चमत कारी सिद्ध साबर मंत्र
हरिः ॐ ॥ अस्मल्लाइल्ले मित्रावरुणदिव्या दिव्याणि धत्ते । इल्ले वरुणो
राजा पुनर्ददुः हवामि मित्रे इल्लां इलल्ले इल्लां वरुणो मित्रो तेजकामाः होतारमिंद्रो महा सुरेन्द्रः अल्लो ज्येष्ठं श्रेष्ठं परमं पूर्ण ब्रह्माणं अल्लां अदल्लामुकमेककं अल्लां मुकनिषातकं अल्लो यज्ञेनहुत हुत्वः अल्लसूर्य चन्द्र सर्वनक्षत्राः अल्लो ऋषिणां सर्व दिव्या, इन्द्राय पूर्वमपा परम अन्तरिक्षं विश्वरूपं दिव्याणि धत्ते इल्ललेवरुणो राजा पुनर्ददुः इल्लां कबरइल्लां इल्लेति इलल्लाः । अल्ला इलल्ला अनादि स्वरूपाय अथर्वणीशाखां हं ह्रीं जनान् पशुत् सिंहान् जलचरान् अदृष्टं कुरु-कुरु फट्, असुर संहारणीं ह्रीं अल्लो रसूल मोहम्मदकवरस्य अल्लो अल्लां इल्लं लेति इल्लल्लाः । इति अल्लां सूक्त अथर्वणी समाप्तं । ॐ शांतिः शांतिः शांतिः ।
पांच सौ वर्ष पुरानी एक जीर्ण-शीर्ण पाण्डुलिपि के अनुसार यह असुर संहारणी विद्या है। इसके नित्य पाठ करने से व्यक्ति अतुल पराक्रम को प्राप्त करता है। जिसके शरीर में शक्तिशाली मुस्लिम रूह (जिह्न, खर्व पीर, फकीर) ने प्रवेश कर लिया हो तो, इस अल्लोपनिषद् को सुनाते ही वह प्रसन्न हो जाता है तथा उसके शरीर को छोड़ देता है । एकांत जंगल में हिंसक जानवर शेर इत्यादि यदि दिखलाई दे जाए, तो इसके पाठ करने पर वह नजरों से ओझल हो जाते हैं। अनजाने तालाब या समुद्र में मगरमच्छ या अन्य हिंसक जलचर को देखने पर, इसके पाठ करने पर वह जलचर भी तत्काल भाग जाता है। इसके पाठ को सुनने से राक्षसों, पिशाचों व हिंसक पशुओं की आसुरी शक्ति नष्ट हो जाती है।
पीर - पैगम्बर बुलाने का मन्त्र -
ॐ बिसमिल्ला हिर्रहमाने रहीम या जिब्राईल या तत काफीलया, अज्राईल
या मेखाईल बहक या बन्धु हयन - हयन, ईस्मन-ईस्मन, बहक लाइल्लाहो इल्ला हो, मोहम्मद रसूलल्लाहो खतुमां सलेमान बिंदाउद अले सलाम हजरकाब्द, हजरकाब्द, हजरकाब्द।
इस मन्त्र को नित्य सोते समय १०८ बार जपें, धूप लोबान का करें, चालीस
दिन लगातार करते ही पैगम्बर, पीर व अच्छी रूह श्वेत पोशाक में हाजिर होगी, हाजिर होते ही घबरायें नहीं, मनइच्छा वरदान (मुराद) मांग लें। न मांगने पर रूह फटकार देगी जिससे अनिष्ट भी हो सकता है।
घर की रक्षा का चमत्कारी मन्त्र -
या अल्लाह पाक, इस आंगन को मैं आज करता हूँ बन्द, हजरत सुलेमानी
की बरकत से बन्द, हजरत मूसा की आज्ञा से बन्द, हजरत अली की शमशेर
से बन्द, हजरत अहमद के कलाम से बन्द, या रहमान की रहमत से बन्द, या करीम की करम से बन्द, या खालिक की बरकत से बन्द, या मालिक की रहमत से बन्द, या अल्लाह पाक मालिक रब्बुल गफूर, हमारे इस दोआ को तू करले कबूल, बहक्के हक ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मदुरसूल्लाह ॥
सोने के वक्त वजू (हाथ-मुंह धोकर) करके पानी के साथ पांच बार पढ़कर
ताली मारकर सो रहें, उसका सिमाना (आवाज) जहां तक होगा मकान रक्षित रहेगा।
देह - रक्षा मुस्लिम मन्त्र-
दोआ
आयतल कुर्सी बन्दन कोरान, बाहिरे-भीतरे सुब्हान, लोहे की कोठरी,
ताम्बे का किवाड़, सामने की छड़ी पैगम्बरेर बाड़ी, अमुकेर शरीरे र दिनेर चारि पहर, रातिर चारि पहर किंछू नहिं देखी खाली, बहके हक लाएलाहा इल्लल्लाह महम्मदुर रसूलल्लाह।
इस मन्त्र के पढ़ने के बाद बदजात रूहें शरीर पर हावी नहीं होतीं तथा इनसान की रक्षा होती है।
घर बारी बंधन करने के लिए सिद्ध बंगाली मन्त्र। इस मंत्र को कंठस्त करने के बाद तीन बार पाठ करके तीन ताली मारे तो घर बंधन हे।
घर बंद दुयार बंद बंद पीड़ार पाट ।
उनकोटी डाकिनी बंद दिये लोहार साट ।
भूत,प्रेत, दैत्य दानव साप बिछा बैंग ।
मनसा बासुकी बंद बंद बाघेर ठेंग
चारपेये तेपेये बंद बंद बुके हाटा ।
बंद बंद महाबंद शिरे शिबेर जटा ।
यदि बंद टूटे बंद शिबेर किरे लागे ।
आमार धुलाय तेत्रिश कोठी देबतारा भागे ।
तेत्रिश कोठी देवता छय कोठी दाना ।
बंदन टूटीले परे लागिबेरे हाना ।
कार आज्ञा पुयार आज्ञा ।।
सुखपूर्वक प्रसव कराने का मन्त्र-
ॐ गफुरुर्रहीम अल्लाह गफुरुर्रहीम, रहम करिये अल्लाह मालेकुम करीम
तालाब या कुएं से एक हाथ से खींचकर पानी निकालें व मन्त्र पढ़कर गर्भिणी
को पिलावें, तत्काल कष्टी कष्ट से छूट जायेगी।
पान वशीकरण मन्त्र-
ॐ श्री रामनागरबेली अकनकबीरी, सुनिये नारी बात हमारी, एक पान रंग
मंगाय, एक पान से जसो लावै, एक पान मुख बुलावै, हमको छोड़ि और को
देखे, तो तेरा कलेजा मोहम्मदा पीर छक्खै ।
तीन नागरवेल के पान, इक्कीस बार मन्त्र बोलकर स्त्री को खिलावें, तो वह
वशीभूत हो जायेगी।
मित्र वशीकरण मन्त्र -
शाल चक्कर, हीरा मक्कर, मक्के खबर अल्ला हो अकबर, इलाही इजुहील,
मेरा दुरस्त मिल, फातमा का हुक्म दोस्त के माफिक, तू करना मालूम।
यह मन्त्र एक बार मन में पढ़कर सलाम करें। अगला व्यक्ति आपसे जानी
दोस्त के माफिक बात करेगा।
वशीकरण मन्त्र-
दिल कबूतर हो रहा, घेरा पड़ा यासीन का, मुश्किल हमारी टाल दे सदका
मोईनुद्दीन का । जिसको वश में करना हो, उसकी तरफ या उसके घर की तरफ पढ़कर फूंकें ।
मीठा खिला कर वशीकरण
मीठा खिला कर वशीकरण करने का चमत कारी सिद्ध सबर मंत्र। इस मंत्र को किसीभी ग्रहण काल में १०८ बार जप करके कंठस्त करने के बाद किसीभी मीठा के ऊपर ७ बार मंत्र पढ़कर अभिमंत्रित करके किसीको खिला देने से वशीभूत हे।
ॐ नमो आदेश कामाख्या देवी को ।
जल मोहू स्थल मोहु,जंगल की हिरनी मोहू ।
बाट चलता बाटेही मोहू , दर बार बैठा राजा मोहू।
मोहिनी मेरा नाम , मोहुं जगत संसार ।
तारा तरिला तोतला, तिनों बसे कपाल ।
सिर चढ़े मात के,दुश्मन करू पमाल ।
मात मोहिनी देवी की दुहाई ।
फुरे मंत्र खुदाई।
फूल पड़ा देकर वशीकरण
फूल पड़ा देकर वशीकरण करने का सिद्ध साबर मंत्र। इस मंत्र को किसीभी ग्रहण कल में जप करके कंठस्त करने के बाद सुगन्धित फुल्के ऊपर ७ बार मंत्र करके अभिमंत्रित करके फूल को जिसको वशीकरण करना हे उसीका हैट में देने से बो वशीभूत हो जाते हे।
ॐ आदेश गुरुको, काऊरिदेश कामाख्या देवी
ताहा बैठे इस्माईल योगी
इस्माईल योगिकी आई फुलकी बारी ।
फूलचुलम्पारे नोना चामारी ,
फूल हासे फूल फूल बिगसे फूल पर बीर नरसिंह बसे।
यो लेई फूल की बास कबहु ना छोड़े मेरा आस
मेरी भक्ति गुरु शक्ति फूरो मंत्र ईश्वर वाचा
बान जादू टोना काटने का करात मंत्र
बान जादू टोना काटने का करात मंत्र। इस मंत्र पाठ कंठस्त करने के बाद किसीभी लोटा में पानी रखकर पानी को ७ बार पढ़कर अभिमंत्रित करके पानी पीला देने से किसीभी प्रकार जादू टोना बान बधा काट जाते हे।
करात करात महाकरात जेते काटे आसते
छेद काटे भेद काटे, डान काटे कुज्ञान काटे
बाहु काटे बाताश काटे
ज्वर काटे ज्वाला काटे, भूत काटे प्रेत काटे
डाकिनी काटे, शकीनी काटे
जिन काटे मक्केल काटे
बेताल काटे ब्रक्ष्म राक्षस काटे
तंत्र बाधा काटे मंत्र बाधा काटे
काला जादू बाधा काटे
अमूकेर अंगेर जरी काटे, जरीर विष काटे
जरी बेरोय कार आज्ञे?
बड़ बाप हनुमंत विरेर अग्ये
ॐ ह्लीं श्लिं स्वाहा।।
मदारी का खेल बाँधना-
सारी बांधो, कुसारी बांधो, सभी बांधो, सबूरा बांधो, काला बांधो, दीन बांधो, ताई बांधो, कामख्या बांधो, महान बांधो, देव बांधो, ताल बांधो, पानी बांधो, आग बांधो, वरैया बांधो, जल बांधों, फिराउन बांधो, पूंगी बांधो, मसूरा बांधो, कन बांधो, कवी बांधो, अटका बांधो, गैला बांधो, वैला बांधो, गुलाब के फूल बांधो, दोहाई काला पहाड़ की, बांधो काली माई, दोहाई चूरा पीर की, बचाना चूरा पीर ।
इस मन्त्र को पढ़कर सरसों या उड़द पढ़कर मदारी को मारें, तो उसे तरह-
तरह की विपदा होने लगेगी। पांच-छ: बार लगातार पढ़ने पर पूंगी बन्द हो जायेगी, पर इसके पहले अपनी आत्मरक्षा कर लेनी चाहिये । इन्हीं मन्त्रों से तेल पढ़कर, फूंककर यदि उस तेल से पकवान बनाया जाये, तो बहुत कम तेल या घी जलेगा।
परन्तु मन्त्र पढ़ने वाला तेल पढ़कर अपने हाथ से पकवान छानकर चूल्हे पर रख दे, जो पीछे फकीर या कुत्ते को खिला दे।
घर में लगी हुई आग कम करने का मन्त्र-
रहमकुन अए इलाही पाक बारी, इस घर के ऊपर अपने फजल से कर तू
रहमत - जारी । जैसी रहमत की थी तू ने खलील पर, वैसी रहमत करतू ऐ पखरदिगार । बहके हकला एलाहा इल्लल्लाहा मुहम्मदुर रसूललाह।
विधि -
थोड़ी मिट्टी पर यह मन्त्र 21 बार पढ़कर घर पर छिड़कें।
घर बांधना घर बान्धम दोर मान्धम उटन बन्धन आर। बन्धन करीनू आमी नामे ते अल्लार। जिब्राईल, मीकाईल, ईस्राफील आर । ईज्राईल अल्लार गोलाम हुकुम बर्दार ॥ बाड़िर चारि कोने ईहादेर राखिया मौजूद। अल्लाह बो नबीर नामे भेजिया दरूद। बन्धन करीनूं आमी (फलानार) बड़ी । मेहर करिवे अल्ला आपे पाक बारी। एई बाड़ीरऊपर ते भूत-प्रेत डाईने योगिनी, देव दैत्य यदि थाके केहो । मारिया गुर्जर बाढ़ी दूर करके देहो। या इलाहो, माबूद, करीम, रहीम, साबूद, बहक लाइलाहा इल्लल्लाहा मोहम्मदुर रसूललाह ।
विधि-
शनि या मंगल के दिन चार काले घड़े लावें । घड़े के भीतर सात गांव की
मिट्टी ला रखें। शनि या मंगल को लोहार के यहाँ से चार लोहे की कांटी बनवा
और सात घाट का पानी और बिना फूले सीमल गाछ की जड़ लाकर सभी चीजों को चार हिस्से करके घड़े में रखकर प्रत्येक में तीन बार मन्त्र पढ़कर मुँह पर ढकना छिपाकर अच्छी तरह से बन्द करके थोड़ा सरसों का तेल घड़े के ऊपर लगा दें और घर के चारों कोनों में अजान दे देकर चारों घड़े गाड़ दें। वह घर हर आफत से बचा रहेगा।
कुछ दुर्लभ जैन - मन्त्र
धन-धान्य बढ़ाने वाला आतल कुर्सी मन्त्र -
ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रः कलिकुण्ड स्वामिने नमः, जये विजये अपराजिते
चक्रेश्वरी ममार्थं सिद्ध-सिद्ध, कुरु-कुरु स्वाहा ।
किसी भी धान के सात अच्छे दाने लेकर उस पर यह मन्त्र सात बार पढ़ना
तथा दाने वस्तु में वापस डाल देना, उस वस्तु की वृद्धि होगी तथा उससे बराबर लाभ होगा।
कार्य सिद्धि जैन मन्त्र-
ॐ नमो भगवते ह्रीं श्रीं पद्मावती मम कार्यं कुरु-कुरु स्वाहा ।
इस मन्त्र को इक्कीस बार पढ़कर, अभीष्ट वस्तु लिख करके जावे तो राजा
व उच्चाधिकारी वश में हो जाते हैं।
सर्वदोष नाशक रक्षा-मन्त्र-
ॐ ह्रीं श्रीं पार्श्वनाथाय, ह्रीं घरणेन्द्र पद्मावती सहिताय, आत्मचक्षु, परचक्षु,
भूतचक्षु, डाकिनीचक्षु, सर्वलोग चक्षु, पितरचक्षु, आत्म कश-कश, हन-हन, दह-दह, पच-पच, ॐ फट् स्वाहा ।
यह जैन यतियों द्वारा प्रदत्त दुर्लभ-मन्त्र है। अचानक किसी प्रकार की हवा
( नजर) लगने पर, तबीयत खराब होने पर, जीव मचलने पर, इस मन्त्र को जपता हुआ कुलवाणि करके, पिलावें और इस मन्त्र को इक्कीस बार पढ़ें तो, सब प्रकार के दोष हट जाते हैं और जीव को आराम मिलता है।
नारियल द्वारा पुत्र प्राप्ति का मन्त्र-
ऐं नमः ॐ नमो भगवती पद्मे ह्रीं क्लीं ब्लूं त्रिट - त्रिट (अमुक) स्त्री अपत्य
हिनाय अपत्य गुण क्षय, सर्वांवयव संयुत शोभन सुन्दर दीर्घायु पुत्रं देही-देही, मा विलम्बय - विलम्बय, रां ह्रीं श्रीं पद्मावतीं मम कार्यं कुरु कुरु स्वाहा ठः ठः ठः स्वाहा।
इस मन्त्र को एक सौ आठ बार नारियल पर जपें। तत्पश्चात् अभिमन्त्रित नारियल ऋतु धर्म के पश्चात् शुद्ध होने पर स्त्री को खिलावें, पुत्र अवश्य होवे । यह सही, सत्य है।
सभी प्रकार के बुखार व ज्वर- नाश करने का मन्त्र -
ॐ नमो श्री पार्श्वनाथाय चिपटी नाम महाविद्याय, सर्व ज्वर, विनाशनिया,
या दिशं पश्यामि, ता ता भवति निः ज्वर, शिरो मुञ्छ - मुञ्छ, ललाट मुञ्छ-मुञ्छ, नेत्र मुञ्छ-मुञ्छ, नासिका मुञ्छ-मुञ्छ, क्रोधो मुञ्छ- मुञ्छ, कटि मुञ्छ-मुञ्छ, पादो मुञ्छ-मुञ्छ गुटिं मुञ्छ-मुञ्छ, भूमियां गच्छ महान् ज्वर स्वाहा ।
इक्कीस बार मन्त्र पढ़कर उड़द के दाने अभिमन्त्रित करें। एक-एक दाना
के मन्त्र बोलते हुए इक्कीस बार यह मन्त्र पढ़कर रोगी के ऊपर फेंकें। सभी प्रकार का बुखार दूर होकर रोगी को तत्काल राहत मिलती है। यह सही, सच्ची व अनुभूतशुदा बात है।
चोर पकड़ने का मन्त्र-
ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रौं ह्रः ज्वां ज्वीं ज्वालामालिनी चोर कण्ठं ग्रहण-ग्रहण स्वाहा ।
शनिवार रात्रि को चावल धोकर, इक्कीस बार इस मन्त्र द्वारा अभिषिक्त कर कोरी हांडी में डालें। रविवार को सुबह धूप देकर, इक्कीस बार मन्त्र पढ़कर चावल सन्देहास्पद व्यक्ति को खिलावें, तो जो चोर होगा, उसके मुंह में से खून गिरने लगेगा
वर्षा रोकने व कराने का जैन-मन्त्र-
ॐ ह्रीं क्षीं सों क्षं क्षं मेघकुमारकेभ्यो वृष्टिं स्तम्भय-स्तम्भय स्वाहा ।
श्मशान में प्यास बैठकर जाप करें, तो मेघ का स्तम्भन हो जायेगा । बादल
उमड़-घुमड़ कर आयेंगे परन्तु वर्षा नहीं होगी।
ॐ नमो रम्ल्यूँ मेघ कुमाराणां ॐ ह्रीं श्रीं क्षम्यूँ मेघ कुमाराणां वृष्टि कुरु-
कुरु ह्रीं सं वौषट् ।
इस मन्त्र का एक लाख विधिपूर्वक जप करें। जब पानी बरसाना हो तब उपवास कर पाटा पर मन्त्र लिखकर पूजा करें, पानी बरसे।
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