शिलाजीत का फायदा (shilajit khane ki faida)
आयुर्वेद शास्त्र में वर्णित शुद्ध शिलाजीत बहुत फायदे मान हे जो शरीर को निरोग और दीर्घायु बना सकते हे।इस शिला जीत को अलग अलग बीमारी में अलग पेड़ पोधा जड़ी बूटी का मिला कर अलग अलग रोग का चिकित्सा होता हे।
शिलाजीत का शोधन विधि(shiljit ko shodhan karne ka bidhi)
शिलाजीत को सर्व प्रथम १६ गुण गरम जलमे मिलाकर २४घंटे भीगा देना पड़ेगा ।इसके बाद लोहे के कड़ाई को चूल्हे पर चढ़ा उस गरम पानी से २ या ३ बार उबाला करके नीचे उतर लेंगे फिर ठंडा होने पर छान लेना हे और धूप में सुखा देना हे।
शिलाजीत का शोधन विधि दूसरा प्रयोग
त्रिफला को पानी में भीगा देना हे और उसको गरम करना हे इसके अंदर शिलाजीत को डाल देना हे कुछ टाइम के बाद उतार के कपड़ा से छाक लेने से शिलाजीत शुद्ध हो जाते हे।
आज कल तो मार्केट में बहुत कंपनी शुद्ध शिलाजीत बिकरहा हे।
शिलाजीत का गुण(shiljit ka gun)
शिलाजीत मानव शरीर पर अमृत के तरा काम करता हे।खून की शुद्धि के लिए और खून का कमी को बड़ाने के लिए,बात पित्त कफ आदि को दूर करते हे, पोष्टिक बल को वृद्धि करने के लिए,शरीर में कृत्रिम विष को निकल नेकेे लिए, इंद्रिय और शरीर का बुद्धि को तेज करने के लिए,पुरुष के शुक्राणु के कमी को दूर करने के लिए इसका उपयोग करते हे इसके इलावा और भी बहुत बीमारी में इसको इलाज के उपोयॉग होता हे।शास्त्र में बताई गेया हे संसार में ऐसा कही बीमारी नही जो शिलाजीत से ठीक नही हो सकते हे।
रस रत्न समूह पुस्तक में लिखा हे शुद्ध शिलाजीत के सेवन से ज्बर, शोथ,मधुमय,प्रमेह, कम बुध्दि,हृदय रोग, अस्स रोग, कुष्ठ,कफ वृद्धि,बहुमुत्र रोग, नपुंसकता, त्बजा के रोग जड़ से नष्ट करने के समता हे इसमें।
शिलाजीत को जिन द्रब्यकी भावना दी जाय उनके अनुसार उसका गुनको वृद्धि करते हे। अत शास्त्र में क्वाथ या स्बरस को भावना देनेका निन्मानुसार विधान हे।
बात रोग में रसना,दशमुल, खरटी ,पुननवा , अरंड, सोयर,मुलहरी, ओसौधीको क्वाथकी भावना देने से ठीक हो जायेगा।
पित्त रोग के लिए मुनक्का, शताबरी,या मल्लिका पुष्प, परवल, त्रायमारण,गिलोय और जीवनी यगरगकी ओसौधी यो से भावना दे।
काफरोग के लिए त्रिफला,बच, बाय पिंडग, करंज,नागरमोथा,और बृहद पंचमुल को एकसाथ करके भावना देना हे।
बातकफ के लिए नागर मोथा,कूट,बच,त्रिफला,देबदारू, बायपिंडग,पंचकोल,हल्दी,कालीमिर्च,और की भावना देना हे।
पित्त कफ के लिए पाठा,परवल, निम्ब,त्रिफला, नागरमोथा,कूट,सप्तपराग,गिलोय सबको एक साथ भावना देना हे।
इस तरा भिन्न भिन्न रोग के लिए रोग नाशक ओसौधि को भावना दी जाती है या रोग नाशक अनु पान के साथ शिलाजीत सेवन करने से फायदा मिलता हे।
१)ज्वर नशाथे नागर मोथा और पित्त पापड़ाका क्वाथ।
२) शोप रोगमे मयूर मांसका रस
३)रक्त पित्त पर मुलहटिका क्वाथ।
४) कास्य रोगमे दूध
५) मेदोवृद्धि पर जल मिश्रित शहद।
६)बुद्धि वृद्धि में गौ दुद्ध।
७) उदर रोगमे भेस का मूत्र
८)कुष्ठ आदि रोग में खादिर क्वाथ।
९)धातु रोग में केशर और मिसरी मिला दूध।
१०)मूत्र रोग में छोटी इलाची और पीपलका चूर्ण।
११) प्रमेह रोग पर शिलाजीत और बंग भस्म सम परिमाण मिलाके दूध से सेवन करने से प्रमेह दूर हो जाते हे।
१२)शुक्रमेह रोग पर शिलाजीत १० ग्राम बंग भस्म १० ग्राम लोहा भस्म ५ ग्राम और अभ्रक भस्म ५ग्राम मिलाके १रत्ती परिमाण गुली बनाके शूभे और शम्को दूध से सेवन करने से सपना दोष या शुक्र मेह रोग दूर हो जाते हे।
बहु मूत्र रोग पर शिलाजीत,बंग भस्म, छोटी एलाची के दाने और बंशलोचन,इन चारो को सम परिमाण मिलाकर शुद्ध होनी के साथ खरल करे २ रत्ती परिमाण गोली बनाए ,इसको शुभा साम को गोखरू के क्वाथ के साथ सेवन करने से बहुमूत्र रोग निर्मूल होता हे।
१३) आयु वृद्धि के लिए मिश्री मिला हुए गोदुद्ध के साथ एक बरस या अधिक समय तक सेवन कराएं।
शिलाजीत का विशेष उपयोग(shiljit ki bishes upoyog)
1. ऊर्जा और शक्ति प्रदान करता है:
सदियों से, आयुर्वेदिक जड़ी बूटी दवाओं ने ऊर्जा को बढ़ावा देने और शरीर सास्थ को पुनर्जीवित करने के लिए शिलजीत का उपयोग करते आए हे। यह शरीर में माइटोकॉन्ड्रिया के काम को बढ़ाकर शरीर को ऊर्जा शक्ति प्रदान करता है। यह शिलाजीत मजबूत एंटीऑक्सिडेंट गुणों के साथ शरीर को पुनर्जीवित करती है तथा रोग प्रतिरोध क्षमता को बड़ते हे। एक बीमारी का कारण बनने वाले क्षति की मरम्मत करता है।
2. मस्तिष्क स्वास्थ्य बुद्धि को विकाश करती हे:
अध्ययनों से पता चलता है कि इसमें एक विशेष न्यूरोप्रोटेव क्षमता है। इन अविश्वसनीय पोषक तत्वों का उपयोग अल्जाइमर रोग के हल्के मामलों के इलाज के लिए भी किया जा सकता है। शिलाजीत मन और बुद्धि दोनो को विकाश करते हे।
3. नियंत्रण हार्मोन ग्रंथि और प्रतिरक्षा प्रणाली:
एक और महत्वपूर्ण शिलजीत फ़ंक्शन यह है कि यह विभिन्न बॉडी इम्यूनिटी को नियंत्रित करता है, जैसे कि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली और आपके हार्मोन संतुलन करना।
4. यह दर्द से राहत देता है:
बढ़ती उम्र में शरीर में हड्डी या दर्द और मांस पेशियों में दर्द से भी राहत देता हे।ये शरीर में कैल्शियम का कमी को पूर्ण करती हे।
5. यह शरीर के एनार्जी लेबल को एक शक्तिशाली बूस्टर के रूप में कार्य करता है।
6. मधुमेह रोग से निजात पाने के लिए मदद करता है:
शिलजीत मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा और लिपिड प्रोफाइल को कम करने में मदद कर सकते हैं।
7. कैंसर के बीमारी में शिलाजीत प्रयोग :
शिलाजीत विभिन्न प्रकार के कैंसर के लिए उपयोग करते हैं, जिनमें फेफड़े, स्तन यकृत कैंसर और भी बहुत तरा की कैंसर रोग में इसका प्रयोग किया जाते हे।
8. शरीर के अंदर होने बाला जख्म कम करता है और बेक्ट्रीया से लड़ता है:
यह गैस्ट्रिक अल्सर के लिए उपयोग करते हे और रोग को कम करने और उनके संबंधित घा को कम करने में सक्षम है।
9. यह शरीर के हड्डियां को मजबूत करने में सक्षम हे और हड्डियां का रोग में इसका प्रयोग समर्थन करता है और सुधार करता है।
10. दिल(heart) और उच्च रक्त चाप के लिए अच्छा है:
यह प्रत्येक खुराक में पाए जाने वाले लोहे की उच्च उपस्थिति के कारण एनीमिया के उपचार में भी प्रभावी है।शरीर में उच्च रक्त चाप को नियंत्रण करते हे।
11. इसका व्यापक रूप से सेक्स लिफ्टिंग के रूप में उपयोग किया जाता है।ये सेक्स पावर को बड़ाने तथा उत्तेजना को बड़ाने में मदत करती हे।
शिलजीत के साइड इफेक्ट्स -(shilajit ka side effects) शिलजीत के नुकसन
यदि सही तरीके सही अनुपात में लिया जाता है, तो ये किसी भी इसका कही खराब असर नही पड़ता हे । लेकिन अगर शिलाजीत बहुत मात्रा में लेने से कुछ खराब असर पड़ती है शरीर में।शरीर में अत्यधिक गर्मी और उत्तेजना बड़ जायेगा पसीना बहुत मात्रा में आना।
हाथों और पैरों में अधिक गर्मी को महसूस करना या अत्त्याधिक गर्मी के बजाय अनिद्रा भी हो सकते हे।
पेशाब बड़ जाना या कम हो जाना।आंखे लाल हो जाना शरीर पर किसी भी प्रकार की समस्या होती हे जैसे शरीर में खुजली होना या एलर्जी होना। यदि आप एलर्जी अपने स्किन पर देखते है या कही इंफेक्शन हो रहा हे अप तत्काल इसे खाना बंध कर दे।
बिशेस ध्यान शिलाजीत खाने की
शीलजीत'खाने' से अगर किसी तरह कही शारीरिक या मानसिक कही दिक्कते होती हे तो आप तुरंत डॉक्टर की साला ले सकते हे।
Thank you visit Mantralipi