सर में छुआ के पास में रख लेगा बो वश हो जायेगा।
मंत्र:फूल कुमारी फूल रानी,रानी चाइते चिंतिते हय अनुगामी। एई फूल महा फूल गुनीते अतुल, कार आग्गा काऊरी कामिख्या मायेर आग्गा श्रृग्रि लाग श्रीग्री लाग श्रृग्री लाग।
गणेश वशीकरण विधि और उपाय
हिंदू धर्म में महादेव शिव और माता पर्वती के पुत्र भगवान गणेश की पूजा, आराधना, साधना और उपासना की महत्ता से सभी परिचित हैं। उन्हें घर या कार्यालय के प्रवेश द्वार पर स्थापित करने के साथ-साथ पूजा घर में विशिष्टिता के साथ रखा जाता है। प्रत्येक अनुष्ठान के दौरान सबसे पहले उनकी पूजा की जाती है। यही वजह है कि हर शुभ कार्य के शुभारंभ को “श्रीगणेश' कहकर संबोधित किया जाता है और '
ॐ गणेशाय नमः मंत्र के जाप से एकाग्रता एवं कार्यारंभ की प्रेरणा मिलती है।
गणेश वासीकरण
वैदिक ग्रंथों की मान्यताओं के अनुसार गणेश भगवान की विशिष्ट पूजा और उनके मंत्रों की साधना-सिद्धि से वशीकरण की अद्भुत क्षमता भी हासिल की जा सकती है, जिसका विभिन्न या कहें विशेष कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है।
आईए, एक नजर डालते हैं वशीकरण के लिए श्रीगणेश अर्थात गौरी पुत्र गजानन को प्रसन्न करने के लिए गणेश चतुर्थी के दिन से शुरू की जाने वाली पूजा के विधान और मंत्रों के बारे में, जो अचूक प्रभाव देते हैं।
भगवान गणेश को भी रूप-सौंदर्य आकर्षित करने वाले ईष्टदेव रूप में पूजा की जाती है तथा उनमें आकर्षण या सम्मोहन शक्ति बढ़ाने की क्षमता है। और तो और श्रीगणेश को सभी सिद्धियों विधाता और वशीकरण के आधार देव माने जाते हैं। उनका वशीकरण का बहुपयोगी मंत्र है: -
ॐ श्रीं ह्लीं कलीं ग्लौं ग॑ गणपतये वर वरद् सर्व जन मे वशमानाय स्वाहा!
विधि-विधान: भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर के सामने आसन पर ब्रह्म मुहूर्त में पूर्व या पश्चिम की दिशा में बैठकर इस मंत्र के स्पष्ट उच्चारण के साथ उनका ध्यान करना चाहिए। उसके बाद निम्न मंत्र का पाठ करना चाहिए।
मंत्र: ॐ अस्य हस्तिमुख गणेश मंत्रस्य श्री गणक ऋषि: गायत्री छंद:। श्री हस्तिमुख गणपति देवता ममाभीष्ट सिद्धयर्थे विनियोग:॥
अर्थात् अपने दोनों हाथों में इक्षुदण्ड धारण किए हुए, उनमें पाश और अंकुश लिए हुए। एक हाथ में कमल धारण कर श्यामांगी को बगल में बिठाए हुए त्रिनेत्र रक्त वर्ण वाले गणपति का मैं ध्यान करता हू ऐसी विनती की वाणी के साथ श्रीगणेश के समक्ष जल का छिड़काव करना चाहिए। उसके बाद निम्न मंत्र का पाठ करने से
वशीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाई जा सकती है। वह मंत्र इस प्रकार है: -
ॐ गं अंगुप्ठाभ्यां नम: हृदयाय नमः
ॐ गं॑ तर्जनीभ्यां नमः शिरसे स्वाहा
ॐ गं मध्यमाभ्यां नम: शिखाये वषट
ॐ ग॑ अनामिकभ्यां नम: कवचाय हुम्
ॐ कनिष्ठिकाभ्यां नम: नैत्रत्रयाय वौषट
ॐ ग॑ करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः अख्त्राय फट!!
इस हस्तिमुख गणपति के तीन लाख मंत्र का जप दस दिनों के अनुष्ठान के दरम्यान पूर्ण करने के बाद दशांश हवन ईख और घी या तेल में तले हुए पुए से करने का विधान है। इस तरह से किए गए गणेश पूजन से वशीकरण की सिद्धि प्राप्त हो जाती है। उसके बाद वशीकरण संबंधी उपाय किए जा सकते हैं।
इस प्रकार हैं पानी में गुड़ मिलाकर बने शरबत से 444 बार वश में किए जाने वाले व्यक्ति को ध्यान कर तर्पण करें।
घी, शहद और शक्कर यानि त्रिमधु को हवन सामग्री में मिलाकर हवन करने से वशीकरण का कार्य संपन्न होता है, तथा नारियल से हवन करने पर श्रेष्ठता और समृश्श्द्धि की प्राप्ति होती है।
किसी स्त्री को वश में करने के लिए शहद में थोड़ा नमक मिलाकर हवन करने का अचूक लाभ मिलता है। इसके प्रयोग से पहले सामान्य गणेश पूजन आवश्यक है।
गणेश पूजन से ग्रहों की बिगड़ी हुई दशा को भी सही कर सकारात्मक प्रभाव देने जैसा बनाया जा सकता है।
गणेश मोहिनी वशीकरण
सम्मोहन या वशीकरण के लिए मेहिनी अर्थात प्रेम-भावना के लिए कई प्रचलित साधनाओं में एक गणेश मोहिनी वशीकरण भी है। इसके जरिए अगर प्रेमी-प्रमिकाएं अपने प्रिय या दंपति जीवनसाथी के प्रेमपाश में बंधे रहने की चाहत रखते हैं। यह एक तरह से यौनाकर्षण बढ़ाने वाले उपयों में से भी एक है। गणेश माहिनी वशीकरण के लिए एक साधना करनी होती है, जिसे घर में नहीं किया जाता है। इसके लिए शाबर मंत्र का 1100 बार आहुति के साथ जप किया जाता है।
मंत्र है: - ॐ गणपति वीर वसे मसाने, जो मैं मांगु सो तुम आन। पांच लड्डू वा सिर सिंदूर त्रीभुवन मांगे चंपे के फूल।अष्ट कुली नाग मोहा जो नाड़ी 72 कोठा मोहु।इंदर की बैठी सभा मोह आवती जावती स्त्री मोहू जाता जाता पुरुष मोह, डावा अंग वसे नरसिंह जीवने क्षेत्र पाला ये।आवे मारकरनाता सो जावी हमारे पाउ पड॑ता। गुरु की शक्ति हमारी भक्ति चलो मंत्र आदेश गुरुका।।
साधना-सिद्धि: इस मंत्र को साधने और सिद्धि के लिए किसी जंगल, बाग-बगीचे, नदी, तालाब के किनारे, पार्क या घर के पिछवाड़े एकांत कोने में गणपति के पूजन की तैयारी करनी चाहिए। पूजन सामग्रियों में फूल, पान, नारियल गोला, सफेद चंदन, लाल चंदन, किशमिश, बादाम, काला तिल एवं हवन की सभी सामग्रियों को अनुपातिक मात्रा में मिलाया जाना चाहिए। साथ में भोग के लिए पांच लड्डू और सिंदूर की एक डिब्बी रखना जरूरी है। रात के नौ-दस बजे के बाद हवन की शुरूआत के बाद रात्री के एक बजे तक संपन्न कर लिया जाना चाहिए।
हवन की पूर्णहुति के बाद पूजन की सारी सामग्री वहीं छोड़ देना चाहिए और अभिमंत्रित सिंदूर की डिब्बी को साथ घर लाना चाहिए। वशीकरण के लिए उस सिंदूर का तिलक लगाकर वश में किए जाने वाले व्यक्ति के पास जाने से वह वशीभूत हो जाता है। इस साधना को समस्त नियमों का पालन कर किसी जानकार के सानिध्य और मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।
श्री गणेश के कुछ मंत्र इतने प्रभावशाली हैं कि उनसे एक सप्ताह के भीतर ही जीवन में चमत्कारी बदलाव आ जाता है। इन्हीं में एक तांत्रिक गणेश मंत्र इस प्रकार है:-
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतूंड, गणपति गुरु गणेश। ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति, मेरे कर दूर क्लेश॥
विधि-विधान: इस मंत्र की साधान अलग ढंग से की जाती है तथा कुछ खास चीजों के इस्तेमाल और नियम पालन का ध्यान रखा जाता है। जैसे इस मंत्र की साधना के दिन अपने मन को नियंत्रित रखते हुए क्रोध, अपशब्द, कड़वी या व्यंग्यात्मक वाणी के बचने के साथ-साथ मांस-मदिरा, परस्री गमन आदि से दूर रहना होता है। सच्चे मन से प्रात: स्नानआदि के बाद भगवान शिव, पार्वती और गणेशजी की सामान्य ढंग से विधिवत पूजा करें। उसके बाद उपर दिए गए मंत्र का 108 बार उच्चारण के साथ जाप करें और यह संकल्प लें कि आपके द्वारा किए जाने वाले कार्य किसी को अहित पहुंचाने या किसी के मन को ठेस पहुंचाने वाले नहीं होंगे। सात दिनों तक ऐसा करने से सुख-समृद्धि की अनुभूति होगी और कार्यक्षेत्र में आने वाली समस्त बाधाएं हट जाएंगी। सहकर्मी, जीवनसाथी, मित्र आदि से हुए वैचारिक मतभेद दूर हो जाएंगे।
इच्छा पूर्ति मनोकामना सिद्धि या मानेवांछित फल की कामना के लिए दिए गए मंत्र का विधिवत जाप करने से लाभ मिलता है। वह मंत्र है: -
ॐ गणपति वशे मशान, जो फल मांगु देवे आन, पांच लड्डू सेर सिंदूर, भर आना आता आनंद, भरपूर नेदूतीमान, फूले फलत जागे मर लियावे, एक फूले हाथी, जो तू माहन रहे, सूबा बात साथ करो जाऊं तो मुट्ठी करो!
विधि: इस मंत्र की सिद्धि के लिए किसी भी बुधवार को अनुष्ठान शुरू किया जा सकता है। देसी घी के ज्योत जलाई जाती है, श्रीगणेश की मूर्ति का पूजन किया जाता है और दो लड्डुओं का भोग लगाने के बाद पांच माला जप किया जाता है। इस मंत्र का 21 दिनों तक जाप करते हुए गणेश भगवान से अपनी इच्छपूर्ति की मन्नत मांगी जाती है।
जगत मोहन मंत्र
ॐ उड्ढा महेश्वराय सर्व जगन्मोहनाय अं आं इं इईं उं ऊं ऋं ऋं फट स्वाहा ॥
इस मंत्र को प्रथम एक लाख बार जाप करके सिद्धि करे फिर जब प्रयोग करना हो तो-
(१) पान की जड़ को जल में पीस कर सात बार उक्त मंत्र से । अभिमन्त्रित कर मस्तक पर तिलक लगानें से देखने वाले मोहित हो जाते हे या जड़ को खिला देने से जीवन भर वश में रह जायेगा
(२) गोरोचन असगन्ध तथा हरताल को सम भाग लेकर केले के रस में पीस सात बार मंत्र जाप कर अभिमन्त्रित कर तिलक लगाने से समस्त प्राणी मात्र सम्मोहितं हों जाते हैं ॥
(३) सफेद मदार (आक) की जड़ को सफेद चन्दन के साथ
घिसंकर सात बार मंत्र जाप कर मस्तकं पर तिलक लंगाने से अमोघ सम्मोहन होता है ॥।
(४) अनार के पांचों अंग (फल, फूल, जड़, पत्ते, छाल । सफेदघुघूंची के साथ पीस कर इक्कीस बार मंत्र जाप कर तिलक लगाने से समस्त प्राणी मोहित होते हैं ॥ .
(५) कपूर तथा मैनसिल केले के रस से पीस कर उपरोक्त मंत्र से अभिमन्त्रित कर तिलक लगावे तो सब लोग मोहित होवें ॥
(६) गोरोचन कुकूम तथा सिन्दूर को धात्री के रस के सहयोग से पीस उपरोक्त मंत्र से अभिमन्त्रित कर तिलक लगाने से जगत के समस्ल्र प्राणी मोहित हो जाते हैं ॥।
(७) शंखाहुली सिरस तथा राई (आसुरी ) को सफेद रंगवाली गाय के दूध के संयोग से अभिमन्त्रित कर तन में लेप करके गर्म जल से स्नान कर केशर का तिलक लगा जहां भी जाय वहां के समस्त प्राणी मोहित होते हैं ॥।
(८) तुलसी के बीजों को सहदेई के रस में पीस करके उक्त मंत्र सेअभिमन्त्रित करके तिलकलगानें से समस्त लोगसम्मोहिंत होत हैं ॥।
मोहन मंत्र
1.ॐ नमो भगवते रुद्राय सर्व जगन्मोहनं कुरु कुरु स्वाहा ।।
2.ॐ नमो अनरुठनी अशव स्थनी महाराज क्षनी फट स्वाहा: ।
उल्लू के पंख की लेखनी बना बकरे के रक्त से कागज पर १०८ बोर यह मंत्र लिखे और कागज को पंगेड़ी या टोपी में रख कर जहाँ भी जाय वहाँ के वासी अवश्य मोहित होवें ॥।
मोहन मन्त्र
ॐ श्रीं धूं धूं सर्वे मोहयतु ठ: ठ: ॥
इस मन्त्र को प्रथम एक हजार बार जप कर सिद्धि कर ले फिर जब प्रयोग करना हो तो तब चिचिक पक्षी के पंख को कस्तूरी में पीस १०८ बार मन्त्र से.अभिमन्त्रित कर मस्तक पर तिलक: लगाने से देखने वाले समस्त जन मोहित हो जाते हैं ॥
महा मोहन मोहनी मन्त्र
ओम नमः पद्मनी अंजन मेरा नाम इस नगरी में जाय _ सोहूँ । सर्व ग्राम मोहूं राज करन्तारा मोहूं । फर्श प्रे बैठाय सोहूं पनिघंट पनिहारिन मोहूं । इस नगरी केछत्तींस पवनिया मोहूं । जो कोई मार मार करन्त आवे उसे नरसिंह वीर बाम पद अंगूठा तर धरे और घेर लावे मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा ॥
इस मन्त्र को शनिवार या रविवार की रात्रि जे गुर नरसिंह देव की विधिवत पूजा कर गुगुल जलावे तथा सुपारी घी पान आदि अपित कर एक सौ आठ बार मन्त्र जाप कर हवन करके सिद्ध कर ले तथा जब प्रयोग करना होवे तब चन्दन बन रुई में लटजी रा के संयोग से बत्ती बना काजल पारले और उस काजल को सात बार मंत्र पढ़ आँख में लगाने से सकल नगर वासीं मोहित होते हैं ॥
सभा मोहन मन्त्र
कालू मुंह धोई करूं सलाम मेरे नैन सुरमा बसे जो निरखे सो पायन पड़े गोसुल आजम दस्तगीर की दुहाई ॥
यह मन्त्र इस्लामी है, इसको जुमा (शुक्रवार ) को सवा लाख गेहूँ के दाने ले प्रत्येक दाने पर एक बार मन्त्र पढ़ इंसको सिद्धि कर ले और आधा गेहूँ पिसवाय घी से हलुवा बना गौसुल आजम को अर्पित कर स्वयं भी खाय फिर सात बार मंत्र जाप कर आँखों में सुर्मा लगा कर जिस सभा में जाय वहाँ के लोग मोहित हो जाते हे।
कामिनी मन मोहन मन्त्र
अल्लाह बीच हथेली के मुहम्मद बीच कपार । उसका नाम मोहनी जगत् मोहे संसार । मोह करे जो मोर मार उसे मेरे बायें पोत वार डार । जो न माने मुहम्मद पैगम्बर की आन । उस पर मुहम्मद मेरा रसुलिल्लाह ॥।
यह मन्त्र भी इस्लामी है । इसको शनिवार से प्रारम्भ कर अगले शनिवार तक नित्य धूप दीप लोबान सुलगा कर 'एक बार जाप कर
सिद्धि कर ले फिर जब प्रयोग करना हो तो स्त्री पैरों तले की मिट्टी उठा कर सात बार मन्त्र पढ़ जिस स्त्री केश पर डाले वह मोहित हो जावे॥
पुष्प मोहन मन्त्र
ॐ नमो कामरु देश में कामख्या देवी जहाँ बसे इस्माइल जोगी इस्माइल योगी ने लगाई फुलवारी फूल लोढ़े लोना चमारी एक फूल हँसे दूजे मुस्काय तीजे फूल में छोटे बड़े नरसिंह आय जो सूँघे इस फूल की बास वह चल आते हमारे ! पास दुश्मन को जाई लिया फटै मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा ।
इस मत्र को रविवार से प्रारम्भ करके इक्कीस दिन तक नित्य: लौंग पान फूल सुगन्ध घी में मिला १०८ बार मंत्र पढ़ हवन करे तो यह सिद्धि होता है और जब प्रयोग करना हो तो सुगन्धित फूल ले इक्कीस बार मंत्र पढ़ जिसको सुंघावे वही मोहित हो जाय ॥
आकर्षण मन्त्र
ॐ नम: ह्लीं ठ॑ ठ: स्वाहा ।
यह मन्त्र मंगलवार के दिन दस हजार बार जाप कर सिद्धि कर ले फिर जब प्रयोग करना हो तो चूहे के बिल की मिट्टी सरसों तथा. बिनौला हाथ में ले तीन बार मन्त्र पढ़ कर जिसके कपड़ों पर डाल देवे वह अवश्य आकर्षित होगा ॥। आकर्षण मन्त्र ओम् हूँ ओम हूं हीं ॥ जिस व्यक्ति को आकर्षित करना हो उसका ध्यान कर पन्द्रह दिन तक, नित्य इस मंत्र का जाप करे तो कैसा ही पत्थर दिल प्राणी हो अवश्य आकर्षित होवे ॥
आकर्षण मन्त्र
ओम् हूँ ओम हूं हीं ॥
जिस व्यक्ति को आकर्षित करना हो उसका ध्यान कर पन्द्रह दिन तक, नित्य इस मंत्र का जाप करे तो कैसा ही पत्थर दिल प्राणी हो अवश्य आकर्षित होवे ॥
नर स्त्री आकर्षण महा मन्त्र
ॐ नमो देव आदि रूपाय अमुकस्य आकर्षण कुरु कुरु स्वाहा ॥
इस मन्त्र को विधि पूर्वक दस हजार बार जाप कर सिद्धि करले फिर निम्न प्रकार से इसका प्रयोग करे ।
(१) मृतक मनुष्य की खोपड़ी लाकर गोरोचन स उस पर यह मन्त्र लिख खैर वृक्ष की लकड़ी जला कर मन्त्र पढ़ कर तपावे । इस प्रकार तीन दिन तक नित्य करे तो कैसी पाषाण डुदया कामिनी क्यों न हो अवश्य ही आकर्षित होती है ।
(२) अपनी अनामिका नामक उंगली चीर रक्त से भोजपत्र पर
,मंत्र लिखे जिसको आकर्षित करना हो उसका नाम लिखे और शहद में डुबा दे तो वह कामिनी अवश्य आकर्षित होवे ॥।
(३) गोरोचन में काले धतूरे का रस मिला कर कनेर की लकड़ी की लेखनी बना भोजपत्र पर उक्त मन्त्र लिखे जिसे आकर्षित करना हे उसका नाम लेकर खेर नामक वृक्ष की अग्नि में तपाले ओ बेक्ति या स्त्री जितना दूर में हो ना क्यूं आकर्षित होके चला आयेगा।
सम्मोहन तिलक
1.तुलसी के बीज को सहदेवी के रस में घिसकर रविवार को तिलक करने से सर्व लोक मोहित हो जायेगा
2. हरितकी, अश्वगंध गोरोचन को केले के रस में घिसकर तिलक करने सर्व लोक मोहित हो जायेगा।
3. नागर पान जड़ को पानी से पीसकर तिलक लगाने से देखने वाले मोहित हो जाते हे।
4.सिंदूर ,केशर और गोरोचण को आमले के रस में पीसकर तिलक करने से देखने बाला मोहित हो जाते हे।
5. तुलसी के बीज को बेरला रस में पीस कर तिलक लगाने से सामने बाला लोग मोहित हो जाता हे
6. अपमार्ग की जड़ ,रक्त चंदन , एलाच और बच को मिलाके पीसकर तिलक धारण करने सर्व लोग मोहित हो जाते हे।
7. हरितकी और दुर्बा घास एक साथ मिलाके पीस कर तिलक देने से लोग देखने से आपका ऊपर मोहित हो जायेगा।
8. गुलर के फूल लेकर उसकी बत्ती बना लेना हे फिर घी में डाल के उसको जलाए उस आग से काजल बना ले इस काजल को लगाने से सामने बाला आपका सम्मोहित हो जायेगा।
9.ब्रह्म दंडी की जड़ को सफेद गूंजा के रस में पीसकर तिलक लगाने से सर्व जन मोहित होते है।
10.सफेद आक की जड़ और सफेद चंदन को घिसकर तिलक धारण करने से सामने बाला कहीभी हो मोहित जाते हे।
11.बिजया के पत्तो को रस में पीला सरसो को एक साथ पीस कर तिलक धारण करने से जो भी देखेगा आपको वो मोहित हो जायेगा।
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